* वरिष्ठ कांग्रेस नेता का दावा- ‘केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन की बनेगी सरकार’
पन्ना। (www.radarnews.in) सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी हार साफ़ तौर पर नजर आ रही है, जिससे भाजपा का राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व इतना भयभीत है कि, कांग्रेस मुक्त भारत के अपने नारे को भूलकर भाजपा को अब कांग्रेस युक्त बनाने के अभियान में जुटा है। कतिपय कांग्रेसियों को अपनी पार्टी में शामिल कराके भाजपा नेता गोदी मीडिया के जरिए लोकसभा चुनाव के समय यह नैरेटिव सेट करने में लगे हैं कि देश के जनमानस के साथ-साथ विपक्षी दलों के नेता भी तेजी से उसकी तरफ आकर्षित हो रहे हैं। लेकिन भाजपा के 10 साल के कुशासन से बेहाल आमजनता इस बार किसी भी तरह के झांसे में आने वाली नहीं है। आज पूरा देश भीषण बेरोजगारी, कमरतोड़ महंगाई, वादाखिलाफी, तानाशाही, भारी भ्रष्टाचार, भुखमरी, नफरत की सांप्रदायिक राजनीति की भंयकर चपेट में है। इस सबसे त्रस्त आम नागरिक लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को केन्द्र की सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए पूरी तरह मन बना चुके हैं। यह दावा पन्ना जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके दुबे ने किया है।
उद्योगपति मित्रों का कर्जमाफ कर की गई चंदा उगाही
प्रेस में जारी अपने बयान में वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री दुबे ने कहा कि, मोदी सरकार ने देश को कर्ज के दलदल में बुरी तरह धकेल दिया है। देश नहीं बिकने दूंगा का नारा लगाने वाली मोदी सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों (सरकारी कंपनियों) को अपने उद्योगपति मित्रों को बेंचने कोई कसर नहीं छोड़ी, सिर्फ इतना ही नहीं चुनिंदा बड़े उद्योगपतियों का लाखों करोड़ का कर्ज माफ़ करके देश को भारी आर्थिक क्षति पहुंचाई है। कर्जमाफी की रियायत के बदले में मोदी जी के उद्योगपति मित्रों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए भारतीय जनता पार्टी को इतिहास में अब तक का सबसे अधिक चंदा दिया है। उद्योगपतियों से हजारों करोड़ रुपए का चंदा लेने के लिए केन्द्र की भाजपा सरकार अनेक कानूनों में मनमाने संशोधन करके इलेक्टोरल बॉन्ड की अपारदर्शी स्कीम लेकर आई थी। देश की सर्वोच्च अदालत ने हाल ही में इलेक्टोरल बॉन्ड को पूरी तरह से असंवैधानिक-अपारदर्शी और भ्रष्टाचार का पर्याय करार दिया है। दरअसल, इससे लोगों को पता ही नहीं चलता था कि इलेक्टोरल बॉन्ड को स्टेट बैंक से किसने खरीदा और फिर उससे किस पार्टी को चंदा दिया।
इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए बीजेपी ने जुटाया कालाधन
पन्ना जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके दुबे।
वरिष्ठ नेता डीके दुबे का आरोप है कि, विदेशी बैंकों में जमा कालाधन वापस लाने की बड़ी-बड़ी बातें करने वाली भाजपा इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये पिछले कई सालों से स्वयं कालाधन जोड़ने के अभियान में जुटी थी। सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय के फलस्वरूप शुक्रवार 15 मार्च की देर शाम तक इलेक्टोरल बॉन्ड की अधिकांश जानकारी सार्वजनिक होने पर देश के लोगों को भाजपा के चंदे के कालेधंधे का पता चल जाएगा। इसकी जानकारी एवं आंकड़ों के विश्लेषण से पूरा देश-दुनिया जान पाएगी कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए भाजपा को हजारों करोड़ रुपए का चंदा किस उद्योगपति या शैल कंपनियों (फर्जी कंपनियों) से प्राप्त हुआ। उसके बदले में मोदी सरकार ने उनको कौन-कौन सी रियायतें दी है? दरअसल, इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम और कोरोनाकाल में बनाया गया पीएम केयर फंड मोदी सरकार के भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा उदाहरण है।
भाजपा को लोस चुनाव में सबक सिखाएगी जनता
आपने कहा कि, प्रतिवर्ष 2 करोड़ सरकारी नौकरियां देने, कालाधन वापस लाने, महंगाई कम करने, भ्रष्टाचार मिटाने, प्रत्येक भारतीय के खाते में 15-15 लाख रुपये आने जैसे भाजपा के चुनावी वादों पर भरोसा करके पूरा देश ठगा हुआ महसूस कर रहा है। अंधभक्तों को छोड़कर देश के बहुसंख्यक नागरिक आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के जुमलेबाजों को सबक सिखाने के लिए पूरी तरह तैयार बैठे हैं।
कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेतागण पछताएंगे
प्रतीकात्मक फोटो।
प्रखर वक्ता डीके दुबे ने कहा कि, मोदी सरकार की गलत आर्थिक एवं जनविरोधी नीतियों तथा बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने वाले अनुचित निर्णयों का खामियाजा पूरा देश भुगत रहा है। मौजूदा हालात में बेरोजगार युवा, अग्निवीर स्कीम प्रभावित नौजवान, देश को गौरान्वित करने वाले खिलाड़ी, महिलाएं, नौकरीपेशा लोग, मध्यम और छोटे उद्योगपति, फुटकर व्यापारी, गरीब, मजदूर, किसान एवं आम नागरिक समेत आज समाज का हर वर्ग कांग्रेस की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है। देश को बचाने के लिए जारी संघर्ष के निर्णायक दौर में पहुँचने पर कांग्रेस के कुछ साथी भाजपा की चरण चुंबक मीडिया के द्वारा बनाए बनाए झूठे माहौल के झांसे में आकर दलबदल कर रहे हैं। कांग्रेस को छोड़ने वाले साथी देर-सबेर अपने निर्णय पर अवश्य ही पछताएंगे। दुबे ने आगे कहा कि, कांग्रेस के जो नेता आज पार्टी छोड़कर गए हैं उनको भाजपा में कुछ भी मिलने वाला नहीं है। भाजपा-आरएसएस में लोकतंत्र, तार्किकता, स्वतंत्र चेतना, वैज्ञानिक सोच, समता, धर्मनिर्पेक्षता के मूल्यों में आस्था रखने वाले कार्यकर्ता-पदाधिकारियों के लिए कोई स्थान नहीं है, इन संगठनों में रहने और आगे बढ़ने के लिए अंधभक्त होना अनिवार्य योग्यता है।