
* ब्रह्माकुमारी संस्था ने अजयगढ़ क़स्बा में निकाली मां सरस्वती की भव्य झांकी
शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in) प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के राजयोग प्रशिक्षण केन्द्र पन्ना द्वारा जिले के अजयगढ़ क़स्बा में स्थित प्रसिद्ध माँ सरस्वती मंदिर में आज बसंत पंचमी का पर्व आध्यात्मिक रीति से मनाया गया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी सीता बहनजी ने उपस्थित भाई-बहनों को बड़े ही सरल-सहज तरीके से बंसत पंचमी का आध्यात्मिक रहस्य बताया। कार्यक्रम के अंत में नगर में भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें शामिल माँ सरस्वती की झांकी आकर्षण का केन्द्र रही। कलश यात्रा एवं झांकी में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल रहे।

बसंत पंचमी के कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की पूजन तथा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया है। तदुपरांत ब्रह्माकुमारी सीता बहनजी ने सभी को बसंत पंचमी का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि, मां सरस्वती से हमें प्रेरणा लेनी है, उनके समान निर्मल, पवित्र, शुद्ध मन रखना है। जब मन शुद्ध पवित्र होता है तो हमारे पास लक्ष्मी स्वत: आ जाती है। इस दिन पीले रंग का विशेष महत्व है पीला रंग समृद्धि सफलता और खुशहाली का प्रतीक है। साथ ही हमें मां सरस्वती से प्रेरणा लेनी है, अपने मन–वचन–कर्म को पवित्र बनाने की। जब हमारे जीवन में पवित्रता आती है तो जीवन सुख-शांति से भरपूर हो जाता है।
सकारात्मक विचारों से खुशहाल होगा जीवन

आपने बताया कि, मां सरस्वती को हंस की सवारी पर दिखाया गया है जो की पवित्रता का सूचक है, यह व्यर्थ और समर्थ को अलग करने में सक्षम होता है। आज हम सभी प्रतिज्ञा करें कि जीवन को व्यर्थ और नकारात्मक संकल्प बोल एवं कर्मों से सदा मुक्त करेंगे। मां सरस्वती को वीणा वादिनी भी कहा जाता है। वीणा तो सभी को बजाना नहीं आती है, परंतु एक वीणा हम सभी के पास है! वह है हमारा मुख, तो इससे हम सदा सुखदाई बोल ही बोलें, हंस के समान पवित्र सकारात्मक विचार ही धारण करें। अगर हम अपना जीवन सकारात्मक विचारों से भर लेंगे तो हमारे जीवन में सदा बहार रहेगी और हम सदा खुशहाल रहेंगे।
जन-जन को दिया ईश्वरीय संदेश
