मदर टेरेसा हॉस्पिटल में फर्जी डिग्री से नौकरी कर चुके चिकित्सक पर आपराधिक प्रकरण दर्ज

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पन्ना के बाहरी इलाके मोहनपुरवा में एनएच-39 (छतरपुर मार्ग) किनारे स्थित मदर टेरेसा हॉस्पिटल का प्रवेश द्वार।

* सर्जन के पद पर नियुक्ति के दौरान कई मरीजों के इलाज में की थी लापरवाही

* शिकायत के बाद सीएमएचओ दवारा गठित टीम की जाँच में उजागर हुआ फर्जीवाड़ा

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना जिला मुख्यालय में मदर टेरेसा हॉस्पिटल प्रबंधन के कारनामे इन दिनों चर्चाओं में बने हैं। जिले के इस एकमात्र निजी हॉस्पिटल के संचालक पर वहाँ पदस्थ रही स्टॉफ नर्स का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने तथा गलत काम का पीड़िता द्वारा विरोध किए जाने पर उसे नौकरी से निकालने के मामले को लोग अभी भूले भी नहीं थे कि मदर टेरेसा हॉस्पिटल से जुड़ी एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। इस हॉस्पिटल में फर्जी चिकित्सीय डिग्री के आधार पर सर्जन के पद पर सेवाएं दे चुके जालसाज चिकित्सक अनुराग त्रिपाठी पिता अरविंद त्रिपाठी निवासी नेहरू नगर रीवा के विरुद्ध पन्ना कोतवाली थाना पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 एवं मध्यप्रदेश राज्य आयुर्विज्ञान परिषद् एक्ट (1956 और 1958) की धारा 24 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया है। जांच में चिकित्सक की डिग्री फर्जी पाए जाने पर यह कार्रवाई की गई है।
सांकेतिक फोटो।
उल्लेखनीय है कि पन्ना के बेनीसागर मोहल्ला निवासी दयाशंकर दीक्षित ने 14 फरवरी को एक लिखित शिकायत पुलिस महानिदेशक भोपाल, पुलिस महानिरीक्षक सागर, पुलिस उप महानिरीक्षक छतरपुर रेन्ज एवं पुलिस अधीक्षक पन्ना को भेजी थी। शिकायतकर्ता ने मदर टेरेसा हॉस्पिटल प्रबंधन पर फर्जी चिकित्सकों से मरीजों का उपचार एवं ऑपरेशन कराने का लगाया था। इसके अलावा कुछ अन्य लोगों ने भी हॉस्पिटल के सम्बंध में पन्ना कलेक्टर से शिकायत की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोतवाली थाना पुलिस ने शिकायतकर्ता दयाशंकर दीक्षित अलावा अन्य साक्षियों के कथन दर्ज किए गए। मदर टेरेसा हॉस्पिटल संचालक फादर टोजी के भी बयान लिए।
पन्ना में स्थित मदर टेरेसा हॉस्पिटल की बिल्डिंग।
इसके पश्चात आरोपी चिकित्सक अनुराग त्रिपाठी की 15 जून 2019 को हॉस्पिटल में नियुक्ति के सम्बंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पन्ना से जानकारी प्राप्त की गई। जिस पर आनन-फानन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने एक जाँच समिति गठित की। उक्त समिति की जांच रिपोर्ट, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के रजिस्ट्रार की रिपोर्ट एवं ऑल इण्डिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जोधपुर से प्राप्त रिपोर्ट में डॉक्टर अनुराग त्रिपाठी के द्वारा मदर टेरेसा हॉस्पिटल में प्रस्तुत की गई चिकित्सीय डिग्रियों को पूर्णतः फर्जी तथा कूटरचित बताया गया।
सांकेतिक फोटो।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पन्ना की समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में यह भी कहा है कि मदर टेरेसा हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉक्टर अनुराग त्रिपाठी के द्वारा मरीज लोधी बाई गौंड़ निवासी हाटुपुर का जो ऑपरेशन किया था उसमें गलती की गई है। फर्जी चिकित्सक डॉक्टर अनुराग त्रिपाठी ने कथित तौर पर महज छः दिन ही मदर टेरेसा हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दी हैं। जब उसकी चिकित्सीय डिग्रियाँ फर्जी होने की भनक हॉस्पिटल प्रबंधन को लगी तो उसे तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया। साथ ही इसकी जानकारी भी पत्र के माध्यम से पुलिस अधीक्षक पन्ना को दी गई। लेकिन इस मामले में मदर टेरेसा हॉस्पिटल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
पन्ना में मीडीकर्मियों से चर्चा में अपना पक्ष रखते हुए मदर टेरेसा हॉस्पिटल के संचालक फादर टोजी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पन्ना की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में इसका उल्लेख करते हुए लिखा है कि, मदर टेरेसा हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा डॉक्टर अनुराग त्रिपाठी की नियुक्ति की सूचना नियमानुसार उनके कार्यालय में नहीं दी गई। और ना ही उक्त चिकित्सक की डिग्रियों का सत्यापन कराया गया। फर्जी डॉक्टर अनुराग त्रिपाठी की नियुक्ति के मामले को मदर टेरेसा हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा बरती गई घोर लापरवाही से हॉस्पिटल के प्रति जहाँ लोगों भरोसा टूटा है वहीं उक्त चिकित्सक द्वारा हॉस्पिटल में सर्जन के पद पर रहते हुए मरीजों के गलत ऑपरेशन कर उनकी जान के साथ खिलवाड़ किया गया।

इनका कहना है –

“हमारे हॉस्पिटल में आनंद त्रिपाठी ने सिर्फ 6 दिन ही सेवाएं दी हैं, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के रजिस्ट्रार से 17 दिसम्बर 2019 को चिकित्सक की डिग्री होने की जानकारी प्राप्त होने पर मेरे द्वारा स्वयं पुलिस अधीक्षक पन्ना को 6 जनवरी 2020 को इसकी जानकारी पत्र के माध्यम से दी गई थी।”

फादर टोजी, संचालक, मदर टेरेसा हॉस्पिटल पन्ना।