* सुरक्षित घर पहुंचे रामनरेश को देख छलक उठीं परिजनों की आंखें
* 24 घंटे बाद पकड़ छूटने पर पन्ना पुलिस ने ली राहत की सांस
* पहाड़ीखेरा सहित तराई अंचल में डैकत गिरोह की दहशत बरकरार
शादिक खान,पन्ना। रडार न्यूज मध्यप्रदेश के पन्ना-सतना जिले के सीमावर्ती इलाके के जंगल से हथियारबंद नकाबपोश डकैतों द्वारा अपहृत किये गए वन विभाग के चौकीदार रामनरेश वल्द गेंदालाल खैरवार 37 वर्ष निवासी ग्राम ककरहा थाना बरौंधा जिला सतना की पकड़ छूट गई है। पन्ना सहित पड़ोसी जिलों की पुलिस के बढ़ते दबाब के बीच अज्ञात दस्यु गिरोह ने खुद को बचाने के लिए रामनरेश खैरवार को रविवार की शाम करीब 4 बजे सीमावर्ती इलाके के जंगल में मुक्त कर दिया। कुछ घंटे तक जंगल में भटकने के बाद चौकीदार रामनरेश जब ग्राम ककरहा स्थित अपने घर पहुंचा तो उसे अपने बीच सकुशल पाकर परिजनों की आंखें खुशी से छलक उठीं। उधर जब यह ख़बर पुलिस के आला अधिकारियों को मिली तो उन्होंने राहत की सांस ली है। लेकिन, पहाड़ीखेरा सहित समूचे क्षेत्र में डकैतों की दहशत बरकरार है। इलाके के लोग जंगल और अपने खेतों में जाने से डर रहे है। डकैतों की कैद से छूटा रामनेरश दहशत में होने के कारण खुलकर कुछ भी बोल नहीं रहा है। हालांकि, उसने अपने परिजनों को बताया कि अपहरण करने के बाद डकैतों ने उसके साथ किसी तरह की मारपीट नहीं की। वे अधिकांश समय उसकी आंखों में पट्टी बांधे रहे।
चहला नाला जंगल से हुआ था अपहरण
उल्लेखनीय है कि अपहरण की वारदात शनिवार 3 नवंबर 2018 की शाम करीब 4-5 बजे के बीच उस समय हुई जब रामनरेश खैरवार पन्ना जिले के पहाड़ीखेरा ग्राम से साप्ताहिक बाजार करके अपने बेटे पुष्पेंद्र खैरवार 12 वर्ष के साथ बाइक से वापिस गांव ककरहा जा रहा था। रास्ते में चहला नाला के समीप छः हथियारबंद नकाबपोश डकैतों ने इन्हें रोक लिया। रामनरेश खैरवार के साथ मारपीट कर फिरौती वसूलने के उद्देश्य से दस्यु गिरोह उसे जबरन अपने साथ ले गया था। जबकि उसके पुत्र पुष्पेंद्र को किसी ने छुआ भी नहीं था। रामनरेश का अपहरण करने के पूर्व डकैत गिरोह ने चहला नाला के ही समीप बाइक सवार नीलेश सिंह गौंड़ 32 वर्ष उसके दोस्तों दीपक सिंह गौंड, गुड्डा सिंह गौंड़ सभी निवासी ग्राम बरहा भटिया को रोककर मारपीट करते हुए इनके करीब 600 रुपये और एक मोबाईल फोन छीन लिया था। नीलेश लूट की वारदात की पुलिस को तुरंत सूचना न दे पाए इसलिए डकैतों ने उसकी बाइक की हवा निकाल दी थी। इसके कुछ देर बाद दस्यु गिरोह ने जब रामनरेश खैरवार का अपहरण कर उसे साथ ले गए तो नीलेश और उसके साथी ही रामनरेश खैरवार के बेटे पुष्पेंद्र को उसी की बाइक से ग्राम ककरहा स्थित उसके घर लेकर गए थे। अपहृत चौकीदार के परिजनों छोटे भाई छोटेलाल खैरवार व साले नत्थू खैरवार द्वारा आनन-फानन में शनिवार को ही रात्रि में करीब 8 बजे पहाड़ीखेरा पहुंचकर स्थानीय पुलिस चौकी प्रभारी रामगोपाल द्विवेदी को घटना की सूचना दी गई।
काम आई पुलिस कप्तान की रणनीति
पन्ना जिले के बृजपुर थाना की पुलिस चौकी पहाड़ीखेरा अंतर्गत अज्ञात डकैत गिरोह द्वारा लूटपाट और अपहरण करने की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने तत्परता से पुलिस टीमों का गठन करते हुए जंगल की घेराबंदी कर सघन सर्चिंग अभियान शुरू करा दिया था। साथ ही पड़ोसी जिला सतना और बांदा के पुलिस अधीक्षकों को घटना की जानकारी देते हुए सर्चिंग अभियान में दोनों जिलों की पुलिस का भी सहयोग लिया गया। इसके अलावा डकैतों द्वारा लूटे गए मोबाइल फोन के सिग्नल के जरिये सायबर सेल की मदद से उनके हर मूवमेंट पर पैनी नजर रखी जा रही थी। पुलिस की चौतरफा तगड़ी घेराबंदी के चलते पकड़े जाने के डर से अज्ञात डकैत रविवार शाम करीब 4 बजे अपहृत चौकीदार रामनरेश खैरवार को जंगल में ही छोड़कर सुरक्षित स्थान की ओर भाग गए। इस तरह पन्ना पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह के कुशल रणनीतिक निर्देशन और तत्परता से की गई कार्रवाई के फलस्वरूप बने दबाब के चलते अपहरणकर्ता डकैतों के चंगुल से रामनरेश खैरवार को 24 घंटे में सकुशल मुक्त करा लिया गया। निश्चित तौर पर यह पन्ना पुलिस के लिए बड़ी सफलता है।