* मुस्लिम समाज के लोगों ने कलेक्टर व एसपी से की मुलाकात कर सौंपा ज्ञापन
* घटना में शामिल लोगों पर कार्रवाई से नहीं एतराज पर बेगुनाहों को मिले इंसाफ
* पन्ना जिले के अमन और सौहार्द को बिगाड़ने वालों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई
पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के सिमरिया तहसील मुख्यालय में 25 अक्टूबर को दो परिवारों के बीच बच्चों के झगड़े को लेकर हुए आपसी विवाद में एक व्यक्ति मृत्यु होने और दुकानों में आगजनी की घटना को लेकर मुस्लिम समाज के लोगों ने कलेक्टर पन्ना कर्मवीर शर्मा और पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से सिमरिया की घटना की वास्तविकता को सामने लाकर दोषियों को सजा और बेगुनाहों को इंसाफ दिलाने के लिए इस मामले की न्यायिक जाँच कराने की पुरजोर माँग की गई है। मामूली सी बात पर शुरू हुआ यह पूरा विवाद करीब डेढ़ घण्टे तक चला और इसकी सूचना दिए जाने के बाद भी सिमरिया थाना पुलिस ने समय रहते इसे रोकने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए गए जिससे एक व्यक्ति जान चली और तनावपूर्ण स्थिति निर्मित हो गई थी।
इसके पश्चात कतिपय असमाजिक तत्वों के द्वारा सोशल मीडिया पर बेहद आपत्तिजनक एवं भड़काऊ पोस्ट डालकर आपसी विवाद में हुई घटना को साम्प्रदायिक रूप देने के घृणित प्रयास किए गए। इस दुखद घटना को लेकर शांति और सद्भाव को बिगाड़ने की साजिश करने वाले असमाजिक तत्वों के खिलाफ तत्परता से कार्रवाई न किए जाने पर मुस्लिम समाज ने पुलिस की भूमिका और कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कई गम्भीर सवाल उठाए है। मुस्लिम समाज ने कहा कि लड़ाने की मानसिकता वाले लोग चाहे जहाँ भी हो वे पन्ना की शांति, आपसी प्रेम, भाईचारे और कानून व्यवस्था के लिए घातक है। ऐसे तत्वों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाए।
मुस्लिम समाज के लोगों ने इस विवाद में मृत व्यक्ति के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कलेक्टर कर्मवीर शर्मा और पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी को बताया कि जीप से कुचलने की घटना के समय जीप में मात्र दो व्यक्ति सवार थे लेकिन पुलिस ने आठ व्यक्तियों को हत्या के प्रकरण में आरोपी बनाया है। इसलिए इस घटना की न्यायिक जाँच कराकर वास्तविकता को सामने लाया जाए और मृतक व उनके परिजनों को न्याय दिलाया जाए। मुस्लिम समाज के लोगों ने स्पष्ट किया है कि, वे न्याय, निष्पक्षता और अमन के पक्षधर है, उनकी मांग है कि घटना की जांच में जो लोग दोषी पाए जायें उनके खिलाफ कार्यवाही हो और जो निर्दोष साबित हों उन्हें रिहा किया जाए।
सोशल मीडिया के दुरूपयोग पर हो कार्रवाई
मुस्लिम समाज के बुजुर्ग लोगों ने अधिकारियों को बताया कि पन्ना में हमेशा से ही सभी लोग मिल-जुलकर रहते आये हैं। कतिपय लोगों और सोशल मीडिया में चल रहीं अफवाहों के चलते निजस्वार्थों के लिए जिले का सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास हो रहा है। प्रशासन ऐसे लोगों को चिंहित करे और अमन के दुश्मनों पर सख्त कार्यवाही करे। ताकि शांति का टापू कहलाने वाले पन्ना जिले में अमन-चैन और भाईचारा कायम रहे। कलेक्टर पन्ना एवं पुलिस अधीक्षक ने समाज के लोगों को आश्वासन दिया कि मामले की जांच में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जा रहा है। सिमरिया में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल तैनात है और प्रशासन हर हरकत पर पैनी नजर बनाये हुए है। मुस्लिम समाज पन्ना के सदर रिजवान मोहम्मद ने प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से समाज को बांटने का प्रयास करने वाले लोगों पर प्रशासन सख्त हो। सिमरिया में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को सुरक्षा को सुरक्षा का भरोसा दिलाया जाए। इस दौरान अब्दुल मजीद मुन्ना मास्टर, शहर सदर रिजवान खान, शहर काजी मौलाना मोईज्जाद्दीन, पूर्व सदर नईम खान, नायब सदर शकील राइन, आरिफ सिद्दीकी, अब्दुल हमीद बाती, हफीज बख्शी, मिस्टर इलियास, रियासत खान, कदीर खान, फैज, फैयाज सहित समाज के लोग उपस्थित थे।
घटना को बताया पुलिस की नाकामी
सिमरिया कस्बा में हुए विवाद के अगले दिन 26 अक्टूबर को पुलिस अधीक्षक पन्ना एवं भारी पुलिस बल की तैनाती के बाद भी वहाँ बड़ी तादाद में उपद्रवियों की भीड़ ने एकत्र होकर कुछ लोगों की दुकानों को जला दिया था। मुस्लिम समाज का कहना है कि इस पूरे विवाद में पुलिस की नाकामी बार-बार सामने आई है। पहले समय रहते विवाद को रोकने के प्रयास नहीं किए गए एक जान चली गई और माहौल खराब हुआ। बाद में सैंकड़ों पुलिसकर्मियों की सिमरिया में तैनाती के दौरान दुकानों में आग लगाकर शांति एवं कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का दुस्साहसिक प्रयास किया गया। मुस्लिम समाज ने इस पर गहरी चिंता और नाराजगी व्यक्त करते हुए आशंका जताई है यदि पुलिस की लापरवाही इसी तरह चलती रही तो कतिपय समाज विरोधी तत्व अपने कृत्यों से पन्ना जिले में कायम शांति और सद्भाव के माहौल को बिगाड़ सकते हैं।