पुल टूटने से दुर्गम हुआ अजयगढ़-पन्ना के लिए आवागमन
लोनिवि की अदुर्दार्शिता व ठेकेदार की हठधर्मिता का दंश झेल रहे ग्रामीण
दर्जनों गाँव के लोगों का छतरपुर जिले के चन्दला क्षेत्र से टूटा संपर्क
पन्ना। रडार न्यूज बिना सोचे समझे नहर के पुराने पुल को तुड़वा दिये जाने से अजयगढ़ क्षेत्र का बीरा सहित आधा दर्जन गाँव दुर्गम और पहुँचविहीन हो गये हैं। लोक निर्माण विभाग पन्ना के अधिकारियों की अदुर्दार्शिता और ठेकेदार की हठधर्मिता के चलते इस इलाके की 20 हजार से भी अधिक आबादी की जिन्दगी कठिन हो गई है। बीरा सहित सुनहरा, कडरहा, केवटरा, बीहरपुरवा तथा नयापुरवा काजनपद मुख्यालय अजयगढ़ से सीधा संपर्क जहां टूट गया है, वहीं इस अंचल के दर्जनों ग्रामों के लोगों का छतरपुर जिले के चन्दला क्षेत्र में आवागमन बाधित हो गया है। अजयगढ़-चन्दला मार्ग पर चलने वाली यात्री बसें भी तीन माह से बंद हैं, जिससे इस क्षेत्र के लोगों को भारी मुसीबतों और कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि अजयगढ़ क्षेत्र का छतरपुर जिले के चन्दला से सीधा संपर्क बनाने के लिये अजयगढ़-चन्दला मार्ग का निर्माण कराया गया है। लगभग 22 किमी लम्बे इस सीसी मार्ग का निर्माण एबीसी सम्पनी सतना द्वारा कराया जा रहा है। करोड़ों रू. की लागत वाली इस सीसी मार्ग के निर्माण का काम लगभग पूरा हो चुका है, फिर भी इसका लाभ अंचलवासियों को नहीं मिल पा रहा। रही सही कसर बरियारपुर डेम से उ.प्र. के बांदा जिले के लिये जाने वाली नहर में बने पुल को ध्वस्त करके पूरी कर दी गई है। बीरा सहित आधा दर्जन ग्रामों का आवागमन बाधित हो गया है। पिछले तीन माह से कष्ट भोग रहे इलाके के लोगों ने अजयगढ़ जाकर समस्या के त्वरित निराकरण हेतु एसडीएम को लिखित आवेदन भी दिया, लेकिन ग्रामीणों की समस्या जस की तस है, अधिकारियों ने कोई रूचि नहीं ली। बीते रोज जिला मुख्यालय से पत्रकारों का एक दल जब बीरा गाँव पहुँचा तो ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और कहा कि आप लोग ही कुछ करें, अन्यथा बारिश के मौसम में हम टापू बन जायेंगे और हमारी जिन्दगी घनघोर मुसीबतों से घिर जायेगी। बीरा गाँव के प्रतिष्ठित नागरिक व भाजपा नेता रमेश कुमार शुक्ला ने जानकारी देते हुये बताया कि नहर का पुल जब नहीं तोड़ा गया था, उस समय बीरा से अजयगढ़ पहुँचना अत्यधिक सुगम और आसान था। मार्ग पर 6 यात्री बसों के साथ-साथ पूरे दिन चार पहिया वाहनों का आवागमन बना रहता था। लेकिन पुल टूट जाने के बाद अब अंचलवासियों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। अब अजयगढ़ से बीरा पहुँचने के लिये हर्सेनी से अर्न होकर खम्हरिया होते हुये खेतों से नहर का पुल पारकर 9 किमी का चक्कर लगाते हुये आना पड़ता है। इस मार्ग पर आवागमन बढने से हर्सेनी मोड़ व खम्हरिया गाँव के पास कई जगह कच्चे मार्ग पर गड्ढे खोद दिये गये हैं ताकि वाहनों का आवागमन न हो सके। चूंकि रेत से भरे भारी वाहन भी इसी मार्ग से होते हुये निकलते हैं, जिससे मार्ग का निर्माण कराने वाले ठेकेदार व खम्हरिया गाँव के लोगों ने गड्ढे खोदकर आवागमन बाधित करने का प्रयास किया है ताकि भारी वाहनों से यह मार्ग क्षतिग्रस्त न हो। इस खींचतान का पूरा खामियाजा बीरा व इससे लगे 6 ग्रामों के लोगों को भोगना पड़ रहा है।
