पूर्व मंत्री मलैया को नोटिस दिए जाने से नाराज़ वरिष्ठ नेत्री कुसुम महदेले ने “BJP” को लेकर कही ये चुभने वाली बात !

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पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेत्री कुसुम सिंह मेहदेले।

*   “अब भाजपा में वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करना और उनकी निष्ठा पर असत्य लांछन लगाना भी शुरू हो गया…यह दुर्भाग्यपूर्ण है”

*   पूर्व मंत्री महदेले ने ट्वीट कर प्रदेश भाजपा नेतृत्व के फैसले पर उठाया सवाल

*   दमोह विधानसभा सीट पर संपन्न उपचुनाव पर बोलीं- उपचुनाव करवाना भी उचित नहीं था

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश की दमोह विधानसभा सीट पर संपन्न उपचुनाव में भारतीय जनता को मिली करारी हार के बाद शुरू हुए आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच पार्टी के द्वारा इस हार के लिए भितरघात के आरोप में पूर्व मंत्री जयंत मलैया और उनके पुत्र सिद्धार्थ के खिलाफ की गई को लेकर शुरू हुआ विवाद अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। मलैया को हार के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए नोटिस देने पर भाजपा विधायक अजय विश्नोई ने कड़ा विरोध करते हुए बाजिव सवाल उठाए थे। इसी कड़ी में अब पूर्व मंत्री कुसुम सिंह महदेले ने भी इस मामले में पार्टी के प्रदेश नेतृत्व फैसले की तीखी आलोचना की है।
अपने बेबाक बायनों के लिए चर्चित भाजपा की कद्दावर नेत्री एवं मध्यप्रदेश की पूर्व मंत्री सुश्री कुसुम सिंह महदेले ने अपने ट्वीट से एक बार फिर प्रदेश में सत्ता और संगठन के खेमे खलबली मचा दी है। दमोह में हार के बाद भितरघात एवं पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पूर्व मंत्री जयंत मलैया को नोटिस देने एवं उनके पुत्र युवा नेता सिद्धार्थ मलैया को पार्टी से बाहर करने के प्रदेश नेतृत्व के फैसले पर वरिष्ठ नेत्री महदेले ने सवाल उठाते हुए इसे दुर्भायपूर्ण बताया है।
पूर्व मंत्री कुसुम सिंह महदेले के ट्वीट का स्क्रीनशॉट।
बगैर किसी लाग-लपेट के बड़ी ही साफगोई से अपनी बात कहने वालीं पूर्व मंत्री कुसुम महदेले ने सिलसिलेवार तीन ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश नेतृत्व पर बड़ा हमला बोला है। साथ ही, बीजेपी विधायक अजय विश्नोई के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा- अब भाजपा में वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा-अवमानना करना और उनकी निष्ठा पर झूठे लांछन लगाना भी शुरू हो गया है। श्री जयंत मलैया को कारण बताओ नोटिस और सिद्धार्थ की सदस्य्ता समाप्त करना दुर्भाग्यपूर्ण है।”
पूर्व मंत्री कुसुम सिंह महदेले के ट्वीट का स्क्रीनशॉट।
पूर्व मंत्री महदेले ने दूसरे ट्वीट में कहा- “मलैया जी और सिद्धार्थ पर आरोप-प्रत्यारोप कतई उचित नहीं है।” वे यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने इशारों-इशारों में दमोह से कोंग्रेस विधायक रहे राहुल लोधी को इस्तीफ़ा दिलाकर भाजपा में शामिल कराने और फिर वहाँ हुए उपचुनाव में राहुल को भाजपा उम्मीदवार घोषित करने के पश्चात आए शर्मनाक नतीज़ों को लेकर इस पटकथा के पर्दे के पीछे के लेखकों या रणनीतिकारों की आलोचना करते हुए कहा- उपचुनाव करवाना भी उचित नहीं था।”
उन्होंने वरिष्ठ विधायक अजय विश्नोई के बयान का समर्थन करते हुए ट्विटर पर लिखा है- अजय विश्नोई जी आपने दमोह उपचुनाव को लेकर सही टिप्पणी की है।” मालूम हो कि दो दिन पूर्व विधायक विश्नोई ने सोशल मीडिया पर सवाल किया था कि दमोह उपचुनाव में हार की जवाबदारी क्या टिकिट बांटने वाले और चुनाव प्रभारी लेंगे।
सुश्री महदेले के इन ट्वीट की पन्ना और दमोह से लेकर भोपाल तक भाजपा के अंदर और बाहर काफी चर्चा हो रही है। कई बड़े नेता दबी जुबान यह मानते हैं कि राहुल लोधी को भाजपा में शामिल करने व उपचुनाव में टिकिट देने के फैसले से पार्टी को काफी नुकसान हुआ है। समय-समय पर विभिन्न मुद्दों पर खुलकर अपनी राय जाहिर करने वाली वरिष्ठ नेत्री कुसुम महदेले ने इसके पूर्व केन-बेतवा लिंक परियोजना का विरोध करते हुए उसे विनाशकारी बताया था।
भाजपा नेता राहुल लोधी एवं कोंग्रेस के नव निर्वाचित दमोह विधायक अजय टंडन।
उल्लेखनीय है कि दमोह से कोंग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन ने 17 हजार से अधिक मतों से भाजपा के राहुल लोधी को करारी शिकस्त दी है। दमोह विधानसभा सीट पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता जयंत मलैया की परंपरागत सीट रही है। मलैया इस सीट से 7 बार विधायक चुने गए। लेकिन वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में मलैया को कोंग्रेस के उम्मीदवार रहे राहुल लोधी ने मात दी थी। इसके करीब डेढ़ साल बाद प्रदेश में नाटकीय अंदाज में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद राहुल ने भी पाला बदल लिया। वे कोंग्रेस से इस्तीफ़ा देकर भाजपा में शामिल हो गए।
साभार : दैनिक भास्कर।
उपचुनाव में भाजपा ने जब राहुल को दमोह से प्रत्याशी घोषित किया तो पार्टी के स्थानीय वरिष्ठ नेता खुद को नजरअंदाज किए जाने से नाराज हो गए। इस उपचुनाव को जीतने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित कई मंत्रियों ने पूरी ताकत झोंक रखी थी इसके बाद भी भाजपा को बड़ी हार मिली। दमोह के चुनावी नतीजों को लेकर विश्लेषकों का मानना है कि वहाँ के मतदाताओं ने दलबदल को नकारा है।

शिवराज हार की जिम्मेदारी तो लेंगे नहीं- मलैया

जयंत मलैया, पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता।
गौरतलब है कि दमोह उपचुनाव में भाजपाके उम्मीदवार राहुल सिंह लोधी की हार के लिए पार्टी ने पूर्व मंत्री जयंत मलैया को जिम्मेदार मानते हुए नोटिस दिया है। इससे नाराज मलैया का कहना है- सिर्फ मेरा बूथ भाजपा नहीं हारी है। राहुल खुद अपना वार्ड हार गए। केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल जहाँ रहते हैं वह वार्ड भी हारे। जिला पंचायत अध्यक्ष और नगर पालिका अध्यक्ष का वार्ड भी हार गए। अब इस हार का ठीकरा किसी पर तो फोड़ना था, तो मुझ पर और मेरे बेटे पर फोड़ दिया। शिवराज हार की जिम्मेदारी तो लेंगे नहीं।”