* वन अधिकारियों-कर्मचारियों ने पुरुष्कार वितरण समारोह का किया सामूहिक बहिष्कार
* साथियों पर पक्षपात पूर्ण कार्यवाही के विरोध स्वरूप रेंजर एसोसिएशन के आव्हान पर लिया निर्णय
* कल से वन मण्डल स्तर पर शुरू होगा अस्त्र-शस्त्र जमा करने का अभियान
भोपाल। (www.radarnews.in) प्रदेश के विदिशा जिले के वन मण्डल अंतर्गत लटेरी में संगठित लकड़ी तस्कर गिरोह और वनकर्मियों के बीच हुई मुठभेड़ मामले में मैदानी वन अमले के विरुद्ध हत्या का प्रकरण पंजीबद्ध करके एक डिप्टी रेंजर को जेल भेजने की कार्यवाही से वन अधिकारियों-कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर सरकार के रवैये से क्षुब्ध वन अधिकारियों-कर्मचारियों के द्वारा आज स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित विभागीय पुरुष्कार/प्रशस्ति पत्र वितरण समारोह का सामूहिक बहिष्कार किया गया। मध्यप्रदेश रेंजर एसोसिएशन एवं वन कर्मचारी संगठनों के आव्हान पर यह फैसला लिया गया। मध्यप्रदेश रेंजर एसोसिएशन के अध्यक्ष शिशुपाल अहिरवार का दावा है, लटेरी प्रकरण में वन अमले पर की गई पक्षपात पूर्ण एकतरफा कार्यवाही के विरोध स्वरूप प्रदेश के 16 सर्किल अंतर्गत 50 से भी अधिक वन मंडल के वन अधिकारी एवं वन कर्मचारियों के द्वारा प्रशस्ति पत्र/पुरुष्कार वितरण समारोह का बहिष्कार कर अभूतपूर्व समर्थन दिया गया। अगले चरण में मंगलवार 16 अगस्त से मैदानी वन अधिकारी-कर्मचारी सरकारी अस्त्र-शस्त्र वन मण्डल स्तर पर वापस जमा कराकर अपना विरोध दर्ज करा सकते हैं।
अन्य विभागों की तर्ज पर वन विभाग में भी राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर प्रत्येक वर्ष वन्य जीव संरक्षण, वन संरक्षण और वानिकी कार्यों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मुख्यालय भोपाल एवं जिला स्तर पर वन सुरक्षा एवं अन्य उत्कृष्ठ कार्यों के लिए विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों को पुरुष्कार, प्रशस्ति पत्र एवं अन्य पारितोषिक समरोहपूर्वक प्रदान किए जाते हैं। परम्परानुसार सोमवार 15 अगस्त 2022 को स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित करने कार्यक्रम आयोजित किए गए लेकिन लटेरी कांड को लेकर नाराज़ चल रहे वन अधिकारियों-कर्मचारियों के द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों की समझाइश के बाद भी सम्मान समारोह का सामूहिक बहिष्कार किया गया अथवा सम्मान को लेने से साफ इंकार कर दिया। ऐसा करके लटेरी की घटना में आरोपी बनाए गए वन अमले के साथ एकजुटता प्रदर्शित की गई।
मैदानी वन अमले का गिरा मनोबल
