* जिले के नवागत युवा कलेक्टर कर्मवीर शर्मा का नवाचार
* निगरानी तंत्र विकसित कर योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदार्शिता लाने की पहल
* समस्याओं के समाधान और विकास को गति देने तय की प्राथमिकताएं
* कलेक्टर ने पत्रकारों से विभिन्न मुद्दों पर खुलकर चर्चा कर मांगे सुझाव
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड अंचल के अति पिछड़े पन्ना जिले के नवागत युवा कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने यहाँ तीव्र गति से विकास के सपने को साकार करने और सुशासन स्थापित करने की उम्मीद जगाई है। पन्ना कलेक्टर का पदभार ग्रहण के साथ ही श्री शर्मा अपने नाम के अनुरूप एक्शन मोड में आ गए हैं। सकारात्मक सोच के साथ लीक से हटकर कुछ अलग करने का जज्बा रखने और लक्ष्यपूर्ति तक मजबूत इरादे के साथ डटे रहने वाले आईएएस अफसर कर्मवीर शर्मा ने पन्ना जिले के चहुंमुखी विकास को नया आयाम देने और यहाँ बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था कायम करने की दिशा में ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए है। उन्होंने अपने इस नवाचार को “अभ्युदय” नाम दिया है। जिसका शाब्दिक अर्थ तीव्र गति से उदय (विकास) है। शनिवार को नवीन कलेक्ट्रेट भवन के सभागार में पत्रकारों से पहली बार रूबरू हुए नवागत कलेक्टर ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट अभ्युदय और पन्ना जिले को लेकर अपने रोडमैप से जुड़ीं कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा की। आत्मविश्वास से लबरेज़ युवा कलेक्टर श्री शर्मा की मंशानुरूप धरातल पर यदि वाकई ईमानदारी से काम हुआ तो निश्चित ही पन्ना जिले की दशा और दिशा में जल्द ही सार्थक बदलाव नजर आएगा। विनम्र और संवेदनशील स्वाभाव वाले कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने पत्रकारों से अनौपचारिक भेंट के दौरान विशेष रूप से पन्ना जिले की ज्वलंत समस्याओं, विकास से जुड़े अहम मुद्दों, प्रशासनिक व्यवस्था को पारदर्शी, चुस्त-दुरूस्त और जबाबदेह बनाने के संबध में सभी से वन-टू-वन चर्चा कर उनके सुझाव लिए। साथ ही यह भी पूँछा की अपने कलेक्टर से आपकी क्या अपेक्षाएँ है।
अभ्युदय से इस तरह तेजी से होगा विकास
उज्जवल किस्म के बेशकीमती रत्न हीरों के खनन के लिए विश्व प्रसिद्ध पन्ना जिले के माथे पर लगे पिछड़ेपन के दाग को मिटाकर यहाँ समग्र और समावेशी विकास की चमक बिखेरने की परिकल्पना “अभ्युदय प्रोजेक्ट” को शीघ्र ही लॉन्च करने की तैयारी प्रशासनिक हलकों में तेजी से चल रही है। इसकी रूपरेखा काफी हद तक तैयार हो चुकी है। पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने अपने इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम (प्रोजेक्ट) अभ्युदय के उदेश्य, क्रियान्वयन, महत्व आदि से जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुये बताया कि इसके अंतर्गत एक कम्प्यूटरीकृत निगरानी तंत्र विकसित किया जाएगा। ताकि धरातल पर विभिन्न विभागों की योजनाओं के लागू होने की वास्तविकता का पता चलता रहे और इनका क्रियान्वयन शासन की मंशानुरूप अधिक से अधिक पारदर्शी तरीके से सम्भव हो सके।
श्री शर्मा के अनुसार अभ्युदय कार्यक्रम के अंतर्गत जिले भर में त्रिस्तरीय निगरानी दल गठित किए जाएँगे। जिसमें ग्राम स्तरीय, जनपद स्तरीय एंव जिला स्तरीय अधिकारी-कर्मचारी शामिल होंगे। इन दलों को कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था के तहत बिना किसी पूर्व जानकारी के दूसरे विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी हेतु भेजा जाएगा। निरीक्षण में किसी तरह की औपचारिकता न हो इसलिए संचार एंव सूचना तकनीक से इसे जोड़ते हुये निरीक्षण करते समय का लाइव फोटो और जियो टैगिंग के जरिए निरीक्षण दल की मौके पर उपस्थिति का सत्यापन किया जाएगा। इन दलों की निरीक्षण रिपोर्ट पूर्णतः पेपरलैस अथवा ऑनलाईल होगी। आपने बताया कि निरीक्षण सम्बंधी एक कॉमन प्रपत्र तैयार किया जा रहा है। निरीक्षण करने किस दल को कब और कहाँ जाना है इसकी सूचना संबधित दल के सदस्यों को महज कुछ घण्टे पहले जिला स्तरीय कण्ट्रोल रूम से एसएमएस के माध्यम से प्राप्त होगी। एक बार इस सिस्टम के बनने से प्रशासन का निगरानी तंत्र काफी मजबूत हो जाएगा। इस एडवांस सिस्टम से प्रशासन हर समय जहाँ अर्लट मोड में रहेगा वहीं आगे आने वाले अधिकारियों को भी इससे काफी सुविधा होगी।
