* प्रचंड गर्मी में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन सड़कों पर दिखा जनसैलाब
* कविता बोलीं, सिंचाई सुविधा और रोजगार के अवसर बढ़ाने करुँगी काम
* भाजपा प्रत्याशी बीडी शर्मा ने दिन भर पार्टी नेताओं से की मुलाकात
* बाहरी होने के कारण भाजपा प्रत्याशी का छतरपुर से लेकर कटनी तक विरोध
शादिक खान, पन्ना। रडार न्यूज बुंदेलखंड अंचल के खजुराहो संसदीय क्षेत्र में गर्मी के तेवर तीखे होने के साथ ही चुनावी पारा भी तेजी चढ़ने लगा है। इस सीट के अंतर्गत आने वाले पन्ना जिले में सोमवार को राजनैतिक हलचल और काफी गहमा-गहमी रही। यहाँ से कांग्रेस की प्रत्याशी कविता सिंह ने आज विशाल जुलूस की शक्ल में पन्ना के नवीन कलेक्ट्रेट भवन पहुंचकर अपना नाम-निर्देशन पत्र दाखिल किया। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष पन्ना दिव्यारानी सिंह सहित समूचे संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ता-पदाधिकारी उपस्थित थे। कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन जुलूस को अघोषित शक्ति प्रदर्शन के तौर देखा जा रहा है। जिसकी चर्चा हर किसी की जुबान पर है। खजुराहो संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी वीर सिंह पटेल ने भी आज अपना नामांकन भरा। उधर, भाजपा के प्रत्याशी बीडी शर्मा अपने विरोध को थामने के लिए आज सुबह से ही पार्टी के सीनियर नेताओं के घर पहुँचकर उनसे मेल-मुलाकात करने में व्यस्त रहे। तीनों प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के पन्ना में रहने के कारण आज यहाँ राजनैतिक सरगर्मी अपने शबाब पर रही।
जुलूस के साथ पहुंचीं नामांकन भरने
खजुराहो संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी कविता सिंह सोमवार की दोपहर करीब एक बजे पन्ना नगर के लवकुश वाटिका से विशाल जुलूस के साथ नामांकन भरने के लिए इंद्रपुरी कॉलोनी स्थित नवीन कलेक्ट्रेट भवन के लिए निकलीं। इस दौरान उन्होंने अपने विधायक पति के साथ किशोर जी मंदिर में माथा टेका। इस दौरान मंदिर के चौराहे से लेकर नवीन कलेक्ट्रेट तक सड़क पर कांग्रेस प्रत्याशी समर्थकों का सैलाब नजर आ रहा था। कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन में शामिल होने के लिए समूचे संसदीय क्षेत्र से सैंकड़ों वाहनों में हजारों लोग पन्ना पहुँचे। इनके उत्साह के आगे प्रचंड गर्मी भी बेअसर नजर आई। करीब एक किलोमीटर पैदल चलकर कांग्रेस प्रत्याशी कविता सिंह नवीन कलेक्ट्रेट पहुंचीं जहां उन्होंने अपना नाकांकन फार्म रिटर्निंग ऑफीसर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी मनोज खत्री को सौंपा। नामांकन भरकर कांग्रेस प्रत्याशी के वापिस जाने के कुछ देर बाद सपा प्रत्याशी वीर सिंह पटेल कलेक्ट्रेट पहुँचे। जहाँ उन्होंने रिटर्निंग ऑफीसर के समक्ष अपना नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किया।
लोकतंत्र में जनता के सेवक होते हैं –
