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* विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही क्षेत्रीय संघर्ष समिति पवई से जुड़े कांग्रेस नेताओं ने बढ़ाई सक्रियता
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही अब राजनीतिक सरगर्मियां तेजी से बढ़ने लगीं है। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के पवई विधानसभा क्षेत्र क्रमांक- 58 से कांग्रेस नेताओं के एक धड़े ने क्षेत्रीय (स्थानीय) व्यक्ति को प्रत्याशी बनाए जाने की मांग तेज कर दी है। क्षेत्रीय संघर्ष समिति पवई के बैनर तले एकजुट कांग्रेस नेताओं द्वारा क्षेत्रीय प्रत्याशी की मांग को पूरा कराने के लिए व्यवस्थित तरीके से मुहिम चलाई जा रही है। इसी सिलसिले में पवई के नेताओं द्वारा गत दिवस राजधानी भोपाल जाकर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कमलनाथ, राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, अजय सिंह राहुल भैया एवं कमलेश्वर पटेल समेत अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से मुलाक़ात की गई। पवई के प्रतिनिधि मंडल ने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को बताया, आसन्न विधानसभा चुनाव में पवई सीट से अगर क्षेत्रीय व्यक्ति को पार्टी की ओर प्रत्याशी घोषित किया गया तो वह पूरी एकजुटता के साथ उसे प्रचंड बहुमत से विजयी बनाने का काम करेंगे। वरिष्ठ नेताओं को अवगत कराया कि, पवई क्षेत्र की जनभावनाएं पूर्णतः क्षेत्रीय प्रत्याशी के पक्ष में है। इसलिए 2018 की तरह इस बार बाहरी प्रत्याशी थोपने की गलती को न दोहराया जाए। नहीं तो पार्टी को पुनः करारी हार का सामना करना पड़ सकता है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से मुलाक़ात करने वाले क्षेत्रीय संघर्ष समिति पवई के प्रतिनिधि मंडल में मुख्य रूप से गिरधारी लोधी, रावेन्द्र प्रताप सिंह मुन्ना राजा, अनिल तिवारी, अरुण पाल सिंह बुंदेला, अजय लोधी, इंजीनियर जवाहर लाल कुशवाहा, अनंतराम चौरसिया, दारा सिंह, मदन तिवारी, महेन्द्र पटेल कुंवरपुर, बहादुर सिंह लोधी, रविन्द्र पटेल, मुकेश चौरसिया शामिल रहे। इन नेताओं ने रविवार 10 सितंबर की सुबह पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से उनके भोपाल स्थित आवास पर भेंट की। जबकि दिग्विजय से इनकी भोपाल एयरपोर्ट पर हुई।
इस दौरान सभी ने एक स्वर में क्षेत्रीय व्यक्ति को प्रत्याशी बनाने की मांग पर जोर देते हुए कहा, पार्टी उनके बीच में से जिसे भी योग्य एवं जिताऊ उम्मीदवार समझे उसे पवई से प्रत्याशी घोषित कर दे। हमसब मिलकर संकल्प के साथ उसे जीत दिलाने के लिए काम करेंगे। लेकिन किसी भी सूरत में बाहरी व्यक्ति को प्रत्याशी न बनाया जाए। बाहरी व्यक्ति को प्रत्याशी घोषित करने पर पार्टी के अंदर जहां उसे विरोध का सामना करना पड़ सकता है। वहीं मतदाता भी बाहरी उम्मीदवार को सिरे से ख़ारिज कर देंगे। पवई के मतदाताओं का बाहरी प्रत्याशियों को जिताने का अभी तक का अनुभव अच्छा नहीं रहा है। चुनाव जीतकर जाने के बाद वह क्षेत्र में कम ही आते हैं। इससे क्षेत्र का विकास सीधे तौर पर प्रभावित होता है। क्षेत्र के लोगों से भी उनका लगाव-जुड़ाव नहीं रहता है। इसलिए जनता के सुख-दुःख से उन्हें कोई सरोकार नहीं रहता है। बाहरी व्यक्तियों को चुनने के बाद लोगों को विधायक से संबंधित अपने काम के लिए भोपाल या पन्ना तक दौड़ना पड़ता था। पवई के लोगों को अतीत में कई बार इस समस्या से जूझना पड़ा है। इसलिए क्षेत्रवासी अब विधायक चुनने में क्षेत्रीय व्यक्ति को प्राथमिकता देते हैं।
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