मादा तेंदुआ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, जंगल में प्लाण्टेशन के समीप मिला शव

0
930
दक्षिण वन मंडल के शाहनगर वन परिक्षेत्र अंतर्गत हाल ही में शिकार हुए तेंदुए का झाड़ियों के बीच पड़ा शव। (फाइल फोटो)

* लम्बे समय से शिकारियों के निशाने पर हैं पन्ना के वन्यजीव

* दक्षिण वन मण्डल पन्ना के अधिकारियों का दावा तेंदुए की हुई प्राकृतिक मौत

पन्ना। (www.radarnews.in) जिले के दक्षिण वन मण्डल की शाहनगर रेंज के सीमावर्ती इलाके टिकरिया बीट अंतर्गत एक युवा मादा तेंदुआ का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला है। वन विभाग के अधिकारी प्रथम दृष्टया तेंदुआ की मौत को सामान्य बता रहे है। इनके दावे का आधार मृत तेंदुए का शव पूर्णतः सुरक्षित होना और उसके शरीर पर किसी तरह का कोई निशान ना मिलना है। फिर युवा मादा तेंदुए की मौत कैसे हुई , फिलहाल प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट नहीं हो सका। वन विभाग ने तेंदुए के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। अब मंगलवार 29 अक्टूबर को मादा तेंदुआ का पोस्टमार्टम होने के बाद उसकी रिपोर्ट आने पर मौत के कारणों का खुलासा होने की बात कही जा रही।
शाहनगर रेंजर श्रीमती जानकी यादव ने रडार न्यूज़ को बताया कि सोमवार की सुबह जंगल गश्त के दौरान टिकरिया बीट के वन कक्ष क्रमांक-पी- 987 में प्लाण्टेशन के समीप एक मादा तेंदुआ मृत अवस्था में झाड़ियों के बीच पड़ा मिला। उसकी आयु करीब 5-6 वर्ष है। उनके अनुसार, प्रारंभिक जांच में तेंदुए की प्राकृतिक मौत होना प्रतीत हो रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मृत तेंदुए के सभी अंग पूर्णतः सुरक्षित है। उसके शरीर पर किसी तरह के कोई निशान भी नहीं है। युवा मादा तेंदुए की असमय मौत फिर कैसे और क्यों हुई, इस सवाल पर रेंजर जानकी यादव का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही मौत का कारण स्पष्ट होगा। उन्होंने बताया कि सच्चाई का पता लगाने के लिए इस मामले में हर पहलू पर बारीकी से जांच की जा रही है। उधर, क्षेत्र में ऐसी चर्चा है कि कथित तौर पर मादा तेंदुए की मौत फंदे में फंसने से दम घुटने के कारण हुई है। लेकिन वन विभाग के अफसर इस बात को सिरे से नकार रहे हैं। युवा मादा तेंदुए की मौत की वजह चाहे जो भी हो पर इस घटना को दक्षिण वन मण्डल के लिए बड़ी क्षति के रूप में देखा जा रहा है। जानकारों का मानना है कि मादा तेंदुआ यदि कुछ वर्ष और जीवित रहती तो निश्चित ही वह अपनी वंश वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देती।

दो वर्षों में कई तेंदुओं का हुआ शिकार

उल्लेखनीय है कि पिछले दो वर्षों में पन्ना जिले सामान्य वन मण्डलों एवं पन्ना टाईगर रिजर्व अंतर्गत आधा दर्जन से अधिक तेंदुओं की मौत के मामले सामने आए है जिसमें अधिकांश का शिकार हुआ था। इसी अवधि में पन्ना टाईगर रिजर्व के कड़ी सुरक्षा व्यवस्था एवं निगरानी वाले कोर क्षेत्र में एक युवा बाघिन जिसने रेडियो कॉलर पहना रखा था उसका फंदा लगाकर शिकार किए जाने का हैरान करने वाला मामला भी सामने आया था। शिकार की इन घटनाओं के मद्देनजर एक बात पूरी तरह स्पष्ट है कि पन्ना के जंगलों में स्वछंद विचरण करने वाले वन्यजीव यहां पर सक्रिय शिकारी गिरोहों के निशाने पर है। वन विभाग की बेहद लचर कार्यप्रणाली के चलते पन्ना के दक्षिण वन मण्डल में ही कुछ समय पूर्व चार तेंदुओं का शिकार हो चुका है। यहाँ के जंगलों में शिकारी गिरोहों का जाल कदम-कदम पर फैला है।
फाइल फोटो।
दक्षिण वन मण्डल की पवई रेंज अंतर्गत विगत दो वर्षों में दो तेंदुओं के शिकार की घटनाएं सामने आई है। यहां बड़ी मात्रा में विस्फोटक और हथियार भी जब्त हुए। वन्य जीवों का शिकार उनके अंगों की तस्करी के लिए किये जाने सरीके चौंकाने खुलासे भी हुए है। शाहनगर रेंज में अंतर्गत कुछ माह पूर्व जंगल में वन्य प्राणियों के शिकार के लिए नंगा तार बिछाकर करंट प्रवाहित करने से उसकी चपेट में आये एक व्यक्ति और तेंदुए की मौत होने का सनसनीखेज मामला भी उजागर हुआ था। शिकार की इन तमाम घटनाओं तथा क्षेत्र में व्याप्त चर्चाओं को दृष्टिगत रखते हुए टिकरिया बीट अंतर्गत युवा मादा तेंदुए की प्राकृतिक मौत होने का दावा संदिग्ध प्रतीत होता है। फंदा लगाकर उसका शिकार किए जाने की आशंका को लेकर विभाग के अंदरखाने हड़कंप मचा है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि मंगलवार को तेंदुए कि मौत को लेकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या निकलता है।

इनका कहना है –

“मादा तेंदुआ की नेचुरल डेथ होना प्रतीत हो रहा है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही इसकी मौत की वजह का खुलासा हो पाएगा। फिलहाल रेंज ऑफिसर को घटना के हर पहलू की बारीकी से जांच करने के निर्देश दिए है।”

– मीना कुमारी मिश्रा डीएफओ दक्षिण वन मण्डल पन्ना।