* पन्ना, अजयगढ़, देवेन्द्रनगर में अवैध प्लाटिंग से करोड़ों रुपए छापने वालों पर कब होगी एफआईआर?
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना जिला मुख्यालय सहित आंचलिक नगरीय क्षेत्रों में पिछले कई सालों से स्थानीय निकायों एवं राजस्व विभाग की सांठगांठ से अवैध कॉलोनियां बसाने का गोरखधंधा बहुत बड़े पैमाने पर चल रहा है। अवैध कॉलोनियों के निर्माण को रोकने के लिए कठोर कानून होने के बाद भी जिम्मेदारों के द्वारा उन पर अमल न करने से जिले अवैध कालोनियों का वार्षिक कारोबार एक लगभग एक अरब के आसपास पहुँच चुका है। नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए अवैध प्लाटिंग करके नोट छापने वालों में जनप्रतिनिधि, नेतागण, तथाकथित पत्रकार, भू-माफिया व्यवसायी समेत कतिपय नव धनाढ्य शामिल हैं। हैरानी की बात है कि सिर्फ पन्ना जिला मुख्यालय में ही तकरीबन दो दर्जन से अधिक स्थानों पर तेजी से आकार ले रहीं अवैध कालोनियों में धड़ल्ले से प्लाट बिक्री की जा रही है। पन्ना में बैठे राजस्व समेत अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी-कर्मचारी निहित स्वार्थपूर्ति के चक्कर में अवैध कॉलोनाइजरों की करतूतों की जानबूझकर अनदेखी कर रहे हैं।
बता दें कि कुछ समय पूर्व भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष अंकुर त्रिवेदी के द्वारा पन्ना एसडीएम से एक अवैध प्लाटिंग की लिखित शिकायत की गई थी। पन्ना में सफेदपोश भू-माफिया अवैध कालोनियां बसाकर करोड़ों रुपए बटोरने के साथ कुछ स्थानों पर सरकारी भूमियों को भी बेंच रहे हैं। पन्ना कलेक्टर सुरेश कुमार ने काफी देर से ही सही पर अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई की सुध ली है। हालांकि उनकी कार्रवाई का दायरा फिलहाल गुनौर नगर परिषद क्षेत्र तक ही शामिल है। अब यह देखना बेहद महत्वपूर्ण होगा कि पन्ना कलेक्टर पन्ना, अजयगढ़, देवेन्द्रनगर, सिमरिया, अमानगंज, पवई सहित अन्य स्थानों पर अवैध कॉलोनियां काटकर उनमें करके शासन को राजस्व की बड़ी क्षति पहुँचाने वालों के खिलाफ नियमानुसार एफआईआर दर्ज करवाने की कार्यवाही करते हैं या फिर अवैध कालोनाइजरों पर अपनी सख्ती को वे गुनौर तक ही सीमित रखते हैं।
अवैध प्लाटिंग कर इन नियम-कानूनों का किया उल्लंघन
प्राप्त जानकारी अनुसार कलेक्टर सुरेश कुमार ने नगर परिषद क्षेत्र गुनौर अंतर्गत अवैध कॉलोनी निर्माण पर संबंधितजनों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिला कलेक्टर द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गुनौर के प्रतिवेदन पर ग्राम गुनौर के विभिन्न सर्वे नंबर एवं रकबा की भूमि पर कॉलोनी निर्माण के दौरान म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 की विभिन्न धाराओं तथा म.प्र. नगर पालिका कॉलोनी विकास नियम 2021 के प्रावधानों का उल्लंघन पाए जाने पर नोटिस जारी करने की कार्यवाही की गई है। एसडीएम द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन में उल्लेख है कि संबंधित द्वारा कॉलोनी निर्माण का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र एवं कॉलोनी विकास की अनुज्ञा प्राप्त किए बगैर कार्य कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से ले-आउट स्वीकृति एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र भी प्राप्त नहीं किया गया है। किसी भी प्रकार का आंतरिक विकास किए बगैर तथा बिना रेरा पंजीयन के छोटे-छोटे भूखण्ड विक्रय कर अवैैध कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है।
पेशी में प्रस्तुत करना होगा नोटिस का जवाब
इस संबंध में उपरोक्त कॉलोनी को अनाधिकृत कॉलोनी घोषित करने, उपरोक्त भूमि तथा संबंधित के स्वामित्व की किसी अन्य भूमि को प्रश्नाधीन कॉलोनी में नागरिक अधोसंरचना के विकास कार्य पूर्ण करने के लिए अटैच करने एवं अनाधिकृत कॉलोनी निर्माण का अपराध कारित करने के कारण कारावास व जुर्माना के लिए सक्षम न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराने के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। साथ ही आगामी 17 मार्च को दोपहर 2 बजे कारण बताओ सूचना पत्र का बिन्दुवार प्रत्युत्तर स्वयं अथवा अभिभाषक के माध्यम से अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं अन्यथा एकपक्षीय कार्यवाही कर प्रकरण में प्रस्ताव अनुसार आगामी वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। कोई भी व्यक्ति कॉलोनी को अनाधिकृत कॉलोनी घोषित करने के संबंध में कोई आपत्ति होने पर निर्धारित तिथि के पूर्व न्यायालय में प्रस्तुत कर सकता है।
इन्हें थमाए नोटिस
जिला कलेक्टर द्वारा इन्द्रपुरी कॉलोनी पन्ना निवासी रोहित तिवारी, ग्राम एवं तहसील गुनौर निवासी शकुंतला त्रिपाठी, बिन्द्रावन, अर्चना तिवारी, किशोरी लाल, दयाराम, सुनील कुमार, अनबर बक्श, सुरेन्द्र कुमार, नत्थू सिंह, जीवन लाल, मुलायम देवी, कौशिल्या, रामकिशुन, प्रियंका खरे, फूलबाई गर्ग, शशिकांत, अवधेश प्रताप सिंह, माया बाई पटेल, कौशिल्या बाई, सीताराम, संगीता, लक्ष्मी, राजकुमार एवं गंगा प्रसाद, ग्राम सिली तहसील गुनौर निवासी कमलाकांत, भागीरथ, अंकित सोनी, रामप्रताप पटेल, ग्राम एवं तहसील अमानगंज निवासी बल्देव सेन, ग्राम गभौरा तहसील गुनौर निवासी रामप्रताप पटेल एवं ग्राम सिमरी तहसील गुनौर निवासी निर्मला सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
* पीटीआर के पूर्व सुरक्षा श्रमिक ने कलेक्टर से की लिखित शिकायत
* आवेदन के साथ सौंपे दो से अधिक संतान होने के प्रमाणित दस्तावेज
पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश शासन द्वारा जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कई स्तर पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। आमलोगों के लिए परिवार नियोजन को अपनाना जहां पूर्णतः स्वैच्छिक है वहीं लोकसेवकों के लिए कई साल पहले इसे अनिवार्य किया जा चुका है। इसके पीछे मंशा है कि सरकारी अधिकारी-कर्मचारी समाज में आदर्श प्रस्तुत करते हुए छोटा परिवार-सुखी परिवार की राह पर दृढ़ता से चले । इस उद्देश्य को पूरा करने लोकसेवकों के लिए ‘हम दो-हमारे दो’ की सीमा निर्धारित है। राज्य शासन ने इस संबंध में बक़ायदा अधिसूचना जारी कर नियम-शर्तें घोषित कर रखी हैं। नियमानुसार अगर किसी लोकसेवक अथवा किसी उम्मीदवार जिसकी दो से अधिक संतानें जीवित है, जिनमें से एक का जन्म 26 जनवरी 2001 को या फिर उसके बाद हुआ हो वह किसी सेवा/पद पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा। इस नियम को आधार बनाकर पूर्व सुरक्षा श्रमिक ने पन्ना टाइगर रिजर्व (पीटीआर) की पन्ना बफर रेंज के वन क्षेत्रपाल अमर सिंह की सेवा समाप्त करने की मांग की है। इस संबंध में पन्ना कलेक्टर को सप्रमाण आवेदन पत्र देकर रेंजर की चार संतान होने का दावा किया जा रहा है।
हाल ही में उप वन क्षेत्रपाल से वन क्षेत्रपाल के पद पर पदोन्नत हुए अमर सिंह पिछले कुछ समय से लगातार सुर्ख़ियों में बने हैं। फिर चाहे वह पन्ना बफर रेंज अंतर्गत हुई सागौन की अवैध कटाई की जांच के लिए राजधानी भोपाल से राज्य स्तरीय उड़नदस्ता दल का पन्ना आना हो या फिर वन मार्ग निर्माण के लिए कथित तौर पर वन क्षेत्र में मिट्टी-मुरुम का अवैध खनन कर उपयोग करने का मामला रहा हो। मौजूदा पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन के सबसे चहेते और भरोसेमंद माने-जाने रेंजर अमर सिंह गौंड़ अब एक नए मामले में घिरते नजर आ रहे हैं।
अमर सिंह, वन क्षेत्रपाल, परिक्षेत्र पन्ना बफर।
जिले के मड़ला ग्राम निवासी बब्लू यादव ने 25 फरवरी को जनसुनवाई में पन्ना कलेक्टर को आवेदन पत्र देकर रेंजर अमर सिंह के विरुद्ध गंभीर शिकायत की है। आरोप है कि रेंजर साहब अपने परिवार के सदस्यों की सही जानकारी न देकर नियम विरुद्ध तरीके से शासकीय सेवा में बने हुए हैं। शिकायत में बताया गया है कि है मध्य प्रदेश शासन वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ. सी. 03/03/200-03 दिनांक 10 मार्च 2000 के नियमानुसार कोई भी उम्मीदवार जिसकी दो से अधिक जीवित संतानें है, जिनमें से एक का जन्म 26 जनवरी 2001 को या फिर उसके बाद हुआ हो किसी सेवा या नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा। शिकायतकर्ता का दावा है कि, रेंजर अमर सिंह की वर्तमान में 4 जीवित संतान हैं जिसमें 3 का जन्म 26 जनवरी 2001 के बाद हुआ है। अपने दावे की पुष्टि के लिए शिकायतकर्ता ने आवेदन पत्र के साथ रेंजर के परिवार की समग्र आईडी संलग्न की है। उक्त साक्ष्य के आधार पन्ना कलेक्टर से रेंजर के परिवार की सदस्य संख्या की जांच करवाकर सेवा समाप्त करने की मांग की है। साथ ही वन विभाग में कार्यरत इस तरह के अन्य अधिकारी-कर्मचारियों को भी शासकीय सेवा से बर्खास्त करने की मांग उठाई है। आवेदन पत्र की प्रतिलिपि आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) भोपाल और मुख्य वन संरक्षक वृत्त छतरपुर को भेजी है।
पदोन्नति के बाद भी नहीं छोड़ा पन्ना
फाइल फोटो।
वनरक्षक के रूप में पन्ना में पदस्थ हुए अमर सिंह पिछले कई वर्षों से जिले में ही जमे हैं। मजेदार बात यह है कि पन्ना में रहते हुए उन्होंने वनपाल, उप वन क्षेत्रपाल और वन क्षेत्रपाल के पद पर पदोन्नति प्राप्त कर ली लेकिन कभी जिले से बाहर नहीं गए। कुछ समय पहले ही शासन ने अमर सिंह को उप वन क्षेत्रपाल से वन क्षेत्रपाल के पद पर पदोन्नत करते हुए इनकी नवीन पदस्थापना सीधी जिले में करने का आदेश जारी किया था। शासन के आदेश पर पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा जानबूझकर अमल न करने से अमर सिंह पन्ना में ही डटे हुए हैं। बता दें कि, पन्ना पार्क प्रबंधन द्वारा गुरुवार 27 फरवरी को अमर सिंह की वर्दी पर एक-एक और स्टार लगाकर उन्हें वन क्षेत्रपाल के पद पर पदोन्नत किये जाने की औपचारिकता पूरी की गई।
वन क्षेत्रपाल अमर सिंह को पद से पृथक करने के संबंध में पन्ना कलेक्टर को दिए गए आवेदन पत्र की कॉपी।
इसके पूर्व गंगऊ अभ्यारण रेंज के रेंजर गौरव नामदेव का स्थानांतरण कार्य आयोजना ईकाई छतरपुर होने पर पन्ना टाइगर रिजर्व की क्षेत्र संचालक अंजना सुचिता तिर्की द्वारा 22 फरवरी को उनकी भारमुक्ति के संबंध में पत्र जारी किया गया। क्षेत्र संचालक ने श्री नामदेव को निर्देशित किया है कि गंगऊ अभ्यारण परिक्षेत्र (रेंज) का समस्त प्रभार अमर सिंह, प्रभारी परिक्षेत्राधिकारी पन्ना बफर रेंज को सौंपकर अपनी नवीन पदस्थिति कार्य आयोजना ईकाई छतरपुर में देवें। यहां गौर करने वाली बात यह है कि, पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा अमर सिंह को डिप्टी रेंजर रहते हुए दूसरे परिक्षेत्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया।
इनका कहना है-
मेरा जीवन खुली किताब की तरह है मैनें शासन से कभी किसी तरह की कोई भी जानकारी नहीं छुपाई है। जांच होने पर वस्तुस्थिति पूर्णतः स्पष्ट हो जाएगी। पिछले कुछ समय से मुझे सुनियोजित तरीके से परेशान किया जा रहा है। मैं वन अपराधों से समझौता नहीं करता इसलिए कतिपय लोग जो मुझे अपनी राह में सबसे बड़ा रोड़ा मानते हैं वह शिकवा-शिकायतों के जरिए मेरी छवि को धूमिल करने और मुझे बदनाम करने के अभियान में जुटे हैं।
अमर सिंह, परिक्षेत्राधिकारी पन्ना बफर रेंज।
