* पन्ना जिले के गुनौर, रैपुरा व अजयगढ़ कस्बा में किसानों ने सौंपे ज्ञापन
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों के द्वारा शनिवार 6 फरवरी को देशव्यापी चक्का जाम के आव्हान पर मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में तहसील मुख्यालयों पर किसानों ने शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन किया। जिले की गुनौर, रैपुरा व अजयगढ़ तहसील के किसानों के द्वारा कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए इन्हें तत्काल वापस लेने एवं किसानों पर दर्ज मुकदमों को समाप्त करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपे गए।
गुनौर में भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) के अध्यक्ष बसंत लाल पटेल व किसान क्रांति सेना के संभागीय अध्यक्ष शंकर पटेल के संयुक्त नेतृत्व में क्षेत्र के किसानों ने तहसील कार्यालय के पहुंचकर कृषि कानूनों पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए नारेबाजी की। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर पिछले दो माह से भी अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में अपनी एकजुटता प्रदर्शित करते हुए गुनौर के किसानों ने कहा कि जब तक काले कानूनों और दर्ज मुकदमों को वापस नहीं लिया जाता तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे।
किसानों का कहना है, केन्द्र सरकार को अपनी हठधर्मिता छोड़कर हमारी जायज मांग को मान लेना चाहिए क्योंकि इसी में सबका और देश का हित है। ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से आनंद शुक्ला, नन्द किशोर पटेल, आनंद पटेल, राम अवतार उपाध्याय, एड. के. के. पटेल, रामखिलावन लोधी, श्रीराम लोध, मनीष यादव, बद्री पटेल, संतोष लोधी, जगदीश पटेल, मुरलीधर पटेल, शंकर भाई पटेल, डॉक्टर धर्मराज कश्यप, बीरन यादव, अरविन्द पटेल, बृजभान पटेल, पवन पटेल, सोकेंद्र पटेल, बालमुकुन्द लोधी आदि किसान शामिल रहे।
आंदोलन को कुचलना बंद करे केन्द्र सरकार
अजयगढ़ तहसील मुख्यालय में अनुसूचित जाति-जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग युवा मंच के तत्वाधान में प्रधानमंत्री के नाम पर किसानों के द्वारा ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें किसान आंदोलन को लेकर केन्द्र सरकार के रवैये की तीखी आलोचना की गई है। किसानों का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमांओं पर अपने हितों के संरक्षण के लिए शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसानों पर मोदी सरकार बर्बरता करना बंद करे। प्रदर्शन करना हमारा लोकतान्त्रिक अधिकार है।
