* अर्धनग्न हालत में घरों से बाहर आए पिपरियाकलां ग्रामीणों ने सुनाई व्यथा
* सिमरिया के युवाओं ने काली पट्टी बांधकर तहसील में जमकर की नारेबाजी
शादिक खान, कैलाश सेन- पन्ना/रैपुरा।(www.radarnews.in) जिले में विद्युत व्यवस्था पिछले कई महीनों से बुरी तरह चौपट है। सबसे ज्यादा समस्या ग्रामीण अंचल में देखी जा रही है। गांवों में रहने वाले लोग अघोषित बिजली कटौती की मार झेल रहे। कई गांवों में तकनीकी कारणों से एक पखवाड़े से लेकर महीने भर से बिजली गुल है। उमस भरी इस गर्मी में विद्युत व्यवस्था की बदहाली झेलने को मजबूर निर्दोष ग्रामीणों की हालत ऐसी हो चुकी जैसे कि वे अघोषित तौर पर कोई सजा भुगत रहे हैं। जिले के पवई और पन्ना सम्भाग अंतर्गत व्याप्त बिजली संकट को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है।

समस्या का समाधान न होने से परेशान ग्रामीण सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर है। ऐसे ही दो मामले पवई संभाग अंतर्गत सामने आए है, जहां बीती रात रैपुरा तहसील के ग्राम पिपरियाकलां के ग्रामीण अर्धनग्न हालत में अपने घरों से बाहर निकल कर आए और अपनी व्यथा सुनाते हुए एक वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया। ग्रामीणों का यह अनूठा विरोध-प्रदर्शन चर्चा का विषय बना है। वहीं पवई सम्भाग के ही सिमरिया क़स्बा में स्थानीय युवाओं द्वारा क्षेत्र में जारी बेतहाशा बिजली कटौती के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करते हुए काली पट्टी बांधकर जमकर तीखी नारेबाजी की गई। युवाओं ने समस्या के समाधान के लिए तहसीलदार सिमरिया को ज्ञापन भी सौंपा है।
15 दिनों से ख़राब पड़ा ट्रांसफार्मर
पिपरियाकलां के वाशिंदों के द्वारा बनाए गए वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना और देखा जा सकता है कि उनके गांव का ट्रांफार्मर पिछले 15 दिनों से ख़राब पड़ा। ग्रामीणों के द्वारा मध्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के जूनियर इंजीनियर के कहने पर अपने बकाया बिलों का भुगतान किया जा चुका है, इसके बाद भी उनके गांव के ख़राब ट्रांसफार्मर को बदला नहीं गया। बैचेन करने वाली इस उमस भरी गर्मी में अँधेरे में रहने और मच्छरों के डंक सहन करने को मजबूर इन ग्रामीणों को “न दिन में चैन मिल रहा है और न रात को आराम नसीब हो पा रहा है। गेहूं पिसाई से लेकर मोबाइल फोन चार्ज करने के लिए उन्हें आसपास के दूसरे गांवों में जाना पड़ता है। बिजली संकट से निजात न मिलने से परेशान ग्रामीण वीडियो में क्षेत्रीय विधायक और प्रदेश की शिवराज सरकार के प्रति खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कह रहे हैं कि उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
लौट आया लालटेन युग ?
