गैंगरेप पीड़ित छात्रा बनी मां, बच्चे को दिया जन्म

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जिला चिकित्सालय पन्ना में बिस्तर पर लेटी छात्रा उसका नवजात शिशु और समीप बैठी मां।

रिश्ते के मामा ने नाबालिग को बनाया था हवस का शिकार

छात्रा और उसके परिजनों ने आरोपियों के खिलाफ की कठोर कार्रवाई की मांग

पन्ना। रडार न्यूज  मध्यप्रदेश में गैंगरेप पीड़ित एक 15 वर्षीय छात्रा ने बुधवार 10 अक्टूबर को जिला चिकित्सालय पन्ना में एक बच्चे जन्म दिया है। बिन ब्याही मां बनी नाबालिग किशोरी को करीब 9 माह पूर्व दो स्वजातीय युवकों ने अपनी हवस का शिकार बनाया था। दोनों ही आरोपी रिश्ते में छात्रा के मामा लगते हैं। पन्ना जिले के सिमरिया थाना के ग्राम मोहन्द्रा रहने वाली छात्रा ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि रात्रि में घटना दिनांक को रात्रि करीब 8:30 बजे खिरका टोला में शौंचकर वह मोहल्ले की ही एक महिला के साथ वापिस घर लौट रही थी तभी रास्ते जग्गी रैकवार पुत्र स्वर्गीय पहाड़ी रैकवार 32 वर्ष और मुड़ी रैकवार पुत्र नंदी रैकवार 35 वर्ष दोनों निवासी मोहन्द्रा ने उसे जबरन पकड़ लिया। यह देख उसके साथ वाली महिला डरकर भाग गई। मौका पाकर दोनों कामांध दरिंदों ने मामा-भांजी के पवित्र और विश्वास भरे रिश्ते को तारतार करते हुए नाबालिग को बारी-बारी अपनी हवस का शिकार बनाया। बाद में इस घटना के संबंध में किसी को कुछ भी बताने पर जान से मारने की धमकी देकर दोनों वहशी मौके से भाग गए। किसी तरह डरी-सहमी घर पहुंची किशोरी ने रात में ही अपनी मां को घटना की जानकारी दी। अगले दिन गैंगरेप पीड़ित छात्रा माता-पिता के साथ मोहन्द्रा पुलिस चौकी पहुंची जहां घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए आरोपी जग्गी रैकवार व मुड़ी रैकवार के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर दोनों को तत्परता से गिरफ्तार किया। पुलिस द्वारा सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों को पवई न्यालय में पेश किया गया जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल गया।

पीड़िता की आंखों से नहीं रुक रहे आंसू

पिछले 20 साल से मोहन्द्रा स्थित अपनी ससुराल में रह रहे छात्रा के पिता ने बताया कि वह गांव में स्थित एक होटल में काम करता है। जबकि उसकी पत्नी मजदूरी करती है। बेटी के साथ बुरा काम करने वाले आरोपी कोई और नहीं बल्कि उसकी पत्नी के ही चचेरे भाई हैं। पिता का कहना है सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई बेटी के गर्भ ठहरने का पता काफी देर से चला। बुधवार 10 अक्टूबर को बेटी को प्रसव पीड़ा होने पर उसे मोहन्द्रा ले गए जहां से पवई के लिए रेफरल कर दिया। इसके बाद पवई सामुदायिक स्वास्थय केंद्र से भी बेटी को जिला चिकित्सालय पन्ना के लिए रेफरल किया गया। पन्ना में बुधवार शाम करीब 4 बजे नाबालिग छात्रा ने एक बच्चे को जन्म दिया। प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वस्थ बताये जा रहे हैं। हालाकिं बिन ब्याही मां बनी किशोरी अपनी संतान, खुद के भविष्य तथा गरीब माता-पिता की समाज में बदनामी को लेकर गहरी चिंता में डूबी है। उसकी उदासी-लाचारी साफ़ बयां कर रही कि इस समय उस पर क्या गुजर रही है। छात्रा कि आंखों से गिरते आंसू इस बात का प्रमाण है कि इतने महीने बाद भी वह उस भयानक हादसे से उभर नहीं पाई है, जिसने उसकी हंसती-खेलती जिंदगी को गम और दुखों से भर दिया।

दबाब डालकर स्टाम्प में लगवाये अंगूठा

सांकेतिक फोटो

पीड़िता के पिता ने गुरुवार 11 अक्टूबर 2018 को पन्ना में मीडियाकर्मियों से चर्चा में पवई के एक अधिवक्ता पर बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि करीब 3-4 माह पूर्व पवई से मोहन्द्रा आये वकील साहब ने उसके परिवार को मंजू रैकवार के घर बुलाया जहां दरवाजे बंदकर राजीनामा करने का दबाब डालते हुए स्टाम्प पर उसके और पत्नी व सगे साले घसोटी का अंगूठा लगवा लिया। उस समय कमरे के अंदर पवन रैकवार, लल्लू चौरसिया आदि लोग मौजूद थे। वकील ने कथित तौर पर उनसे कहा कि राजीनामा करने के बाद आरोपी उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी नहीं देंगे। बेटी का विवाह कराने का भरोसा दिलाते हुए उसके साले घसोटी को एक लाख रुपये भी दिए गए। छात्रा के अनपढ़ माता-पिता का कहना है कि जिस स्टाम्प पर जबरन उनके अंगूठा निशानी लगवाए गए उसमें क्या लिखा था उन्हें मालूम नहीं है। उक्त वकील ने धौंस देकर दुष्कर्म पीड़िता के हस्ताक्षर स्टाम्प में कराने की कोशिश की थी लेकिन वह इसके लिए राजी नहीं हुई। कुछ दिन बाद लल्लू चौरसिया एक लाख रुपये भी घसोटी रैकवार से वापस ले गया। इस घटनाक्रम के बाद गैंगरेप के दोनों आरोपी जमानत पर छूट गए। अपनी बेटी का भविष्य बर्बाद करने और उसे कभी न भूलने वाला जख्म देने वाले आरोपियों तथा राजीनामा का दबाब डालकर उन्हें बचाने वालों के खिलाफ पिता ने कठोर कार्रवाई की मांग की है। वहीं कक्षा 8वीं में पढ़ने वाली पीड़िता ने भी उसके साथ हैवानियत करने वाले दरिंदों व उनके मददगारों के खिलाफ सख्त से सख्त सजा की मांग की है।