* क्षतिग्रस्त बिल्डिंग की ऊपरी मंजिल में फंसे लोगों को जाबांज जवानों ने सुरक्षित बाहर निकाला
पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना जिला मुख्यालय में बुधवार को आए 7.1 तीव्रता के भूकंप से शहर के बीचोंबीच स्थित जगन्नाथ स्वामी टाउन हॉल ऑडिटोरियम हॉल आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होकर गिर गया। जिसके मलबे में दस से पंद्रह लोगों के दबे होने की सूचना देकर सर्च एवं रेस्क्यू के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीम एवं अन्य एजेंसियों को बुलाया गया। जांबाज जवानों ने गिरे हुए भवन के भीतर पहुंच बनाने तथा लोगों को निकालने के लिए दीवार एवं छत को काटा फिर मेडिकल टीम ने घायलों को स्थिरता प्रदान करते हुए बाहर निकाला। इसी दौरान कुछ व्यक्ति बिल्डिंग की ऊपर वाली मंजिल पर फंस गए, जिनको एनडीआरएफ ने रोप रेस्क्यू के माध्यम से सुरक्षित नीचे उतारा।
सभी एजेंसियों ने आपसी तालमेल एवं समन्वय से राहत एवं बचाव कार्य को पूरा किया। आपातकालीन तैयारी योजना की समीक्षा के लिए आपदा प्रबंधन और राहत बचाव कार्य पर आधारित मॉक अभ्यास आयोजन के तहत यह काल्पनिक दृश्य रखा गया।
आपदा प्रबंधन की बारीकियां बताईं
मॉक ड्रिल (आभासी अभ्यास) में 11 एनडीआरएफ के क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र लखनऊ के प्रभारी एवं उप कमांडेंट अनिल कुमार पाल उपस्थित रहे। साथ ही अग्निशमन विभाग, पुलिस, एसडीआरएफ एवं स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, स्वयंसेवी संस्थाओं की टीमों द्वारा मॉक का संयुक्त अभ्यास किया गया। उप कमांडेंट श्री पाल ने बताया कि इस मॉक अभ्यास का मुख्य उद्देश्य आपदा में घायल और चोटिल व्यक्तियों के अमूल्य जीवन की रक्षा करना, सभी एजेंसियों का रिस्पांस चेक करना व सभी स्टेकहोल्डर्स के बीच आपसी समन्वय स्थापित करना है। मॉक अभ्यास में 11 एनडीआरएफ के क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र लखनऊ से आयी एनडीआरएफ की 26 सदस्यीय टीम का नेतृत्व निरीक्षक पारसराम जाखड़ एवं सहायक उप निरीक्षक रंजन जायसवाल ने किया।
मॉक ड्रिल से पूर्व बैठक कर बनाई रुपरेखा
आपदा प्रबंधन और राहत बचाव कार्य पर आधारित एक मॉक अभ्यास का आयोजन पन्ना कलेक्टर सुरेश कुमार की अध्यक्षता किया गया। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ संघप्रिय, एसडीएम संजय नागवंशी, संयुक्त कलेक्टर कुशल सिंह गौतम, डिप्टी कलेक्टर आलोक मार्को एवं समीक्षा जैन, परियोजना सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। मॉक ड्रिल से पूर्व प्रथम चरण में एनडीआरएफ अधिकारियों व जिला प्रशासन और एसडीईआरएफ, फायर विभाग, जिला पुलिस, होम गार्ड, स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य संबंधित विभाग तथा विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के द्वारा बैठक कर मॉक अभ्यास की संपूर्ण रूपरेखा तैयार की गई, जबकि द्वितीय चरण में मॉक अभ्यास किया गया।