* प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों की शिकायत पर तहसीलदार व टीआई ने की थी जांच
रमेश अग्रवाल, देवेन्द्रनगर(पन्ना) रडार न्यूज मध्यप्रदेश का पन्ना जिला पुलिस के डायल 100 वाहन के दुरूपयोग को लेकर एक बार फिर सुर्ख़ियों में है, जिसके कारण पुलिस विभाग की काफी बदनामी हो रही है। इस बार जिले के पुलिस थाना देवेन्द्रनगर के डायल 100 वाहन का उपयोग गरीबों के राशन की कालाबाजारी करने के लिए किया गया। सरकारी अनाज की इस तरह कालाबाजारी करने वाले कोई और नहीं बल्कि रात्रि गस्त ड्यूटी के लिए डायल 100 वाहन में तैनात रहे पुलिसकर्मी हैं। इस घटनाक्रम के प्रत्यक्षदर्शी व लिखित शिकायत करने वाले ग्रामीणों के अनुसार पुलिस वाहन का दुरूपयोग कर सरकारी राशन की कालाबाजारी में करने में सहायक उपनिरीक्षक मान सिंह, प्रधान आरक्षक कुंजबिहारी व आरक्षक कृष्ण प्रताप सिंह यादव लिप्त हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि 27 दिसम्बर की रात्रि 1 बजे के सहायक उपनिरीक्षक मान सिंह व प्रधान आरक्षक कुंजबिहारी व आरक्षक कृष्ण प्रताप सिंह यादव द्वारा ग्राम सिमरी मड़ैयन उपभोक्ता दुकान के विक्रेता जगदीश सिंह राजपूत के साथ मिलकर शासकीय अनाज की कालाबाजारी की गई। जिसकी शिकायत अगले दिन ग्राम के प्रत्यक्षदर्शियों रमेश पटेल व अन्य लोगों ने तहसीलदार तथा देवेन्द्रनगर थाना टीआई से की गई। प्रत्यक्षदर्शी रमेश पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि 27 दिसम्बर की रात्रि में 1 बजे डायल 100 वाहन शासकीय उचित मूल्य दुकान पर आया जिसमें सेल्समैन जगदीश राजपूत द्वारा 7 बोरा गेंहू खरीदी केंद्र से निकालकर पुलिस वाहन में रखा गया। प्रत्यक्षदर्शी रमेश द्वारा मौके पर ही जब वाहन में बैठे पुलिसकर्मियों से इस सम्बंध में पूछा गया कि साहब यह क्या हो रहा है, तो उन्होंने रमेश से उसका नाम पूंछा और गाड़ी स्टार्ट कर चले गए। ग्रामीणों की शिकायत पर तहसीलदार व टीआई द्वारा मौके पर पहुंचकर पंचनामा कार्यवाही तो की गई लेकिन पांच दिन बीतने के बाबजूद भी सेल्समैन व डायल 100 का दुरुपयोग करने वाले पुलिसकर्मियों पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।
अपनी घटिया हरकत से पूरे पुलिस महकमे की बदनामी कराने वालों के खिलाफ तत्परता से कार्रवाई करके संदेश देने के बजाय जिम्मेदार अधिकारी मामले में उदासीनता बरत रहें है। इससे लेटलतीफी से जहां गलत कार्यों में लिप्त पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ेगा वहीं आमआदमी इनके गलत कार्यों का विरोध करने के लिए सामने नहीं आएंगे। उधर, कतिपय पुलिसकर्मियों की खुलेआम कालाबाजारी में संलिप्तता से इनकी भय मुक्त मानसिकता का पता चलता है। इसे बिडंबना ही कहा जायेगा कि अपराध की रोकथाम करने वाले आज खुद ही बेखौफ होकर अपराध कर रहे हैं। इन हालत में पुलिस से आमजन और उनकी जान माल की सुरक्षा की उम्मीद भला कैसे की जा सकती है। मालूम होकि पन्ना जिले में इसके पूर्व एक कुख्यात अपराधी ने अमानगंज थाना के डायल 100 वाहन में तैनात पुलिसकर्मियों को बंधक बनाकर उक्त वाहन से एक युवती का अपहरण किया था। लेकिन, देवेंद्रनगर थाना का मामला अलहदा है क्योंकि इसमें पुलिसकर्मी ही डायल 100 वाहन के दुरूपयोग से लेकर सरकारी अनाज की कालाबाजारी करने तक में सीधे तौर पर में लिप्त हैं।
इनका कहना है:-
“मैनें स्वयं गांव जाकर प्रत्यक्षदर्शियों के बयान लेकर पंचनामा कार्यवाही की है, इस मामले जो भी जांच उपरांत दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही का प्रस्ताव वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा जायेगा।”
– उमेश तिवारी, तहसीलदार देवेन्द्रनगर।
“गांव पहुंचकर ग्रामीणों व 100 डायल में उस दिन तैनात कर्मचारियों के बयान लिए गए है। जिसमें एक एएसआई, प्रधान आरक्षक व आरक्षक के नाम सामने आ रहे है। प्रतिवेदन बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को कार्रवाई के लिए भेजा जा चुका है।”
– हिमांशु चौबे, निरीक्षक पुलिस थाना देवेन्द्रनगर।
“मुझे सूचना मिली की उपभोक्ता दुकान का ताला टूटा है। पुलिस का वाहन सलेहा मार्ग की ओर जा रहा था तभी उस वाहन में बैठकर उनके साथ चला गया।कोई अनाज चोरी नही हुआ। गांव वालों के द्वारा मुझे रंजिश के तहत फंसाया जा रहा है।”