कलेक्टर कार्यालय से शिकायती आवेदन पत्र प्राप्त होने पर जांच कराई जाएगी, जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर नियमानुसार आगे की कार्याही की जाएगी।
अंजना सुचिता तिर्की, क्षेत्र संचालक, पन्ना टाइगर रिजर्व।
* परीक्षार्थियों के लिएपरीक्षा कक्ष में प्रात: 8.30 बजे उपस्थित होना अनिवार्य होगा
पन्ना। माध्यमिक शिक्षा मण्डल मध्यप्रदेश द्वारा हायर सेकण्डरी कक्षा 12वीं की वार्षिक परीक्षा मंगलवार 25 फरवरी से आरंभ हो रही है। हायर सेकण्डरी की परीक्षा 25 फरवरी से 25 मार्च तक आयोजित की जाएगी। परीक्षा नियमित तथा स्वाध्यायी परीक्षार्थियों के लिए प्रातः 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक होगी। सभी परीक्षार्थियों को परीक्षा केन्द्र में प्रातः 8 बजे एवं परीक्षा कक्ष में प्रातः 8.30 बजे उपस्थित होना अनिवार्य होगा। परीक्षा कक्ष में प्रातः 8.45 बजे के बाद किसी भी परीक्षार्थी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। परीक्षार्थियों को परीक्षा प्रारंभ होने से 10 मिनट पूर्व अर्थात प्रातः 8.50 बजे उत्तर पुस्तिका एवं 5 मिनट पूर्व अर्थात प्रातः 8.55 बजे प्रश्न-पत्र दिए जाएंगे। प्रत्येक परीक्षार्थी का उपस्थिति पत्रक की फोटो से मिलान किया जायेगा। प्रवेश पत्र में भी फोटो लगाना अनिवार्य है। परीक्षार्थी यथासंभव पेयजल की बोतल स्वयं लेकर आएं।
परीक्षा का टाइम टेबल
कक्षा 12वीं के नियमित तथा स्वाध्यायी परीक्षार्थियों की परीक्षा का प्रथम प्रश्न पत्र मंगलवार 25 फरवरी को होगा। इस दिन हिन्दी का प्रश्न पत्र होगा। शुक्रवार 28 फरवरी को अंग्रेजी का प्रश्न पत्र होगा। शनिवार एक मार्च को उर्दू और मराठी का प्रश्न पत्र होगा। मंगलवार 4 मार्च को एनिमल हस्बैण्डरी मिल्क ट्रेड पोल्ट्री फार्मिंग एवं फिशरीज, विज्ञान के तत्व, भारतीय कला का इतिहास, अर्थशास्त्र तथा फिजिक्स का प्रश्न पत्र होगा। बुधवार 5 मार्च को बायोटेक्नॉलाजी, गायन वादन एवं तबला पखावज का प्रश्नपत्र होगा। गुरूवार 6 मार्च को ड्राइंग एण्ड डिजाइन का प्रश्न पत्र होगा। शुक्रवार 7 मार्च को भूगोल, क्रॉप प्रोडक्शन एण्ड हार्टिकल्चर, स्टिल लाईफ एण्ड डिजाइन, शरीर रचना क्रिया-विज्ञान एवं स्वास्थ्य का प्रश्न पत्र होगा। शनिवार 8 मार्च को बायलॉजी, सोमवार 10 मार्च को मनोविज्ञान, मंगलवार 11 मार्च को इन्फॉरमेटिक प्रेक्टिसेस तथा बुधवार 12 मार्च को संस्कृत का प्रश्न पत्र होगा। सोमवार 17 मार्च को केमिस्ट्री, इतिहास, व्यवसाय अध्ययन, एलिमेंट आफ साइंस एण्ड मेथमेटिक्स यूजफुल फार एग्रीकल्चर, ड्राइंग एण्ड पेंटिंग और गृह प्रबंध पोषण एवं वस्त्र विज्ञान के प्रश्न पत्र की परीक्षा होगी। गुरूवार 20 मार्च को समाजशास्त्र तथा शुक्रवार 21 मार्च को नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेम वर्क के सभी विषय और शारीरिक शिक्षा का प्रश्न पत्र होगा। शनिवार 22 मार्च को कृषि, होम साइंस (कला समूह) तथा बुक कीपिंग एण्ड एकाउंटेन्सी का प्रश्न पत्र होगा। सोमवार 24 मार्च को राजनीति शास्त्र तथा मंगलवार 25 मार्च को गणित का प्रश्न पत्र होगा।
* पन्ना के श्री जुगल किशोर मंदिर प्रांगण में 28 फरवरी तक प्राप्त कर सकेंगे दर्शन
* आध्यात्मिक प्रवचन में बताया जाएगा शिव जयंती महोत्सव और महाशिवरात्रि का महत्व
पन्ना। (www.radarnews.in) महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विद्यालय द्वारा नगर के श्री जुगल किशोर जी मंदिर प्रांगण में द्वादश ज्योतिर्लिंगम (बारह ज्योतिर्लिंगों) की भव्य झांकी सजाई गई है। झांकी का शुभारंभ सोमवार 24 फरवरी की सुबह एक गरिमामयी कार्यक्रम में हुआ। इस अवसर पर मंदिर के पुजारी, धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारी, ब्रह्माकुमारी संस्था पन्ना की प्रमुख सीता बहिनजी सहित ब्रह्माकुमारी संस्था पन्ना से जुड़े भाई-बहनें बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। श्रद्धालुओं ने द्वादश ज्योतिर्लिंगों की अनूठी झांकी के दर्शन कर आत्मिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव किया। श्रद्धालुओं ने झांकी के आयोजन को लेकर ब्रह्माकुमारीज़ संस्था की सराहना की है। श्रद्धालुओं का कहना है कि जिन शिव परमात्मा के दर्शन के लिए देश के अलग-अलग स्थानों की मीलों दूर की तीर्थ यात्रा करनी पड़ती है, उनके दर्शन अपने शहर में एक ही स्थान पर प्राप्त होना बहुत ही गौरव और सौभाग्य की बात है।
द्वादश ज्योतिर्लिंगों की भव्य झांकी के शुभारंभ अवसर पर पन्ना नगर के सभी प्रमुख मंदिरों के पुजारियों को ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा सम्मानित किया गया।
ब्रह्माकुमारी संस्था पन्ना की प्रमुख सीता बहिनजी ने बताया कि श्री जुगुल किशोर जी मंदिर प्रांगण में सोमवार 24 फरवरी से लेकर शुक्रवार 28 फरवरी 2025 तक चलने वाली झांकी में श्रद्धालु प्रतिदिन सुबह 6 बजे से 10 बजे तक और दोपहर 12 बजे से रात्रि 10 तक भव्य द्वादश ज्योर्तिलिंगम दर्शन प्राप्त कर सकेंगे। इस अवधि में प्रतिदिन रात्रि में 8 बजे से आध्यात्मिक प्रवचन होंगे। जिसमें परमात्मा शिव के अवतरण और महाशिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य बताया जाएगा।