प्राथमिकता में है शिकायतों का निराकरण
कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने अपनी प्राथमिकता गिनाते हुये बताया कि शासन की प्राथमिकतायें तो उनके लिये सर्वोपरी हैं ही इसके आलावा स्थानीय स्तर पर जो काम करने आवश्यक हैं उन्हें भी प्राथमिकता में शामिल किया जाएगा। आपने कहा कि वर्तमान में जनसुनवाई एंव सीएम हेल्पलाईन की तकरीबन 6 हजार 500 शिकायतें जिले के विभिन्न विभागों में लंबित है। आमजन से जुड़ीं इन शिकायतों का तत्परता से संतोषजनक समाधान कराया जाएगा। जनसुनवाई में प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों की निगरानी के लिये कम्प्यूटरीकृत सिस्टम तैयार किया जा रहा है ताकि आवेदन पत्र की स्थिति और उनके निराकरण की सतत समीक्षा की जा सके। इसके अलावा जो प्रकरण अति आवश्यक होंगे उन्हें टीएल में शामिल करते हुए लगातार रिव्यू किया जाएगा। आपने कहा कि इसके पीछे मंशा आमजन से जुड़ीं समस्याओं का सुगमता से संतोषजनक समाधान सुनिश्चित कराना है। साथ ही तंत्र को जन के प्रति जबाबदेह बनाते हुए सुशासन स्थापित करना है।
इन मुद्दों पर हो फोकस
पत्रकारों ने कलेक्टर कर्मवीर शर्मा से जिन मुद्दों पर विशेष ध्यान देने का सुझाव दिया उनमें मुख्य रूप से- पन्ना की नैसर्गिक सम्पदा जैसे कि नदियों-पहाड़ों और जंगल को माफियाओं से सुरक्षित रखने, ईमानदारी से शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण करते हुए जिन शालाओं-विद्यालयों में अतिशेष शिक्षक हैं, उन्हें शिक्षक विहीन एंव एकल शिक्षकीय शालाओं में पदस्थ कर शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने, ग्रामीण अंचल में लोगों को प्राथमिक स्तर की गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवायें मुहैया कराने, जिला चिकित्सालय एंव आंचलिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रिक्त पड़े चिकित्सकों के पदों को भरने के लिये शासन स्तर पर आवश्यक पहल करने, उद्योग विहीन पन्ना जिले में ईको फ्रैंडली औद्योगिक गतिविधियों की स्थापना हेतु ठोस पहल कर रोजगार का सृजन करने, पन्ना के प्राचीन तालाबों का सीमांकन कराकर उन्हें अतिक्रमण मुक्त कराने, सार्वजनिक भूमियों से अतिक्रमण हटवाने, बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को चालू कराने, रेत के अवैध उत्खनन-भण्डारण एंव ओवरलोडिंग पर प्रभावी नकेल कसने, पन्ना जिले को एजुकेशन हब बनाने की दिशा में काम किया जाए।
लक्ष्यों को तीन श्रेणियों में बांटा
इसके अलावा जिले के ऐतिहासिक मंदिरों को अतिक्रमण मुक्त कराने एंव वहां पर्यटन सुविधाओं का विकास कराने, पन्ना शहर एंव आंचलिक क्षेत्र की पेयजल समस्या का लम्बी अवधि के लिये स्थाई समाधान की दिशा में कारगर प्रयास करने, तहसील तथा एसडीएम कार्यालयों में वर्षों से जमे लिपिकों का स्थानांतरण करने, शासकीय कार्यालयों में रिश्वतखोरी की कुप्रथा पर प्रभावी अंकुश लगाने, पन्ना में वृद्धाश्रम की स्थापना कराने आदि सुझाव दिये गए। इन महत्वपूर्ण सुझावों को कलेक्टर ने न सिर्फ पूरी गम्भीरता से सुना बल्कि उन्हें अपनी डायरी में नोट भी किया गया। अंत में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने अपनी कार्यशैली और पन्ना को लेकर अपनी भावी योजनाओं को साझा करते हुये बताया कि पत्रकारों, जनप्रतिनिधियों एंव आमजन से प्राप्त सुझावों के आधार पर जिले के समग्र विकास एवं उत्थान के लिये त्रिस्तरीय लक्ष्य निर्धारित करते हुये इनकी प्राप्ति के लिये अनुकूल माहौल तैयार कर ठोस प्रयास किए जाएँगे। इन लक्ष्यों को तीन श्रेणियों में विभक्त किया जाएगा। जिसमें अल्पावधि, मध्यावधि लक्ष्य और कुछ दीर्घकालिक लक्ष्य शामिल होंगे।