अभियोजन की ओर से न्यायालय के समक्ष अभियोजन साक्षियों के कथन कराये गये। न्यायालय द्वारा अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्षी एवं आहत शुभम के सिर की घातक चोट, समग्र साक्ष्य तथा अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत प्रभावी तर्कों से सहमत होकर अभियोजन का प्रकरण युक्ति-युक्त संदेह से परे माना। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश कु. भावना साधौ ने प्रकरण में निर्णय पारित करते हुए आरोपीगण मोहित मिश्रा उर्फ महेन्द्र मिश्रा एवं रिजवान राइन धारा-307 भादंसं के अन्तर्गत आरोप में दोषसिद्ध पाये जाने तथा सुजीत महदेले एवं विक्रम महदेले के साथ मारपीट करने लिए इन्हीं दोनों आरोपियों को दोषी मानकर सश्रम कारावास और अर्थदण्ड दण्डित से किया गया है। अभियोजन की ओर से इस मामले में किशोर श्रीवास्तव जिला लोक अभियोजक ने पैरवी की।