पन्ना के श्री जुगुल किशोर जी मंदिर में श्रद्धालु 24 फरवरी से लेकर 28 फरवरी 2025 तक प्रतिदिन निर्धारित समय पर द्वादश ज्योतिर्लिंगों की भव्य झांकी के दर्शन लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी बहन जी ने झांकी लगाने के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए जीवन जीने के सूत्र साझा किए। उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्था का परिचय देते हुए इसके उद्देश्यों एवं सेवा कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। साथ ही, महाशिवरात्रि से जुड़े धार्मिक अनुष्ठानों का आध्यात्मिक रहस्य भी बताया, जैसे कि शिवरात्रि पर धतूरा चढ़ाने, जागरण करने एवं अन्य परंपराओं का गूढ़ महत्व को सरलता से समझाया। उन्होंने बताया कि ये सभी परंपराएं आत्मा की पवित्रता और परमात्मा से संबंध की ओर इंगित करती हैं। झांकी के शुभारंभ कार्यक्रम में मंदिर के सभी पुजारियों का सम्मान किया गया। जिसमें गायत्री परिवार से बुद्ध सिंह; श्री जगन्नाथ स्वामी मंदिर से दिनेश गोस्वामी, श्री जुगल किशोर मंदिर से संतोष तिवारी (मुसद्दी), प्रेम नारायण त्रिपाठी, प्रशांत मिश्रा, मुकेश शर्मा और श्री प्राणनाथ मंदिर से श्याम बिहारी दुबे मुख्य रूप से शामिल थे। सभी ने इस आयोजन की सराहना की और आध्यात्मिक संदेश को समाज तक पहुंचाने की प्रेरणा दी।
* पूर्व सांसद का आरोप- दिल दहलाने वाले हादसे का सच छिपाने शवों को गुपचुप तरीके से ठिकाने लगाया
* मृत मजदूर के परिजनों का हवाला देकर जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को जमकर धिक्कारा
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) जेके सीमेंट प्लांट पन्ना में हुए भीषण हादसे में करीब 50 मजदूर असमय काल के गाल में समा गए थे। लगभग इतने ही मजदूर घायल हुए थे। दिल दहलाने वाले इस हादसे का सच छिपाने के लिए जिला प्रशासन की सांठगांठ से सीमेंट प्लांट प्रबंधन ने शवों को गुपचुप तरीके से ठिकाने लगा दिया। हादसे में जान गंवाने वाले मजदूर चूंकि दूसरे राज्यों के थे इसलिए मृतकों की वास्तविक संख्या पर बड़ी आसानी से पर्दा डाल दिया गया। हालांकि प्रत्यक्षदर्शी मजदूर पहले ही इस सच्चाई को बयां कर चुके हैं। यह दावा बालाघाट के पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने किया है। उन्होंने, हादसे के लिए ठेका कंपनी के अधिकारियों की तरह स्थानीय स्थानीय प्लांट प्रबंधन और जेके सीमेंट कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के खिलाफ भी आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने की पुरजोर मांग की है।
पन्ना के तीन दिवसीय दौरे पर आए बालाघाट के पूर्व सांसद एवं संघर्षशील नेता कंकर मुंजारे ने शनिवार 22 फरवरी को सर्किट हाउस में स्थानीय पत्रकारों से कई ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की। इसके पूर्व उन्होंने सिमरिया क़स्बा पहुंचकर सीमेंट प्लांट हादसे में मरने वाले जिले के एकमात्र मजदूर रोहित खरे के शोक संतृप्त परिजनों से भेंटकर अपनी संवेदना व्यक्त की। बता दें कि, मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की अमानगंज तहसील अंतर्गत हरदुआ केन ग्राम में स्थित जेके सीमेंट प्लांट की दूसरी यूनिट प्रोजेक्ट वर्क के दौरान 30 जनवरी 2025 को सुबह करीब 10 बजे निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत की सेटरिंग (शटरिंग) बड़ा हादसा हुआ था। जिला प्रशासन ने इस हादसे में सिर्फ 4 मजदूरों की मौत एवं 19 के घायल होने की आधिकारिक तौर पर पुष्टि की थी।
पूर्व सांसद ने मृत मजदूर रोहित खरे के परिजनों से हादसे को लेकर हुई बातचीत के हवाले से बताया कि अगर स्थानीय लोग सीमेंट फैक्ट्री के बाहर खरे दम्पत्ति के साथ एकजुटता दिखाते हुए हंगामा न करते तो शायद रोहित की मौत को भी अन्य मजदूरों की तरह ही दबा दिया जाता। क्योंकि हादसे के कुछ देर बाद रोहित की मां जब फैक्ट्री के प्रवेश द्वार पर पहुंची तो पहले उन्हें बताया गया कि उनका पुत्र काम पर आया ही नहीं है। रोहित की मां ने कंपनी के गेट पर तैनात कर्मचारियों पर सरासर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए आसपास मौजूद लोगों को बताया कि रोहित मुझे बताकर फैक्ट्री जाने के लिए घर से निकला था। इस खुलासे के बाद स्थानीय लोगों के हंगामा करने पर बमुश्किल शाम 4 बजे खरे दंपत्ति को बताया गया कि हादसे में उनके बेटे की मौत हो चुकी है। परिजनों को मौके पर रोहित के शव को देखने भी नहीं गया और भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच शव को पोस्टमार्टम के लिए पन्ना रवाना कर दिया था। मुंजारे ने बताया कि रोहित अपने परिवार का अकेला कमाने वाला सदस्य था। हादसे में उसकी असमय मौत से खरे परिवार के ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है।
संवेदनहीन हैं पन्ना के जनप्रतिनिधि
जेके सीमेंट प्लांट में हुए हादसे में मृत पन्ना जिले के एकमात्र श्रमिक रोहित खरे के सिमरिया स्थित आवास पहुंचकर पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने शोक संतृप्त परिजनों को ढांढ़स बंधाया।
पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने पन्ना जिले के भाजपा सांसद-विधायकों को धिक्कारते हुए कहा कि वे अपनी अंतरात्मा को जेके सीमेंट कंपनी को बेंच चुके है। इतना बड़ा हादसा होने के बाद सांसद-विधायक ने हादसे की सच्चाई को सामने लाने और मृतकों को इंसाफ दिलाने के लिए निष्पक्ष कार्रवाई को लेकर आवाज उठाना तो दूर आज तक घायलों एवं मृतकों के परिजनों से मिलना भी उचित नहीं समझा। उन्होंने कहा कि पन्ना जिले के जनप्रतिनिधियों की संवेदनहीनता हैरान करने वाली है। जनता के दुःख-दर्द से इनका दूर-दूर तक कोई सरोकार नहीं है, इन्हें तो सिर्फ जेके सीमेंट के हितों की चिंता है। मुंजारे ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मुख्य विपक्ष की भूमिका का ईमानदारी से निर्वहन नहीं कर रही है, नतीजतन प्रदेश की सरकार पूरी तरह से निरंकुश हो चुकी है। और हर तरफ अराजकता का माहौल है। आपने कहा कि, जेके सीमेंट हादसे, रेत के अवैध खनन सहित पन्ना जिले के अन्य ज्वलंत मुद्दों को लेकर आगामी 11 मार्च को राजधानी भोपाल में विधानसभा का घेराव किया जाएगा।
