अब पन्ना में होगी कोरोना संक्रमण की जांच, तत्काल मिलेगें नतीजे, सीएमएचओ बोले- कोरोना की रोकथाम में मिलेगी मदद

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कोविड-19 संक्रमण के सैम्पल की जांच हेतु स्थापित की गई ट्रू-नॉट मशीन।

* मलेरिया कार्यालय में स्थापित की गई कोरोना जाँच मशीन

* स्थान के आभाव एवं संक्रमण के डर जांच मशीन लगाने का विरोध

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) पूरे देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। इसको देखते हुए प्रदेश के हर जिलों में कोरोना टेस्ट मशीन लगाने की कवायद चल रही है। इसी क्रम में आज पन्ना में भी ट्रू-नॉट मशीन को लगाया गया। मशीन के आने के बाद अब कोरोना संदिग्ध लोगों की जांच रिर्पोट का इंतेजार नहीं करना होगा। पन्ना में कोरोना मरीजों की जांच के लिए अभी तक यह व्यवस्था थी कि सैंपल सागर मेडिकल कॉलेज भेजे जाते थे। जहां से रिर्पोट आने में एक से दो दिनों का इंतजार करना पड़ता था। ऐसे में संदिग्ध व्यक्ति के और अधिक लोगों के संपर्क में आने का खतरा भी बना रहता है। लेकिन अब पन्ना में ही कोरोना टेस्टिंग मशीन लग जाने के बाद प्रतिदिन 50 से अधिक सैंपल प्रतिदिन टेस्ट होंगे और जो मरीजों को असुविधा होती थी उससे भी बचा जा सकता है। आज अधिकारियों की मौजूदगी में उक्त मशीन को लगाया गया।
इस मौके पर पन्ना के सीएमएचओ डॉ. एलके तिवारी ने कहा कि यह बहुत बड़ी बात है कि पन्ना में अब कोरोना टेस्टिंग मशीन लग गई है। जिससे मरीजों की पहचान करने में भी सुविधा मिलेगी और जल्द ही नतीजे आ जाएंगे। उन्होंने बताया कि चार-पांच दिन बाद ट्रू नॉट मशीन काम करना शुरू कर देगी। इसके रजिस्ट्रेशन और इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इंजीनियर आज ही यह मशीन लेकर आए हैं। इस कारण बिना देरी किए हुए हमने पुराने सीएमएचओ ऑफिस एवं वर्तमान में मलेरिया कार्यालय में इस मशीन की स्थापना कर दी है। इसे संचालित करने के लिए टेक्निकल लोग नियुक्त किए गए हैं। हमें उम्मीद है की पन्ना में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने में इस मशीन का बड़ा योगदान होगा। क्योंकि इससे तुरंत ही रिजल्ट प्राप्त हो जाते हैं। इसलिए बिना देरी किए हुए मशीन को स्थापित करा दिया है।
वहीं कोरोना जांच केंद्र प्रभारी डॉ. डीके गुप्ता का कहना है कि 24 घंटे इस मशीन से जांच होगी और 50 सैंपल प्रतिदिन टेस्ट किए जाएंगे। यह पन्ना जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है। आपने बताया कि अभी लैब में दो टेक्नीशियन काम करेगें। गौरतलब है कि यह मशीन पन्ना के लिए बेहद जरूरी थी। पन्ना में टेस्ट होने से कई तरह की समस्याएं खत्म हो जाएंगी। प्रतिदिन टेस्ट होने से अधिक से अधिक लोगों की जांच हो सकेगी और समय पर लोगों को उपचार मिल सकेगा।
कोरोना जांच मशीन को लगाने के लिए चुने गये स्थान को लेकर पन्ना में विवाद देखा गया। बताया गया कि उक्त मशीन को जिला चिकित्सालय परिसर में ही लगना चाहिए, लेकिन पन्ना में इसे जिला मलेरिया व फाइलेलिया कार्यालय में लगाया गया। जिससे यहां के कर्मचारियों में विरोध भी देखा गया। लेकिन यहां मामला कोरोना से जुड़ा होने के कारण कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। आनन-फानन में इस कार्यालय को खाली करने के निर्देश दे दिए गए और बहुत सारा सामान बाहर कर दिया गया। जबकि यह जो भवन बना हुआ है पूर्व सीएमएचओ ऑफिस है, जो छतिग्रस्त हो गया था। जिसे मलेरिया फाइलेरिया विभाग ने अपने हैंडोवर ले लिया था एवं उनके द्वारा इसका जीर्णोद्धार कराया गया। अब सवाल यह उठता है कि जब इस परिसर में वैसे भी मलेरिया फाइलेरिया के अलावा कुष्ठ विभाग खाद्य सहित कई नॉनटेक्निकल विभाग संचालित है, जो पहले से ही लग रहे हैं। परिसर में इतने कमरे नहीं है। यह मशीन लगाई जा सके। इस मशीन के लगने से यहां के कर्मचारियों को स्वयं के संक्रमित होने का भय और चिंता सताने लगी है।