कांग्रेस प्रत्याशी कविता सिंह ने नामांकन दाखिल करने के बाद कलेक्ट्रेट परिसर में पत्रकारों से चर्चा में अपने चुनावी मुद्दे बताए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सिंचाई का रकबा बढ़ाने और हर खेत तक पानी पहुँचाने के लिए नहरों का निर्माण कराना उनकी प्राथमिता होगी। अति पिछड़े इस इलाके में रोजगार के आभाव में होने वाले पलायन को रोकने के लिए लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराया जाएगा। किसानों, युवाओं और महिलाओं की बदहाली को दूर करेंगे। उन्होंने केन-बेतबा लिंक परियोजना के निर्माण के संबंध अपना नजरिया जाहिर न कर बड़ी ही चतुराई से इस विवादित मुद्दे पर पन्ना जिले के नागरिकों की मंशानुरूप निर्णय लेने की बात कही। कविता सिंह से जब यह पूँछा गया कि उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने से कांग्रेस पर परिवारवाद को बढ़ाबा देने के आरोप लग रहे हैं, तो इस सवाल पर उन्होंने पार्टी के फैसले और खुद का बचाव करते हुए कहा कि पिछले साढ़े चार साल से मैं खजुराहो नगर परिषद् की अध्यक्ष हूँ। इस दौरान मैंने जनहित से जुड़े अनेक कार्य किए है जिसे देखते हुए पार्टी ने मुझे प्रत्याशी बनाया है। क्षेत्र के लोगों और कांग्रेसजनों ने भी मुझे टिकिट दिए जाने की मांग की थी।
मालूम हो कि कविता सिंह राजनगर सीट से कांग्रेस विधायक विक्रम सिंह नातीराजा की पत्नी हैं। पूर्व राजपरिवार से ताल्लुक रखने वालीं कविता सिंह से पत्रकारों ने सवाल किया कि यदि वे सांसद निर्वाचित हुईं तो आम जनमानस के लिए क्या उनकी सहज उपलब्धता होगी। इसके जबाब में उन्होंने कहा कि खजुराहो संसदीय क्षेत्र मेरा घर है, इसलिए मैं ज्यादा से ज्यादा समय अपने लोगों के बीच रहकर उनके लिए काम करूँगीं। भारतीय जनता पार्टी के द्वारा खजुराहो संसदीय क्षेत्र से मुरैना जिले के निवासी बीडी शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय व्यक्ति का अपने लोगों से जुड़ाव होता है, वह क्षेत्र की समस्याओं से अवगत होता है इसलिए उनका तत्परता से परिणाममूलक समाधान करा सकता है। राजपरिवार से आने वालीं कांग्रेस प्रत्याशी कविता सिंह ने अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि के सवाल पर जोर देते हुए कहा कि लोकतंत्र में कोई राजा-रानी नहीं होते, जनता के सेवक होते हैं।
विकास और रोजगार मुद्दा होगा
सपा प्रत्याशी वीर सिंह पटेल ने नामांकन भरने के बाद कलेक्ट्रेट परिसर में पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में विकास और रोजगार अहम मुद्दा होगा। उत्तर प्रदेश में जिस तरह का विकास समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किया है वैसा ही विकास इस क्षेत्र में कराया जायेगा। खजुराहो लोकसभा सीट पर इस बार बसपा-सपा गठबंधन की जीत होगी। एक सवाल के जबाब में सपा प्रत्याशी ने कहा कि मैं कोई बाहुबली नहीं हूँ, न कोई दस्यु है, न कोई ददुआ है, पिता की मृत्यु के बाद भी मैं चित्रकूट से विधायक निर्वाचित हुआ। मेरा आचरण या व्यवहार कभी बाहुबली जैसा नहीं रहा, यह बात सर्वविदित है। मालूम हो कि समाजवादी पार्टी प्रत्याशी वीर सिंह पटेल दस्यु सरगना रहे ददुआ के पुत्र है। आज पत्रकारों ने जब श्री पटेल से पूँछा कि चुनाव में वे क्या अपने पिता की तर्ज पर बाहुबल दिखाएंगे तो उन्होंने बहुत ही संतुलित जबाब देते हुए कहा कि जो इस दुनिया में नहीं है हम उसकी चर्चा नहीं करते। मैं यहाँ सपा की नीतियों और बसपा सुप्रीमो मायावती जी के आशीर्वाद से चुनाव लड़ने आया हूँ।
राजा-रानी और किसान पुत्र के बीच है चुनाव
