आधार कार्ड पर सुनवाई पूरी, सुको ने सुरक्षित रखा फैसला

1
770

नई दिल्ली। राडार न्यूज़ 2016 के आधार कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई पूरी कर ली। पांच जजों की बेंच इन याचिकाओं पर अदालत फैसला बाद में सुनायेगी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने करीब चार महीने के दौरान 38 दिन इन याचिकाओं पर सुनवाई की। गुरुवार को सभी संबंधित पक्षकारों को इस मामले में तत्काल अपनी लिखित दलीलें पेश करने का निर्देश दिया है। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एके सिकरी, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अशोक भूषण शामिल हैं। इन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल और विभिन्न पक्षकारों की ओर से कपिल सिब्बल, पी चिदंबरम, राकेश द्विवेदी, श्याम दीवान और अरविंद दातार सरीखे वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अपनी अपनी दलीलें पेश कीं। सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार ने आधार नंबरों के साथ मोबाइल फोन जोड़ने के निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि यदि मोबाइल उपभोक्ताओं का सत्यापन नहीं किया जाता, तो उसे शीर्ष अदालत अवमानना के लिये जिम्मेदार ठहराती। हालांकि, न्यायालय ने कहा था कि सरकार ने उसके आदेश की गलत व्याख्या की और उसने मोबाइल उपभोक्ताओं के लिए आधार को अनिवार्य बनाने के लिए इसे एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। कर्नाटक हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश केएस पुत्तास्वामी और अन्य याचिकाकर्ताओं ने आधार की संवैधानिक वैधता को चुनौती दे रखी है। शीर्ष अदालत सरकार की इस दलील से सहमत नहीं थी कि लोकसभा अध्यक्ष ने आधार विधेयक को सही मायने में धन विधेयक बताया था, क्योंकि यह समेकित कोष से मिलने वाले कोष से दी जा रही सब्सिडी से संबंधित है।

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here