* सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे घटना के वीडियो
* महज अफवाह पर हिंसक हुई भीड़ ने कानून की उड़ाईं धज्जियां
* पन्ना जिले में बढ़ती भीड़ की हिंसा को लेकर उदासीन है पुलिस
* अपराधियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने नहीं की गई कार्रवाई
पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश में महज अफवाह को लेकर भीड़ हिंसा पर उतारू हो रही है। सत्यता अथवा वास्तविकता को जाने बगैर कभी किसी को बच्चा चोर बता कर तो किसी को चोरी के संदेह में भीड़ द्वारा सरेआम पीटा जा रहा है। पन्ना जिले में पिछले एक पखवाड़े में भीड़ की हिंसा की तीन घटनायें सामने आई हैं। बेकाबू होती भीड़ को लेकर पुलिस का मैदानी अमला बेपरवाह है। पुलिस की यह उदासीनता और अकर्मण्यता मध्यप्रदेश में एक और माॅब लिंचिंग का सबब बन सकती है। हमारी बातों पर आपको अगर यकीन नहीं होता तो पन्ना जिले के गुनौर कस्बा में भोपाल के दो युवकों की सरेआम बेदम पिटाई का सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे वीडियो को देखकर आप खुद ही फैसला कर सकते है।
करीब 5 दिन पूर्व भोपाल से पन्ना जिले में रत्न बेंचने के सिलसिले में आए दो मुस्लिम युवकों को कथिततौर पर गुनौर कस्बा में स्थित एक सुरेश ज्वेलर्स की शाॅप में चोरी के प्रयास के संदेह पर स्थानीय लोगों ने जमकर पीटा। भद्दी-भद्दी गालियाँ देते हुये हिंसक भीड़ दोनों युवकों को रस्सी से बाँधकर उन पर लात-घूंसों से करीब 5 मिनिट तक प्रहार करती रही। भीड़ के जानलेवा हमले में बुरी तरह घायल हुए एक युवक के अचेत होकर जमीन पर गिरते ही उसका साथी गिड़गिड़ाने लगा कि बचाओ नहीं तो वह मर जाएगा। बेकाबू भीड़ को तब भी रहम नहीं आया। इस बीच कुछ संवेदनशील लोगों ने आगे आकर हस्तक्षेप करते हुये मारपीट करने वालों को बमुश्किल रोका और किसी तरह दोनों युवकों को बचाते हुये तत्काल डाॅयल 100 पर पुलिस को सूचना दी गई।
गिड़गिड़ाते हुए रहम की भीख माँगते रहे
गुनौर के किसान टोला में 5 अगस्त की शाम को हुई इस अप्रत्याशित की घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की एफआरव्ही टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई और दोनों घायल युवकों को थाना ले जाया गया। गुनौर थाना प्रभारी हरि सिंह ठाकुर ने जानकारी देते हुये बताया कि घायल युवकों गुलाब अली पुत्र काजी अली व सलमान अली पुत्र यासीन अली निवासी भोपाल ने पूंछतांछ करने पर बताया कि वे रत्न बेंचने का काम करते है। पन्ना के आगरा मोहल्ला में उनकी रिश्तेदारी है। ऐसी चर्चा है कि दोनों ही युवकों ने पुलिस को बताया कि जब वे आभूषण विक्रेता को रत्न बेंचने के लिए उसकी दुकान के बाहर पहुंचे तो अकारण ही उन पर चोरी के प्रयास का संदेह जताते हुये स्थानीय युवकों ने रस्सी से बांध कर उनकी बेदम पिटाई कर दी। इस दौरान वे खुद को निर्दोष बताते रहे लेकिन किसी ने भी उनकी एक न सुनी। हिंसा पर उतारू भीड़ की आंखों में खून सवार था। ऐसी चर्चा है कि दोनों ही युवकों ने कथित तौर पुलिस को बताया कि उन्हें मुस्लिम होने की वजह से घृणा के चलते पीटा गया है।
वायरल वीडियो के आधार पर नहीं की गिरफ्तारी
गुनौर क़स्बा में रिश्तेदारों पर हमला होने की खबर मिलते ही फारूख अहमद पिता खलील अहमद 22 निवासी आगरा मोहल्ला पन्ना ने वहाँ जाकर इस मामले की रिपोर्ट स्थानीय पुलिस थाना में दर्ज कराई है। भीड़ की हिंसा और हेट क्राइम से जुड़े इस मामले में पुलिस ने मारपीट की साधारण धाराओं के तहत अज्ञात लोगों के विरुद्ध अपराध दर्ज किया है। पिछले पांच दिनों से सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहे इस घटना के अलग-अलग वीडियो में सभी आरोपी स्पष्ट तौर पर नजर आ रहे है लेकिन पुलिस ने उनमें से किसी को भी अब तक गिरफ्तार नहीं किया है। इससे सोशल मीडिया की निगरानी को लेकर पन्ना पुलिस की सजगता- संवेदनशीलता का पता चलता है। गुनौर पुलिस द्वारा कथित तौर पर इस घटना को दबाने के लिये दोनों ही घायल युवकों का स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्राथमिक उपचार कराने के बाद उन्हे आनन-फानन में 108 एम्बूलेंस से बाहर भेज दिया गया।