खजुराहो लोकसभा क्षेत्र से टिकिट के दावेदार रहे नेताओं की नाराजगी से जूझ रहे भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विष्णु दत्त शर्मा ने पत्रकारों से कहा कि इस क्षेत्र में मैनें लोगों के साथ मिलकर बहुत संघर्ष किया है, इसलिए यह मेरे लिए नया क्षेत्र नहीं हैं। यहाँ की जनता का आशीर्वाद यदि मिला तो खजुराहो संसदीय क्षेत्र को और आगे ले जाने का प्रयास करूँगा। उन्होंने कहा कि मैं तो निमित्त मात्र हूँ, बीजेपी में तो कार्यकर्ता चुनाव लड़ता है। मुझे यहाँ पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और वरिष्ठजनों का स्नेह-आशीर्वाद मिल रहा है। ये चुनाव राजा-रानी और गरीब कार्यकर्ता के बीच है जोकि किसान का बेटा है। इसलिए कार्यकर्ताओं की अथक मेहनत, बूथ के मैनेजमेंट, सबके आशीर्वाद से भाजपा इस चुनाव को प्रचंड बहुमत से जीतेगी। श्री शर्मा ने बताया कि यह चुनाव नरेंद्र मोदी के लिए, देश के लिए है। मैं जब यहाँ से सांसद बनूँगा तो क्षेत्र का एक-एक कार्यकर्ता सांसद बनकर खड़ा होगा और पूरे क्षेत्र में विकास की गंगा बहाएगा।
विरोध और बगावत ने बढ़ाई भाजपा की परेशानी
खजुराहो संसदीय क्षेत्र को भारतीय जनता पार्टी का मजबूत गढ़ माना जाता है लेकिन इस बार यहाँ की परिस्थितियाँ भाजपा प्रत्याशी और पार्टी रणनीतिकारों के लिए परेशानी का सबब बनीं है। एक तरफ जहाँ कांग्रेस ने खजुराहो की बहु और पन्ना की बेटी कविता सिंह के रूप क्षेत्रीय प्रत्याशी को चुनावी समर में उतारा है तो वहीं भाजपा और सपा के उम्मीदवार बाहरी हैं। मुरैना जिले के निवासी विष्णु दत्त शर्मा को खजुराहो से प्रत्याशी बनाए जाने के निर्णय का टिकिट के दावेदार रहे कई नेता खुलकर विरोध कर रहे हैं। रविवार को श्री शर्मा के नाम का ऐलान होते ही कटनी-मुड़वारा सीट से भाजपा के पूर्व विधायक रहे गिरिराज किशोर राजू पोद्दार ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह को अपना इस्तीफ़ा भेज दिया था। उन्होंने प्रत्याशी चयन प्रक्रिया से क्षुब्ध होने का उल्लेख करते हुए भाजपा संगठन के सभी पदों और दायित्वों से से स्वयं को तत्काल प्रभाव से मुक्त करने का ऐलान सोशल मीडिया के जरिए किया है। सोमवार को भाजपा के लिए एक चिंताजनक खबर तब आई जब पता चला कि उसके एक और पूर्व विधायक सुकीर्ति जैन ने खजुराहो संसदीय क्षेत्र के लिए नाम-निर्देशन पत्र खरीदा है। इस दौरान भाजपा पूर्व पन्ना जिलाध्यक्ष जयप्रकाश चतुर्वेदी उनके साथ रहे। उधर, चंदला से भाजपा पूर्व विधायक रहे विजय बहादुर सिंह बुंदेला के समर्थकों द्वारा भाजपा प्रत्याशी का पुतला फूँकने की खबर पड़ोसी जिला छतरपुर से आई है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बीडी शर्मा वापस जाओ के नारे भी जमकर लगाए।
भाजपा की टिकिट घोषित होने के बाद समूचे खजुराहो संसदीय क्षेत्र में बाहरी बनाम क्षेत्रीय का मुद्दा तेजी से गर्माने लगा है। युवा नेता संजय नगायच ने भी बागवती तेवर दिखाने शुरू कर दिए है। रविवार को ही नगायच ने सोशल मीडिया में पोस्ट डालकर पार्टी के निर्णय पर अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए लोगों से पूँछा – “28 साल विचार और संगठन की सेवा करने के बाद ना विधानसभा, ना लोकसभा, न किसी जिम्मेदारी के लायक फिर मुझे क्या करना चाहिए।” बगाबत, असंतोष के लगातार बुलंद होते स्वरों के बीच डैमेज कंट्रोल के लिए भाजपा प्रत्याशी बीडी शर्मा टिकिट घोषित होने के कुछ घंटे बाद रविवार देर रात में ही पन्ना पहुँच गए थे। लेकिन, तमाम कोशिशों के बाबजूद फिलहाल बगावत और विरोध थमता हुआ नहीं दिख रहा है। भाजपा की बढ़ती परेशानी को देखते हुए इस बार उसके लिए अपने मजबूत गढ़ में मुकाबला बेहद मुश्किल हो सकता है।