
कलेक्टर ने प्रसूता की समस्या सुन सिविल सर्जन और सीएमएचओ को लगाई फटकार, लापरवाह नर्स निलंबित


शनिवार 12 अगस्त को दोपहर करीब ढाई बजे नवागत कलेक्टर हरजिंदर सिंह के अचानक जिला चिकित्सालय के निरीक्षण पर पहुँचने से हड़कंप मच गया। कलेक्टर के सख्त तेवर देख डॉक्टर, नर्सेस एवं पैरामेडिकल स्टॉफ सकते में आ गया। निरीक्षण के दौरन कलेक्टर श्री सिंह ने वार्ड में भर्ती मरीजों से चर्चा की। भ्रमण के दौरान अस्पताल परिसर और शौचालयों एवं अन्य स्थानों पर साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने की हिदायत दी। अस्पताल में उपलब्ध दवाओं और निःशुल्क जांच इत्यादि के संबंध में चिकित्सकों से जानकारी लेकर पात्र मरीजों को शासकीय योजनाओं के लाभ के संबंध में भी निर्देशित किया। कई वार्ड में भर्ती मरीज के परिजनों को बाहर सोते हुए पाए जाने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की और तत्काल जिला शहरी विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी शशिकपूर गढ़पाले को मरीज के परिजनों के लिए रैनबसेरा में सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
मेटरनिटी वार्ड के भ्रमण के दौरान अजयगढ़ निवासी महिला नीता द्वारा जिला कलेक्टर को अवगत कराया गया कि प्रसव उपरांत डिस्चार्ज होने पर घर जाने के लिए किसी भी प्रकार का वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया है। इस शिकायत पर मेटरनिटी वार्ड की इंचार्ज नर्सिंग सिस्टर सरला घोटे से जानकारी तलब कर लापरवाही प्रमाणित पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की कार्यवाही की। निलंबन अवधि में नर्सिंग सिस्टर का मुख्यालय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र धरमसागर तालाब पन्ना निर्धारित किया गया है। इस दौरान इन्हें जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि महिला चिकित्सक और अन्य मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने भ्रमण के दौरान अस्पताल ब्लॉक में बनने वाले क्रिटिकल केयर यूनिट के स्थल का मुआयना भी किया।