* द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश पन्ना ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला
पन्ना। (www.radarnews.in) कोर्ट में झूठे (मिथ्या) कथन करने के एक मामले में पन्ना के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्री सुरेन्द्र मेश्राम ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। रेप का केस दर्ज करवाने के बाद पीड़िता कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान घटना से मुकर गई थी। लेकिन उसने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान देना और आदेश पत्रिका पर हस्ताक्षर करना स्वीकार किया था। इस तरह न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पन्ना के समक्ष दिए गए बयान (कथन) और विशेष न्यायालय में दिए गए बयान विरोधाभासी होने के कारण फरियादिया के विरुद्ध जानबूझकर मिथ्या साक्ष्य देने का अपराध पंजीबद्ध किया गया था। मामले के विचारण उपरांत न्यायालय द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पन्ना ने महिला को धारा 195 भादंसं. के आरोप में दोषसिद्ध पाये जाने पर 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय द्वारा आरोपिया को एक हजार रूपए के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया गया। कोर्ट के इस फैसले की सर्वत्र सराहना हो रही है।
यह है पूरा मामला
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी पन्ना ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटी) पन्ना में म.प्र. राज्य विरूद्ध महेन्द्र अंतर्गत धारा-376(2)(एन) एवं धारा 506 भादंवि. तथा धारा-3(2)(5) अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम का प्रकरण विचाराधीन था। इस प्रकरण में अभियुक्त महेन्द्र के विरूद्ध पीड़िता (फरियादिया) ने उसके साथ बार-बार बलात्कार करने और ब्लैकमेल कर परेशान करने के संबंध में एक लिखित आवेदन पत्र पुलिस अधीक्षक पन्ना को दिया था। जिसके आधार पर थाना अजयगढ़ में अपराध पजीबद्ध किया गया।
प्रकरण की विवेचना के दौरान महिला (फरियादिया) के कथन न्यायालय के समक्ष लेखबद्ध किए गए। जिसमें फरियादिया ने अभियुक्त महेन्द्र पर बार-बार बलात्कार करने और पति को जान से मारने की धमकी देने का कथन (बयान) किया। पुलिस द्वारा सम्पूर्ण विवेचना पश्चात् प्रकरण विचारण हेतु न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। न्यायालय में केस की सुनवाई के दौरान आरोपी महेन्द्र ने अपराध करने से इंकार किया। फरियादिया को साक्ष्य हेतु न्यायालय में तलब किया गया। फरियादिया न्यायालय में उपस्थित हुई और अपने साक्ष्य में मुकरते हुए बताया कि आरोपी महेन्द्र ने उसके साथ कोई घटना नहीं की। लेकिन उसने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान देना तथा आदेश पत्रिका पर हस्ताक्षर करना स्वीकार किया। इस तरह पीड़िता द्वारा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पन्ना के समक्ष दिए गए बयान और विशेष न्यायालय में दिए गए बयान विरोधाभासी पाए गए।
कोर्ट ने दर्ज किया था झूठे कथन करने का प्रकरण
प्रतीकात्मक चित्र।
विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटी) पन्ना के द्वारा महिला के विरूद्ध जानबूझकर मिथ्या साक्ष्य देने के लिए दंडात्मक कार्यवाही करने निष्कर्ष अंकित किया। जिस पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पन्ना द्वारा महिला के विरूद्ध धारा 340, 344 दण्ड प्रक्रिया संहिता एवं धारा 193, 195 भारतीय दण्ड विधान के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। इस प्रकरण का विचारण द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पन्ना श्री सुरेन्द्र मेश्राम के न्यायालय में हुआ। जिसमें शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक लक्ष्मी नारायण द्विवेदी ने की। अभियोजन ने साक्ष्य को क्रमबद्ध तरीके से लेखबद्ध कराकर न्यायालय के समक्ष आरोपी महिला के विरूद्ध अपराध को संदेह से परे प्रमाणित किया। साथ ही आरोपी के कृत्य को गंभीरतम श्रेणी का मानते हुये कठोर से कठोरतम दंड से दंडित किया जाने का अनुरोध किया। अभिलेख पर आए साक्ष्य, अभियोजन के तर्कों एवं न्यायिक दृष्टांतो से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपी महिला को धारा 195 के अपराध में दोषसिद्ध पाते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1,000 हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
* पूर्व सीएम कमलनाथ ने एसडीओ की क्रूरता पर प्रदेश सरकार को जमकर सुनाया
मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के एक वायरल वीडियो में जल संसाधन (सिंचाई) विभाग के एसडीओ श्रीराम बघेल अन्नदाता किसानों के साथ बदसलूकी करते और एक किसान को जबरन अपनी कार की डिक्की में ठूंसते हुए दिख रहे हैं। एसडीओ की गुंडई को लेकर सोशल मीडिया पर लोग खुलकर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने एक्स अकाउंट पर घटना का वीडियो पोस्ट करते हुए इस मामले को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘यह प्रशासनिक संवेदनहीनता और क्रूरता की पराकाष्ठा है। स्वतंत्र देश में आखिर किसी नागरिक के साथ इस तरह का व्यवहार कैसे किया जा सकता है? किसान पर अत्याचार करने वालों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए।’ इसके बाद एसडीओ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
