ADJ कोर्ट ने पूर्व मंत्री राजा पटैरिया की जमानत याचिका बिना विचार किए कर दी ख़ारिज, बताई यह वजह !

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फाइल फोटो।

*     सुको के निर्णय और हाईकोर्ट के निर्देश का उल्लेख कर क्षेत्राधिकार के अभाव का दिया हवाला

*    एमपी-एमएलए कोर्ट ग्वालियर में जमानत याचिका प्रस्तुत करने के लिए स्वतंत्र है आवेदक

पन्ना। (www.radarnews.in) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कथित तौर विवादित बयान देने के मामले में सब जेल पवई में बंद पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजा पटैरिया को फ़िलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है। जेएमएफसी कोर्ट के बाद अब एडीजे कोर्ट पवई, जिला पन्ना ने शुक्रवार 16 दिसंबर को उनके जमानत आवेदन को ख़ारिज कर दिया है। अपर सत्र न्यायाधीश पवई शचीन्द्र श्रीवास्तव ने अपने आदेश में पूर्व एवं वर्तमान सांसद-विधायकों के प्रकरण की सुनवाई के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय और हाईकोर्ट के निर्देश का उल्लेख करते हुए स्पष्ट किया, पूर्व विधायक पटैरिया की ओर से प्रस्तुत जमानत याचिका को सुनने का क्षेत्राधिकार उनके न्यायालय को प्राप्त नहीं है। इसलिए जमानत आवेदन बिना गुण-दोषों पर विचार किये क्षेत्राधिकार के अभाव का हवाला देकर निरस्त कर दिया गया है। न्यायाधीश ने कहा, आवेदक जमानत याचिका एमपी-एमएलए कोर्ट ग्वालियर में प्रस्तुत करने के लिए स्वतंत्र है।

क्या है पूरा मामला

उल्लेखनीय है कि पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजा पटैरिया का 11 दिसंबर 2022 को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें राजा पटैरिया यह कहते हुए दिख रहे हैं कि- “संविधान को बचाना है तो मोदी की हत्या करने के लिए तत्पर रहो, हत्या इन द सेंस चुनाव हराने का काम करो।” इस वीडियो के वायरल होने से सियासी बवाल मच गया था। इसके बाद पवई थाना में लोक निर्माण विभाग के उपयंत्री की शिकायत पर राजा पटैरिया के खिलाफ अपराध क्रमांक 472/2022 धारा 451, 504, 505(1) (b), 505 (1) (c), 506, 153-B(1) (c), 115, 117 IPC के तहत प्रकरण दर्ज किया था। इसके अगले ही दिन मंगलवार (13 दिसम्बर) को पन्ना जिले की पुलिस टीम ने पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजा पटैरिया को गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें दमोह जिले के हटा क़स्बा स्थित आवास से सुबह करीब 6 बजे पुलिस ने अपनी गिरफ्त में लिया था। इसके कुछ घंटे बाद उन्हें जेएमएफसी न्यायालय पवई में पेश किया गया था। न्यायालय न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी पवई ने जमानत याचिका ख़ारिज करते हुए पटैरिया को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में सब जेल पवई भेज भेजने का आदेश दिया था।

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दोनों पक्षों ने रखे अपने तर्क 

निचली अदालत में जमानत की अर्जी ख़ारिज होने के बाद अधिवक्ता पवन पाठक द्वारा कांग्रेस नेता की ओर से अपर सत्र न्यायालय पवई में जमानत की अर्जी प्रस्तुत की गई। जिस पर लोक अभियोजक पन्ना किशोर श्रीवास्तव द्वारा यह आपत्ति की गई कि प्रकरण में आरोपी पूर्व विधायक हैं, इसलिये यह मामला विशेष न्यायालय (एमपी/ एमएलए ग्वालियर) के समक्ष सुनवाई योग्य है। अतः सर्वप्रथम क्षेत्राधिकार का निराकरण किया जाये। उनके द्वारा उच्चतम् न्यायालय द्वारा रिट पिटीशन (सिविल) 699 / 2016 अश्वनी कुमार उपाध्याय बनाम भारत संघ बनाम अन्य में पारित आदेश का उल्लेख कर इस न्यायालय को क्षेत्राधिकार न होने के संबंध में आपत्ति प्रस्तुत की गई। इसके विपरीत आवेदक के अधिवक्ता की ओर से यह तर्क दिया गया कि घटना दिनांक को पटैरिया विधायक नहीं थे। जब विशेष न्यायालयों का गठन किया गया तब भी आवेदक विधायक नहीं था। इसलिए आवेदक का मामला इस न्यायालय में सुनवाई योग्य है।

पन्ना के प्रकरणों की सुनवाई ग्वालियर में

अपर सत्र न्यायाधीश पवई शचीन्द्र श्रीवास्तव ने जिला लोक अभियोजक के तर्कों से सहमत होते हुए शुक्रवार 16 दिसंबर पारित अपने आदेश में कहा है, जहां तक पूर्व एमएलए का प्रश्न है, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिका (सिविल) 699 / 2016 अश्वनी कुमार उपाध्याय बनाम भारत संघ एवं अन्य में पारित आदेश में पूर्व एवं वर्तमान संसद सदस्यों एवं विधानसभा सदस्यों के संबंध में विशेष न्यायालय गठित किये जाने का आदेश दिया गया है। इसलिए आरोपी /आवेदक के अधिवक्ता का तर्क स्वीकार किये जाने योग्य प्रतीत न होने से अस्वीकार किया जाता है। उच्च न्यायालय नोटिफिकेशन क्रमांक-वी/8125/III-6-2/ 2018 जबलपुर दिनांक 14 दिसंबर 2021 के द्वारा जिला पन्ना के एमपी/ एमएलए के मामलों को सुनने का क्षेत्राधिकार विशेष न्यायालय (एमपी/एमएलए) ग्वालियर को दिया गया है। अपर सत्र न्यायाधीश ने माना आरोपी की ओर से प्रस्तुत आवेदन को सुनने का क्षेत्राधिकार उनके न्यायालय को प्राप्त नहीं है। इसलिए जमानत आवेदन बिना गुण-दोषों पर विचार किये क्षेत्राधिकार के अभाव में निरस्त किया जाता है। न्यायाधीश ने कहा, आवेदक जमानत याचिका एमपी-एमएलए कोर्ट ग्वालियर में प्रस्तुत करने के लिए स्वतंत्र है।

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