प्रधानमंत्री ने पन्ना जिले की आशा एवं आंगनवाडी कार्यकर्ताओं से किया सीधा संवाद
एमपी के दस्तक अभियान की सराहना करते हुए अन्य राज्यों में भी अपनाने की बात कही
पन्ना। रडार न्यूज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को देश के विभिन्न राज्यों की आशा, एएनएम एवं आंगनवाडी कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद किया। पन्ना जिले के लिए यह गौरव की बात है कि मध्यप्रदेश से प्रधानमंत्री जी द्वारा वीडियो कान्फ्रेन्स के माध्यम से जिले की आशा एवं आंगनवाडी कार्यकर्ताओं से सीधे चर्चा की गयी। उन्होंने मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रारंभ किए गए घर-घर दस्तक अभियान की सराहना करते हुए अन्य राज्यों में भी अपनाए जाने की उम्मीद व्यक्त की। पन्ना जिले की आशा कार्यकर्ता, एएनएम एवं आंगनवाडी कार्यकर्ताओं द्वारा दस्तक अभियान के तहत निभाई जा रही भूमिका एवं स्मार्ट फोन का प्रयोग कर डिजीटल इण्डिया अभियान को सफलता की ओर ले जाते हुए सुपोषण लाने के प्रयास की भूरी-भूरी सराहना की गयी तथा बधाई दी।
आसान हुआ रिकार्ड अपडेट करना
जिला एनआईसी से सीधा संवाद करते हुए आंगनवाडी कार्यकर्ता फूलकली प्रजापति ने प्रधानमंत्री जी को बताया कि मोबाईल मिलने और आईसीडीएस-सीएएस के आ जाने से काम में बहुत आसानी हुई है। पहले लगभग 11 पंजियां भरने में कठिनाई होती थी। अब बहुत आसानी से सारी जानकारी सीधे मोबाईल में ही दर्ज कर दी जाती है। ग्रोथ चार्ट पेंसिल से भरने में कई बार लाईन आडी-टेढी एवं अस्पष्ट हो जाती थी। लेकिन अब मोबाईल में ग्रोथ चार्ट आटोेमेटिक जनरेट हो जाता है। उसके रंग से माता-पिता को भी समझाने में आसानी होती है। एसएमएस भी माता-पिता को चला जाता है। इससे माता-पिता पहले से अधिक जागरूक हो रहे हैं। इसके साथ ही मोबाईल के माध्यम से एक वीडियो भी दिया गया है। जिसके माध्यम से सुपोषण के बारे में लोगों को समझाने में आसानी हो गयी है। आईसीडीएस-सीएएस से अब शिशु के टीके की दिनांक, गृह भेंट की तारीख और गर्भवती माताओं एवं कुपोषित बच्चों की जानकारी स्वतः पहले से मोबाईल स्क्रीन पर दिखने लगती है। इस सुविधा के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का धन्यवाद दिया। इसी तरह आशा कार्यकर्ता राजापुर ग्राम श्रीमती मीतू दत्ता ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को प्रदेश शासन द्वारा प्रारंभ किए गए दस्तक अभियान और जिले में उसके क्रियान्वयन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह अभियान साल में 2 बार चलाया जाता है। अभियान के पूर्व आशा और आंगनवाडी कार्यकर्ता घर-घर जाकर 5 वर्ष के सभी बच्चों की नामजद सूची तैयार करते हैं। नियत दिनांक जानकारी देकर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करते हैं। उन्होंने बताया कि आज की स्थिति में उनके गांव में एक भी बच्चा गंभीर कुपोषित नही है। अभियान के तहत घर-घर जाकर सेवाएं देने से उनका आत्म विश्वास बढ़ा है और कार्य में भी सुधार आया है। इसके लिए उन्होंने मध्यप्रदेश शासन के प्रति आभार व्यक्त किया।
एनीमिया मुक्त भारत का संकल्प
जिले की आशा कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाडी कार्यकर्ताओं से चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जवाहरातों में पन्ना प्रसिद्ध है, लेकिन आज जिले की आशा एवं आंगनवाडी कार्यकर्ताओं के कामों ने जिले को देश में हीरे की तरह प्रसिद्ध बना दिया है। हमारी बहनें मोबाईल फोन के माध्यम से आसानी से अपना काम कर रही हैं। सुपोषण मेलों, पोषण आहार, टीकाकरण, दस्तक अभियान के साथ डिजीटल टेक्नालॉजी का प्रयोग कर नई पीढ़ी को सुपोषित बना रही हैं। मध्यप्रदेश का यह अभिनव प्रयोग बहुत ही सराहनीय है। उन्होंने कहा कि कमजोर नींव पर मजबूत इमारत का निर्माण नहीं हो सकता है। शिशु के जीवन के पहले एक हजार दिवस बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान मिलने वाला पोषण और स्वास्थ्य की देखभाल से ही उसका पूरा भविष्य निश्चित होता है। उनका यह भविष्य ही देश का विकास सुनिश्चित करता है। इस स्वस्थ और समृद्ध भारत के निर्माण में आशा, एएनएम और आंगनवाडी कार्यकर्ता देश के लाखों हांथों की तरह निरंतर कार्य करते हैं। इस ट्रिपल -ए की शक्ति पर मुझे पूर्ण विश्वास है। हमें मिलकर कुपोषण और गंदगी के खिलाफ जंग जीतना है। एनीमिया मुक्त भारत का संकल्प आपके सहयोग से पूरा करना है।
आशा, आंगनवाडी कार्यकर्ता को मिली सौगातें
प्रधानमंत्री द्वारा एक ओर जहां आशा, आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं से सीधा संवाद करते हुए उनके द्वारा किए जा रहे कार्यो की सराहना की गयी, वहीं दूसरी ओर उन्हें नई सौगातें भी दीं। संवाद के दौरान उन्होंने केन्द्र सरकार की योजनाओं में आशा कार्यकर्ताओं को मिलने वाले मानदेय को दोगुना करने की घोषणा की। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा एवं जीवन ज्योति योजना के तहत बिना किसी प्रीमियम के 2 लाख रूपये तक का सुरक्षा कवच देकर सुरक्षित किया। उन्होंने कहा कि यह प्रीमियम सरकार भरेगी। इसी तरह यदि किसी दुर्घटनावश आशा कार्यकर्ता की मृत्यु होने पर 2 लाख रूपये बीमा सुरक्षा कवच सहित कुल 4 लाख रूपये की राशि परिवार को दी जाएगी। उन्होंने आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को केन्द्र सरकार की ओर से मिलने वाले मानदेय को भी बढाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि जिन आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को 3 हजार रूपये मानदेय मिलता था उन्हें अब 4500 रूपये मिलेंगे। वहीं जिन्हें 2250 रूपये मिलते थे उन्हें 3500 रूपये किया गया। इसी तरह आंगनवाडी सहायिकाओं को 1500 रूपये के स्थान पर 2250 रूपये मिलेंगे। उन्होंने पोषण आहार के तहत आईसीडीएस-सीएएस तकनीकी का इस्तेमाल करने पर भी मानदेय बढाते हुए 250 रूपये से 500 रूपये करने की घोषणा की।प्रधानमंत्री द्वारा दी गयी सौगातों के लिए जिले की आशा कार्यकर्ता, आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं द्वारा एक साथ ताली बजाकर हर्ष व्यक्त करते हुए सीधे संवाद के माध्यम से प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस दौरान जिला एनआईसी में आशा कार्यकर्ता, आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिका, सुपरवाईजर के साथ जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एल.के. तिवारी मौजूद रहे।