शादिक खान, (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के सिवनी जिले से एक विचलित करने वाला वीडियो सामने आया है। इसमें जल संसाधन विभाग के एसडीओ श्रीराम बघेल किसानों से अभद्रता करते नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं वह सरेआम गुंडई करते हुए एक किसान को जबरन कार की डिक्की में बंद करने की कोशिश करते भी दिख रहे हैं।
घटना केवलारी के मलारी ग्राम की है जहां किसानों ने नहर का गेट खोलने की शिकायत की थी। इससे भड़के एसडीओ अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। एसडीओ श्रीराम बघेल किसानों से न सिर्फ अभद्र भाषा में बात कर रहे हैं, बल्कि एक किसान धमकाते हुए जबरन कार की डिक्की में बंद करने की कोशिश भी करते दिख रहे हैं। वीडियो में वह किसान को कथित तौर पर कहते नजर आ रहा है कि तुम अपनी सीमा में रहना। मैं किसी भी हद तक जाऊंगा। तुम्हारी ऐसी-तैसी कर दूंगा।
एमपी का प्रशासन किसान विरोधी और संवेदनहीन
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ।
इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एसडीओ के खिलाफ आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने की मांग की है। कमलनाथ ने एक्स पर लिखा कि, मध्य प्रदेश का प्रशासन दिन पर दिन किसान विरोधी और संवेदनहीन होता जा रहा है। सिवनी में एक किसान को जानवरों की तरह पड़कर जल संसाधन विभाग के एसडीओ और उनकी टीम कार की डिग्गी में डाल रहे हैं। किसान उसके साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार न करने के लिए गिड़गिड़ा रहा है लेकिन उस पर दया करने की बजाय सरकारी अमला हंस रहा है और उसका मजाक उड़ा रहा है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने आगे लिखा, यह प्रशासनिक संवेदनहीनता और क्रूरता की पराकाष्ठा है। स्वतंत्र देश में आखिर किसी नागरिक के साथ इस तरह का व्यवहार कैसे किया जा सकता है? किसान पर अत्याचार करने वालों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए और मुकदमा दर्ज कर आपराधिक प्रकरण शुरू किया जाए।
* प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी राज्य सरकार पर साधा निशाना
शादिक खान।(www.radarnews.in) बहुप्रचारित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) के आयोजन से ठीक पहले मोहन यादव सरकार द्वारा छह हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा रहा है। मध्य प्रदेश पर तेज़ी से बढ़ते कर्ज को लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि, लगातार कर्ज लेने के बावजूद मध्य प्रदेश सरकार इवेंटबाजी और फिजूलखर्ची में कोई कमी नहीं कर रही है। प्रदेश की जनता इस आर्थिक कुप्रबंधन के लिए भाजपा सरकार को कभी माफ नहीं करेगी। जबकि पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि निवेश के झूठे प्रचार-प्रसार के लिए की जा रही यह मशक्कत न सिर्फ एमपी बीजेपी के झूठ को बेनकाब करेगी, बल्कि पहले से कर्जदार प्रदेश को और ज्यादा कर्जदार बना देगी।
पूर्व सीएम कमल नाथ ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए शनिवार 15 फरवरी को सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि- ‘मध्य प्रदेश दिन पर दिन कर्ज के दलदल में डूबता जा रहा है। प्रदेश के ऊपर अब तक 4.10 लाख करोड़ रुपए का कर्ज हो चुका है। और अब खबर आ रही है कि प्रदेश सरकार 18 फरवरी को 6000 करोड रुपए का और कर्ज लेने वाली है। भाजपा सरकार की कर्ज लेने की इस नीति से प्रदेश बड़े राजकोषीय संकट की ओर बढ़ रहा है।’
धन अर्जित करने बेंची जा रही सार्वजनिक संपत्ति
वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने आगे कहा कि यह बहुत दुख की बात है कि कई मामलों में सरकार ने सार्वजनिक संपत्ति बेंचकर या लीज पर देकर धन अर्जित करने का प्रयास किया है। सरकार अपने खर्च पूरे करने के लिए पूरी तरह कर्ज पर निर्भर होती जा रही है। इसकी मुख्य वजह यह है कि सरकार अपने मौजूदा संसाधनों का विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल नहीं कर रही है। अगर प्रदेश की आर्थिक गतिविधि सही दिशा में संचालित की जाए तो प्रदेश की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी जिससे अंततः प्रदेश सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा।
इवेंटबाजी पर फिजूलखर्ची में कोई कमी नहीं आई
उन्होंने कहा कि अगर बेरोजगारों को रोजगार मिले और उद्योग तथा व्यापार को सकारात्मक माहौल में काम करने दिया जाए तो निश्चित तौर पर आर्थिक गतिविधि बढ़ेगी। लेकिन प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था के कारण यह काम संभव नहीं हो पा रहा है। और सबसे दुख की बात यह है कि लगातार कर्ज लेने के बावजूद मध्य प्रदेश सरकार इवेंटबाजी पर अपनी फिजूलखर्ची में कोई कमी नहीं कर रही है। प्रदेश की जनता इस आर्थिक कुप्रबंधन के लिए इन्हें कभी माफ नहीं करेगी।
कर्जदार प्रदेश को कर रहे और ज्यादा कर्जदार
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, जैसे कि उम्मीद थी। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से ठीक पहले डॉ. मोहन यादव सरकार एक बार फिर 6000 करोड़ रुपए का नया कर्ज लेने जा रही है। झूठे निवेश के झूठे प्रचार-प्रसार के लिए की जा रही यह मशक्कत फिर एमपी बीजेपी के झूठ को न केवल बेनकाब करेगी, बल्कि कर्जदार प्रदेश को और ज्यादा कर्जदार करेगी।
* 11 से 13 फरवरी तक विदिशा, सागर, छतरपुर, पन्ना एवं दमोह जिलों का करेंगे भ्रमण
* कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं जनसामान्य भेंट कर स्थानीय मुद्दों और समस्याओं की लेंगे जानकारी