बारिश के मौसम में बन जायेगा टापू-
ग्रामीणों ने अपनी व्यथा सुनाते हुये कहा कि बारिश शुरू होने से पहले यदि उनके आवागमन की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं बनाई गई तो बीरा सहित आधा दर्जन गाँव टापू बन जायेंगे तथा यहां पहुँचना मुश्किल हो जायेगा। मौजूदा समय 9 किमी लम्बा चक्कर लगाकर जिस रास्ते से अभी किसी तरह आना जाना हो रहा है, वह बारिश शुरू होने के साथ ही बन्द हो जायेगा। इन परिस्थितियों में बारिश के चार महीने कैसे कटेंगे, यह सोचकर इलाके के लोग हैरान और परेशान हैं। चूंकि आस-पास कहीं इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है, ऐसी हालत में किसी के बीमार पडने पर उसे इलाज के लिये अजयगढ़ या पन्ना ले जाना कठिन हो जायेगा।
सैकड़ों बच्चे नहीं पहुँच पायेंगे स्कूल-
नहर के पुल को तोडने से पूर्व ग्रामीणों के आवागमन की कोई व्यवस्था न किये जाने से समस्या विकराल हो चुकी है। इससे अंचलवासियों की जिन्दगी में जहां खलल पैदा हुआ है, वहीं नौनिहालों का भविष्य भी दांव पर लग गया है। बीरा गाँव के रमेश कुमार शुक्ला, रामहित शर्मा व लक्ष्मी गुप्ता ने बताया कि नहर के उस पार स्थित ग्रामों के बच्चे पढने के लिये बीरा हायर सेकेण्डरी स्कूल आते रहे हैं, लेकिन बीते तीन माह से एक भी बच्चा स्कूल नहीं आया। नहर पार करके तकरीबन तीन सौ बच्चे यहां पढ़ते हैं, पुल टूटने से इन बच्चों का भविष्य अन्धकारमय हो गया है।
इनका कहना है…
‘‘बरियारपुर डेम तथा यहां से निकली नहर सिचाई विभाग बांदा उ.प्र. के नियंत्रण में है। इसलिये नहर में पुल के निर्माण की अनुमति वहां से मिलना जरूरी है। ङ्क्षसचाई विभाग बांदा को हमने निर्माण की परमीशन के लिये लिखा है, लेकिन अभी तक परमीशन नहीं मिली। हम इसके लिये सब इंजीनियर को बांदा भेजेंगे, परमीशन मिलने पर पुल का निर्माण पूरा होने में कम से कम 6 माह लगेंगे।‘‘
ए.बी. साहू, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग पन्ना
Разбираем 1xSlots https://aztarna.es/pages/1xslots-casino_15.html
Скачайте 1xslots приложение и наслаждайтесь игрой в любом месте.
Обзор 1xSlots https://santaeugenia.archimadrid.es/pags/1xslots-casino-argentina_1.html
Преимущества 1xSlots https://davisa.es/page/1xslots-casino-argentina.html
Тут можно сейфы для офисов ценысейфы офисные купить
Тут можно сейфыкупить сейф в москве
Guia paso a paso de 1xslots https://antiguedadeselrodeo.com.ar/pages/1xslots-argentina.html
Mobiel casino CorgiSlot https://www.azoren.nl/pag/corgislot-casino.html
Leer meer over het CorgiSlot casino https://www.beachvolleybalschool.nl/new/pgs/corgislot_3.html