हर्रई गोलीकाण्ड : एसडीएम, एसडीओपी और टीआई के ऊपर फायरिंग करने वाले पाँच बदमाशों को 10 वर्ष का कारावास

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जिला एवं सत्र न्यायालय पन्ना का फाइल फोटो।

* केन नदी पर बने अवैध रपटा को तोड़ने के दौरान बदमाशों ने की थी गोलीबारी

* रेत के अवैध परिवहन के लिए केन नदी का प्रवाह रोककर बनाया था रपटा

* बहुचर्चित गोलीकाण्ड में प्रथम अपर सत्र न्यायालय पन्ना ने सुनाया फैसला

पन्ना। (www.radarnews.in)  पन्ना एवं छतरपुर जिले की प्राकृतिक सीमा रेखा कहलाने वाली केन नदी की रेत के अवैध खनन-परिवहन हेतु चाँदी-पाठी में करीब 7 वर्ष पूर्व नदी का प्रवाह रोककर अवैध रूप से बनाए गए रपटे को तोड़ने की कार्रवाई के दौरान अजयगढ़ के तत्कालीन प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारियों की टीम के ऊपर बदमाशों ने जमकर गोलियां बरसाईं थी। इस अप्रत्यशित घटना में तत्कालीन एसडीएम, एसडीओपी और टीआई सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी घायल हुए थे। हर्रई रेत खदान गोलीकाण्ड के इस बहुचर्चित प्रकरण में प्रथम अपर सत्र न्यायालय पन्ना ने अपना निर्णय पारित करते हुए पाँच अभियुक्तों को 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने सभी अभियुक्तों को विभिन्न धाराओं में अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है।
अपर लोक अभियोजक काजी रुकनुद्दीन ने न्यायालय के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि दिनाँक 10 मार्च 2012 को एक शिकायत पर अजयगढ़ तहसील के राजस्व एवं पुलिस अधिकारी संयुक्त रूप से कार्रवाई करने दलबल के साथ केन नदी की हर्रई रेत खदान गए थे। जहाँ नदी के जल प्रवाह को रोककर रेत के अवैध खनन-परिवहन हेतु अवैध रूप से बनाए गए रपटे को तोड़ने की कार्रवाई का स्थानीय बदमाशों व रेत माफियाओं के द्वारा विरोध किया गया। रपटा तोड़ने से बौखलाए आधा दर्जन बदमाश गाली-गलौंज करते हुए हर्रई गांव की तरफ चले गए और वहां से संयुक्त दल को निशाना बनाते हुए फायरिंग शरू कर दी। गोलीबारी की इस घटना में तत्कालीन अजयगढ़ एसडीएम नाथूराम गौंड़, एसडीओपी जगन्नाथ सिंह मरकाम, अजयगढ़ थाना निरीक्षक असलम खान समेत अन्य अधिकारी-कर्मचारी घायल हुए थे।
इस घटना की रिपोर्ट दिनांक 10 जून 2012 को राजस्व निरीक्षक जगदीश प्रसाद तिवारी ने पुलिस थाना अजयगढ़ में दर्ज कराई थी। जिस पर थाना अजयगढ़ में अपराध क्रमांक 59 /12 धारा 307, 353, 186, 294, 506 के तहत आरोपी कुबेर सिंह पिता हिम्मत सिंह निवासी ग्राम बंसिया जिला छतरपुर, रामकिशोर पिता नन्हे सिंह ग्राम भीना थाना अजयगढ़ जिला पन्ना, मकरंद द्विवेदी उर्फ कल्लू द्विवेदी पिता चिंतामणि द्विवेदी निवासी छतरपुर जिला छतरपुर, राम सिंह पिता राम मनोहर सिंह निवासी ग्राम हर्रई थाना बंसिया जिला छतरपुर, गंभीर सिंह पिता कल्लू सिंह निवासी ग्राम बिल्हरका थाना नरैनी जिला बांदा उत्तर प्रदेश एवं भूरा सिंह उर्फ मोहित पिता बलबीर सिंह निवासी ग्राम भीना थाना अजयगढ़ जिला पन्ना के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया था। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर सम्पूर्ण जांच उपरान्त मामले का चालान न्यायालय में पेश किया।
सांकेतिक चित्र।
प्रथम अपर सत्र न्यायधीश पन्ना अनुराग दिवेदी ने इस प्रकरण की सुनवाई पश्चात अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी रामकिशोर सिंह, मकरंद द्विवेदी उर्फ कल्लू द्विवेदी, राम सिंह, भूरा उर्फ मोहित एवं गंभीर सिंह को अलग-अलग धाराओं में दोषी मानकर 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही इन सभी को अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है। इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक काजी रुकनुद्दीन ने की। इस बहुचर्चित प्रकरण के महत्वपूर्ण फैसले की आज जिले में काफी चर्चा रही। उल्लेखनीय है कि इस प्रकरण में शामिल एक आरोपी एवं कुख्यात बदमाश कुबेर सिंह पिता हिम्मत सिंह निवासी ग्राम बंसिया जिला छतरपुर के फरार होने की वजह से उसका फैसला फिलहाल लंबित है।