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार लगातार प्रदेश के अलग-अलग जिलों का दौरा कर उनके विधानसभा मुख्यालयों में पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में वे अगले सप्ताह बुंदेलखंड अंचल के सघन दौरे पर आ रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष का दौरा मंगलवार 11 फरवरी 2025 को विदिशा से शुरू होकर गुरुवार 13 फरवरी को दमोह जिले के देवरी में समाप्त होगा। 3 दिन के इस दौरे पर नेता प्रतिपक्ष विदिशा, सागर, छतरपुर, पन्ना एवं दमोह जिले में पहुंचकर कांग्रेस कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं जनसामान्य भेंट कर स्थानीय ज्वलंत समस्याओं तथा जनहित से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों की जानकारी लेंगे।
बता दें कि, गंधवानी विधायक उमंग सिंघार प्रतिपक्ष बनने के बाद से ही प्रदेश सरकार की जन विरोधी नीतियों, ज्वलंत समस्याओं एवं जनहित से जुड़े मुद्दों के साथ जिला स्तरीय मसलों को भी विधानसभा में प्रमुखता से उठाकर आमजन की आवाज़ को लगातार बुलंद करने तथा राज्य सरकार को जवाबदेह बनाने का काम बखूबी कर रहे हैं। इसलिए नेता प्रतिपक्ष के बुंदेलखंड दौरे को लेकर अंचल के कांग्रेस कार्यकर्ताओं, सिविल सोसायटी सहित आम लोगों में व्यापक उत्साह देखा जा रहा है।
कार्यकर्ताओं से इन स्थानों पर करेंगे भेंट
दौरा कार्यक्रम के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार नेता प्रतिपक्ष श्री सिंघार मंगलवार 11 फरवरी को सुबह 10 बजे विदिशा पहुंचकर स्थानीय सर्किट हाउस में कांग्रेस कार्यकर्ताओं व जनसामान्य से भेंट करेंगे। इसके बाद कुरवाई, बीना, खुरई रेस्ट हाउस में कांग्रेसजनों से मुलाकत करेंगे। खुरई से प्रस्थान कर शाम 6 सागर पहुंचकर स्थानीय सर्किट हाउस में पार्टी कार्यकर्ताओं से भेंट करेंगे। सागर में रात्रि विश्राम करने के बाद अगले दिन श्री सिंघार बुधवार 12 फ़रवरी को अल्प प्रवास पर बण्डा, बड़ामलहरा, खरगापुर, महारजपुर, छतरपुर, राजनगर पहुंचकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भेंट करेंगे। नेता प्रतिपक्ष रात्रि विश्राम खजुराहो में करेंगे।
अगले दिन गुरुवार 13 फरवरी को वे खजुराहो से प्रस्थान कर प्रातः 9 बजे पन्ना पहुंचेंगे। पन्ना में श्री जुगुल किशोर जी मंदिर के दर्शन करने के पश्चात स्थानीय सर्किट हाउस में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और जनसामान्य से चर्चा करेंगे। तदुपरांत नेता प्रतिपक्ष पन्ना से प्रस्थान कर अमानगंज, पवई, दमोह, जबेरा एवं देवरी पहुंचकर कार्यक्रतों से मुलाकत करेंगे। नेता प्रतिपक्ष रात्रि विश्राम देवरी रेस्ट हाउस में करेंगे।
* सीमेंट प्लांट में हुए हादसे पर ठेका कंपनी के 3 अधिकारियों पर FIR दर्ज, गिरफ्तार कर भेजा जेल
* भीषण हादसे में दर्दनाक मौत मरने वाले गरीब मजदूरों को ‘मोहन राज’ में क्या मिल पाएगा इंसाफ?
* जेके सीमेंट कंपनी के खिलाफ जल्द ही बड़ा आंदोलन करेगी कांग्रेस पार्टी : विधायक बरैया
शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in) जेके सीमेंट प्लांट पन्ना में हुए दिल दहला देने वाले हादसे पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर जो आशंकाएं जताई जा रही थीं, वे अब सच साबित होती दिख रही हैं! हादसे के पांच दिन बाद पुलिस ने निर्माण कार्य करने वाली ठेका कंपनी स्वास्तिक इंफ्रा लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के 3 अधिकारियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया, लेकिन सीमेंट कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का साहस नहीं जुटा सकी। पुलिस को इस हादसे में सीमेंट कंपनी के अधिकारियों की कोई लापरवाही नजर नहीं आई है। पुलिस की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई को लेकर विपक्षी दलों समेत आम जन में व्यापक असंतोष देखा जा रहा है। लोग पूछ रहे हैं इन परिस्थितियों में क्या जेके सीमेंट कंपनी के लापरवाह अफसरों को न्याय के कठघरे में लाया जा सकेगा? हादसे में बेमौत मरने वाले गरीब मजदूरों को क्या इंसाफ मिल पाएगा? इंसानी मौत को मुआवजे तक सीमित करने वाले अफसर क्या मृतकों के परिजनों के आंसुओं और असहनीय दर्द को समझ पाएंगे? शासन-प्रशासन में ऊंचे पदों पर बैठे जिम्मेदारों के अपने अगर इस हादसे का शिकार बने होते तो क्या तब भी इसी तरह की कार्रवाई होती? ऐसे अनेक अनुत्तरित सवाल हैं जोकि आम जन को बेचैन कर रहे हैं।
जिले की अमानगंज तहसील अंतर्गत हरदुआ केन ग्राम में स्थित जेके सीमेंट प्लांट की दूसरी यूनिट प्रोजेक्ट वर्क में निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत की सेटरिंग (शटरिंग) गिरने से 4 मजदूरों की मौत और 19 घायल हो गए थे। 30 जनवरी को हुए इस हादसे पर पुलिस ने सिमरिया थाना में मर्ग कायम कर प्रकरण को जांच में लिया था। मामले की जांच उपरांत पुलिस ने 3 फरवरी को मुंबई की ठेका कंपनी स्वास्तिक इंफ्रा लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट हेड सोनू कुमार पाण्डेय निवासी उड़ीसा, सिविल इंजीनियर ललित कुमार सिंह शिवहरे बिहार और सेफ्टी इंचार्ज शिवम कुमार पाण्डेय निवासी गोपालगंज बिहार के खिलाफ अपराध क्रमांक 45/25 गैर इरादतन हत्या की धारा 105, 125, 125ए बीएनएस के तहत अपराध दर्ज किया है। पुलिस ने तीनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है। लेकिन निर्माण कार्य की निगरानी करने वाले सीमेंट कंपनी के लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस संबंध में पुलिस के अधिकारी मीडिया के सवालों का जवाब देने को भी तैयार नहीं हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पन्ना आरती सिंह से संपर्क करने पर उन्होंने टेक्स्ट मैसेज भेजने के लिए कहा। मैसेज के माध्यम से जब यह बताया गया कि जेके सीमेंट हादसे पर कार्रवाई को लेकर बात करनी है तो मैडम का फोन रिसीव नहीं हुआ।