अब घायल युवक की मौत की अफवाह
गुनौर में अब पिछले दो दिनों से ऐसी अफवाह है कि भीड़ के हमले में अत्याधिक गम्भीर रूप से घायल रहे एक युवक की मौत हो चुकी है। हालांकि इसकी अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो सकी। गुनौर के थाना प्रभारी का कहना है कि उन्हें इस सम्बंध में कोई जानकारी नहीं है। इस अफवाह की सत्यता का पता करने के लिए घायल युवकों के पन्ना निवासी रिश्तेदार से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका पता नहीं चल सका। उधर, इन अपुष्ट खबरों के बीच हिंसा करने वालों के द्वारा कथित तौर पर अपने इस कदम को जायज ठहराने के मकसद से भोपाल के युवकों पर अभूषण विक्रेता की पत्नी को परेशान करने की नई कहानी गढ़ी जा रही है।
कमजोर तबके लोग बन रहे निशाना
भीड़ की हिंसा की तेजी से बढ़ती घटनायें देश भर के लिये गम्भीर चिंता का सबब है। कानून के राज की धज्जियां उड़ाते हुये भीड़ सरेआम कभी अफवाह के आधार पर तो कभी घृणावश कमजोर तबके के लोगों को निशाना बना रही है। देश की सर्वोच्च अदालत ने इसे संज्ञान लेते हुए भीड़ की हिंसा को सख्ती से रोकने के लिये बकायदा गाईड लाईन जारी की है। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार भी भीड़ की हिंसा की रोकथाम के लिये कानून बनाने की बात कह रही है। प्रदेश सरकार ने ऐसे मामलों में तत्परता से कठोर कार्यवाही करने के निर्देश भी पुलिस को दिये है बावजूद इसके भीड़ की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। पिछले एक पखवाड़े के अंदर पन्ना जिले में इस तरह की दो अलग-अलग घटनाायें घटित हुई है जिन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। जबकि कई बार इस तरह की घटनाओं पर दो समुदायों के बीच तनावपूर्ण स्थिति तक निर्मित हो जाती और क़ानून व्यवस्था के लिए खतरा बढ़ जाता है।
कुछ समय पूर्व खानाबदोश बंजार पठानों को बकरी चोरी के आरोप में पकड़कर भीड़ ने जमकर पीटा था। इसके बाद शहनगर से मजदूरी करने के लिये पन्ना आईं आदिवासी महिलाओं को बच्चा चोर गिरोह का सदस्य बताकर फैलाई गई अफवाह के चलते एक महिला के साथ भीड़ ने सरेआम बदसलूकी की थी। लेकिन इनमें से किसी भी मामले में झूठी अफवाह फैलाने वाले अथवा मारपीट करने वालों के खिलाफ पुलिस की ओर से कोई कार्यावाही नहीं की गई। सिर्फ सोशल मीडिया पर झूठी अफवाह न फैलाने और किसी के भी साथ मारपीट न करने की हिदायत जारी करके पन्ना पुलिस ने अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली। थानों में तैनात पुलिस के इस लचर और उदासीन रवैये के चलते ही शायद भीड़ हिंसा करने पर उतारू हो रही है।
इनका कहना है-
“गुनौर में दो युवक नग बेंचने के लिए एक अभूषण की दुकान में आए थे, जहां बैठी महिला को ऐसी शंका हुई कि ये चोर सकते है और उसने शोर मचाना शुरू कर दिया। जिससे वहाँ भीड़ इकट्ठी हो गई और दोनों युवकों की पिटाई कर दी। इस घटना पर गुनौर थाना पुलिस ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध मारपीट का मामला दर्ज किया है। सोशल मीडिया पर उपलब्ध घटना के वीडियो से अपराधियों की शिनाख्त कर उन्हें गिरफ्तार करने हेतु गुनौर थाना प्रभारी को तत्काल निर्देशित किया जाएगा। भीड़ की हिंसा को लेकर पुलिस संवेदनशील है, लोगों से कानून अपने हाथ में न लेने की अपील की गई है फिर भी यदि कहीं कोई कानून का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।”