* आईएएस बनने के सपने को पूरा करने 28 को होने वाली परीक्षा में फिर होंगे सम्मलित
* जिले में ख़ुशी की लहर, परिजनों को बधाई देने लगातार पहुँच रहे आसपास के गांवों के लोग
रिजवान खान, पन्ना/ अजयगढ़। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील के सिंहपुर ग्राम निवासी मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले होनहार युवा गोल्डी गुप्ता संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में 181वीं रैंक प्राप्त कर भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के लिए चयनित हुए है। गोल्डी का सपना भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित होकर आईएएस ऑफिसर बनना है। वे भारतीय पुलिस सेवा ज्वॉइन करने के साथ आगे भी अपनी तैयारी जारी रखेंगे। आगामी 28 मई को होने वाली यूपीएससी की परीक्षा में भी वे हिस्सा लेंगे।
गोल्डी बताते हैं कि यह उनका पांचवा प्रयास और तीसरा इंटरव्यू था जिसमें उन्हें सफलता मिली है। उन्होंने कहा, मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। इसलिए कर्तव्य के प्रति पूरी ईमानदारी के साथ मेहनत करने से अच्छा परिणाम मिलता है। गोल्डी सिंहपुर निवासी मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखते हैं। गोल्डी की प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर अजयगढ़ से हुई । उसके बाद उत्कृष्ट विद्यालय अजयगढ़ से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की । दिल्ली विश्वविद्यालय के पॉलिटिकल साइंस से बीए और जेएनयू से एमए की पढ़ाई पूरी की। दिल्ली यूनिवर्सिटी से एमफिल की पढ़ाई पूरी की और पीएचडी भी वहीं से कर रहे हैं। उन्होंने पढ़ाई जारी रखने के साथ ही यूपीएसपी की भी तैयारी की और परीक्षा में बैठे। यूपीएससी की परीक्षा परिणाम जारी होने पर गोल्डी को ऑल इंडिया 181वीं रैंक मिलने पर उनके गांव में दीवाली जैसा उत्सवी माहौल है। लोग उन्हें फोन पर बधाई तो दे ही रहे हैं साथ ही उनके घर में भी बधाई देने वालों की भीड़ दोपहर से ही लगी हुई है।
अनाज कारोबारी हैं पिता
गोल्डी के पिता राजेश गुप्ता अनाज खरीदने-बेचने का कारोबार करते हैं। जबकि माता गीता गुप्ता गृहणी हैं। उनका परिवार सिंहपुर गांव के साथ ही अजयगढ़ में बरियारपुर कृषि फार्म में भी रहता है। पिता राजेश गुप्ता बताते हैं कि गरीब परिवार से थे गांव में छोटी सी खेती थी।गोल्डी के बड़े भाई रामेंद्र गुप्ता के रेलवे में एसडीओ की नौकरी मिलने के बाद परिवार की हालत में सुधार आया, अब वह अनाज का काम करने लगे हैं। बहन मेधा गुप्ता का विवाह हो गया है। वे अपने ससुराल में हैं।
शिक्षक ने मार्गदर्शन के साथ आर्थिक मदद दी
पिता राजेश बताते हैं हम तो ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं। गोल्डी के शिक्षक राजेश मिश्रा ने ही उसका मार्गदर्शन किया। दिल्ली की राह दिखाई और आर्थिक मदद भी की। उन्हीं के मार्गदर्शन से गोल्ली को दिल्ली में प्रवेश मिल पाया था। वह गांव से आईएएस बनने का लक्ष्य बनाकर गया था। हालत यह थी के साल में सिर्फ दीपावाली में ही एक-दो दिन के लिए गांव आता था।