निगरानी करने वालों पर कब होगी कार्रवाई
जेके सीमेंट प्लांट में दूसरी यूनिट के निर्माण की निगरानी के लिए कई अधिकारियों को तैनात किया गया है। जिनमें प्रोजेक्ट हेड, सिविल इंजीनियर, मैकेनिकल इंजीनियर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर एवं सेफ्टी इंचार्ज शामिल बताए जाते हैं। ठेका कंपनियां इन्हीं अधिकारियों की देखरेख में कार्य कर रही हैं। इनका दायित्व कार्य की गुणवत्ता के साथ सुरक्षा के मानकों की निगरानी करना है। ठेका कंपनियां अगर कार्य की गुणवत्ता या सुरक्षा मानकों की उपेक्षा कर रही थीं तो प्रबंधन को जानकारी देकर तुरंत काम रुकवाना था। लेकिन 30 जनवरी को निर्माणधीन बहुमंजिला इमारत में भीषण हादसा होने पर जो तथ्य सामने आए वह ठेकेदार के साथ निर्माण की निगरानी करने वालों द्वारा बरती गई आपराधिक लापरवाही को उजागर करते हैं।
इमारत की 7वीं मंजिल की छत की ढलाई के समय अत्यधिक ऊंचाई पर मजदूरों के काम करने के दौरान सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित कराने में जिम्मेदारों की ओर से घोर अनदेखी की गई। हादसे के दूसरे दिन जेके सीमेंट प्लांट पहुंची प्रभारी संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा इंदौर की प्रारंभिक जांच में इसका खुलासा हुआ था। लेकिन पुलिस महकमे को जेके सीमेंट कंपनी के जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही अब तक नजर नहीं आई। पुलिस ने ठेका कंपनी के 3 अधिकारियों पर तो अपराध दर्ज कर लिया, मगर जेके सीमेंट के अफसरों को कथित तौर पर जानबूझकर छोड़ दिया। आधी-अधूरी कार्रवाई को लेकर लोग पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े करने के साथ संदेह की नजर से देख रहे हैं।
मृतकों की वास्तविक संख्या का हो खुलासा : बरैया
सर्किट हाउस पन्ना में पत्रकारों से चर्चा करते कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया।
कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने जेके सीमेंट फैक्ट्री पन्ना में हुए भीषण हादसे में मरने वाले मजदूरों व घायलों की वास्तविक संख्या को छिपाने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पन्ना जिला प्रशासन के संरक्षण में सीमेंट प्लांट प्रबंधन ने हादसे की भयावहता को दबा दिया ताकि सच सामने न सके। मृतकों तथा घायलों की संख्या प्रशासन द्वारा बताए गए आंकड़े से कहीं अधिक है। हताहतों की वास्तविक संख्या के खुलासे सहित जेके सीमेंट प्रबंधन के जुल्म के खिलाफ कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर सदन तक क्षेत्रवासियों, मजदूरों की आवाज को बुलंद करेगी। गुरुवार 6 जनवरी को अल्प प्रवास पर पन्ना पहुंचे कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से चर्चा में बताया कि जेके सीमेंट कंपनी में मजदूरों के शोषण, सुरक्षा से समझौते, स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता, जबरन भूमि अधिग्रहण और सड़क हादसों में लगातार हो रहीं मौतों के ज्वलंत मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी जल्द ही जिला स्तर एवं प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन करेगी। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार से हादसे की निष्पक्ष जांच के लिए विधायकों का दल गठित कराया जाएगा। विधायकों की टीम अपनी जांच में हादसे के सच को तथ्यों के साथ उजागर करेगी।
विधायक बरैया ने हादसे पर सीमेंट कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध न होने पर गहरी नाराजगी जाहिर की है। प्रदेश की मोहन यादव सरकार को उद्योगपतियों एवं माफियाओं के हितों का संरक्षण करने वाली सरकार बताते हुए उन्होंने कहा कि इस सरकार को आम जन से कोई सरोकार नहीं है। प्रेस वार्ता के दौरान जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शिवजीत सिंह भइया राजा, राजेश तिवारी एडवोकेट, प्रभारी भूपेन्द्र राहुल, वरिष्ठ नेता सेवालाल पटेल, पुरुषोत्तम जड़िया, वैभव थापक, जीवन लाल, कदीर खान, राज बहादुर पटेल, संजय पटेल, सरदार यादव सहित अन्य कांग्रेस नेता उपस्थित रहे।
18 लाख की सहायता राशि का चेक सौंपा
पन्ना जिले हरदुआ केन ग्राम में स्थित जेके सीमेंट प्लांट। (फाइल फोटो)
जेके सीमेंट कंपनी प्रबंधन द्वारा गत 30 जनवरी को सीमेंट प्लांट की निर्माणाधीन सेटरिंग गिरने से सिमरिया निवासी रोहित खरे की मृत्यु पर परिजनों को 18 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि का चेक सौंपा गया है। कंपनी ने अंत्येष्टि के लिए 50 हजार की सहायता राशि भी पृथक से प्रदान की। गत गुरूवार को अमानगंज तहसील स्थित जेके सीमेंट प्लांट कंपनी में निर्माणाधीन सेटरिंग गिरने से चार मजदूरों की मृत्यु हुई थी एवं 19 मजदूर घायल हो गए थे। घायल मजदूरों को तुरंत इलाज के लिए कटनी एवं एक मजदूर को जबलपुर रेफर किया गया था। कटनी में भर्ती 13 मजदूर क्रमशः चंद्रपाल सिंह 27 वर्ष, प्रेमचंद 30 वर्ष, मिंटू शाह 40 वर्ष, जहरुल 32 वर्ष, मोहम्मद सालम 31 वर्ष, रूपेश कुमार 21 वर्ष, कंछेदी कुशवाहा 29 वर्ष, मोहम्मद इशाक 28 वर्ष, तौकीर 18 वर्ष, रामबृज महतो 45 वर्ष, तहमीर 28 वर्ष, एमडी नूरशिद 29 वर्ष एवं शेख शकूर 40 वर्ष को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। जेके सीमेंट प्लांट में प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में निर्णय अनुसार मृतकों को 18 लाख रुपए की मुआवजा राशि एवं घायलों को एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाना थी। साथ में मृतकों को अंत्येष्टि के लिए 50 हजार की आर्थिक सहायता राशि देने का निर्णय भी लिया गया था।