फरियादी सहित पीड़ित दलित के परिवार के सदस्यों के खिलाफ दर्ज किया आपराधिक मामला

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फाइल फोटो।

* गुनौर थाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल, एसपी से न्याय की लगाई गुहार

पन्ना।(www.radarnews.in) जिले के गुनौर थाना क्षेत्रातर्गत आने वाले लुहरगांव में दिनांक 14 अगस्त को एक ढावा संचालक सहित तीन अन्य आरोपियों द्वार गांव के ही एक दलित किराना व्यापारी के घर में घुसकर कटटा् से फायर करते हुये जानलेवा हमला कर मारपीट किये जाने की घटना सामने आयी थी। घर पर हमला करने पहुंचे दो आरोपियों धर्मेन्द्र राजपूत तथा नरेश विश्वकर्मा को परिवार के सदस्यों द्वारा किसी तरह से पकड़ लिया गया था तथा वारदात में शामिल दो आरोपी वीर सिंह बुंदेला उर्फ बड़े राजा और शनि राजपूत मौके से भाग खड़े हुये थे। इस दौरान दलित परिवार के सदस्यों द्वारा पकड़े गये दोनों आरोपियों के सम्बंध में सूचना देने के बाद पहुंची पुलिस के हवाले कर दिया गया था।
किराना व्यापारी एवं उनके परिजनों द्वारा दबोंचे गए हमलावर एवं उनके कब्जे से जप्त अवैध कट्टा। (फाइल फोटो)
इस वारदात के तीसरे आरोपी ढावा संचालक वीर प्रताप उर्फ बड़े राजा निवासी धनोखर को पुलिस द्वारा लुहरगांव से घटना दिनांक की रात्रि को ही पकड़ लिया गया। सामने आयी इस घटना के बाद पीड़ित बालकिशन प्रजापति की रिपोर्ट पर पुलिस द्वारा चारों आरोपियों के विरूद्ध आईपीसी की धारा 452, 294, 323,336, 506, 34 तथा अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धाराओं के साथ ही आर्म्स एक्ट की धारा 25/27 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। घटना के चौथे आरोपी शनि राजपूत निवासी राजनगर की इस प्रकरण में अभी तक गिरपतारी नहीं हो सकी है इसी मामले में पीड़ित बालकिशन द्वारा पुलिस अधीक्षक को अपने परिवार के सदस्यों के साथ आवेदन पत्र सौंपा था कि घटना के दौरान हुई मारपीट के चलते उसका दांत टूट गया है जिस पर प्रकरण में आईपीसी की धारा 326 जोड़ी जानी चाहिये साथ ही साथ कट्टे से फायर करते हुये उसकी जान लेने की कोशिश की गई जिस पर आरोपी गणों के विरूद्ध धारा 307 भी लगनी चाहिये।
लेकिन इस पूरे घटनाक्रम को लेकर पीड़ित परिवार के द्वारा जो जिस तरह न्याय की गुहार की गई थी उस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई बल्कि जिन आरोपीगणों द्वारा दलित परिवार के घर घुसकर जानलेवा हमला करते हुये मारपीट की गई थी उनकी रिपोर्ट पर पुलिस द्वारा दलित परिवार के सदस्यों खुशीराम प्रजापति, बालगोंविद प्रजापति, सीताराम प्रजापति, बालकिशन तथा परिवार की एक महिला सदस्य के विरूद्ध आईपीसी की धारा 342, 294, 323, 506, 34 आईपीसी के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया है। गुनौर थाना पुलिस द्वारा की इस तरह की कार्यवाही से पीड़ित दलित परिवार की परेशानियॉ और बढ़ गई है। दलित परिवार के सदस्य खुशीराम प्रजापति ने गुनौर थाना पुलिस पर आरोपियों से प्रभावित होने का आरोप लगाते हुये पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।
गुनौर थाना के बाहर खड़े पीड़ित पिता-पुत्र अपना आवेदन पत्र दिखाते हुए। (फाइल फोटो)
पुलिस अधीक्षक को दिये गये आवेदन पत्र में खुशीराम प्रजापति ने कहा है कि जो आरोपीगण हमारे घर घुसे थे और मारपीट करते हुये जानलेवा हमला किया गया था। परिवार के सदस्यों ने अपने आप को बचाते हुए दो आरापियों को पकड़कर अपने आपको सुरक्षित किया घटना से संबंधित वीडियो भी मौजूद है। पुलिस ने घटना से संबंधित मामला दर्ज भी किया है किंतु इस परिस्थितियों में आरोपी गणों द्वारा उल्टा बंधक बनाने और मारपीट की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई गई जिस पर पुलिस ने मामला भी दर्ज कर लिया गया है। खुशीराम प्रजापति ने इस मामले में पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है।

इनका कहना है-

“दूसरे पक्ष ने भी प्रकरण में बंधक बनाकर मारपीट करने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, जिस पर विवेचना की जा रही है। प्रकरण की पूरी विवेचना से मामले की स्थिति स्पष्ट होगी पुलिस मामले की विवेचना कर रही है।”

शालिनी परस्ते डीएसपी एवं थाना प्रभारी गुनौर।