* कोर्ट ने जिस मामले में साल भर पहले बरी किया, कलेक्टर उसी के आधार पर कर दी कार्रवाई
* बहुचर्चित रेत खनन घोटाले की पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से शिकायत करने की मिली सजा !
* कांग्रेस नेता का आरोप बदले की भावना के चलते साजिश के तहत पद से हटाया गया
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की जनपद पंचायत अजयगढ़ के तत्कालीन अध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता भरत मिलन पाण्डेय के विरुद्ध पन्ना कलेक्टर ने मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत कार्यवाही करते हुए अध्यक्ष पद से पृथक कर दिया है। साथ ही छह वर्ष तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाते हुए अयोग्य घोषित कर दिया है। न्यायालय कलेक्टर एवं विहित प्राधिकारी अधिकारी जिला पन्ना संजय कुमार मिश्र के इस फैसले पर कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
दरअसल, अजयगढ़ जनपद के पूर्व सीईओ आनंद शुक्ला को कथित तौर अपमानित करने और धमकाने की छह वर्ष पुरानी जिस घटना को आधार बनाकर कलेक्टर ने जनपद अध्यक्ष भरत मिलन पाण्डेय को पद से पृथक करने का फैसला सुनाया है, कोर्ट इस मामले में सभी आरोपों से उन्हें साल भर पहले ही दोषमुक्त (बरी) कर चुका है। कलेक्टर न्यायालय का यह फैसला जिले के राजनैतिक हल्कों और आम लोगों के बीच में चर्चा का विषय बना है। रेत के कारोबार से जुड़े विवादों को लेकर अक्सर ही चर्चाओं में रहने वाले कांग्रेस नेता के खिलाफ की गई कार्यवाही की टाइमिंग भी काफी महत्वपूर्ण है।
गौरतलब है कि, भरत मिलन पाण्डेय ने कुछ समय पूर्व राज्य सभा सदस्य एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से भोपाल में मुलाकत कर उन्हें पन्ना की अजयगढ़ तहसील अंतर्गत राजनैतिक-प्रशासनिक संरक्षण में चल रहे रेत खनन घोटाले की जानकारी देते हुए इससे जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजी साक्ष्य सौंपे थे। जिसके आधार पर दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर रेत खनन घोटाले की जांच कराने तथा इसमें लिप्त दोषी अधिकारियों व रेत माफिया के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की गई थी। इसके अलावा लोकायुक्त जस्टिस से भी रेत खनन घोटाले की लिखित शिकायत की गई है। राज्य सभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने भरत मिलन पाण्डेय से प्राप्त साक्ष्यों का उल्लेख करते हुए उनके आवेदन पत्र को बकायदा अपनी शिकायतों के साथ संलग्न किया है।

रेत खनन घोटाले की शिकायत को लेकर सुर्खियों में आए भरत मिलन पाण्डेय को अजयगढ़ जनपद पंचायत अध्यक्ष पद से हटाने का निर्णय न्यायालय कलेक्टर पन्ना के द्वारा 22 अक्टूबर 2021 को पारित किया गया। लेकिन इसकी जानकारी गत दिवस ही बाहर आई है। कांग्रेस नेता पाण्डेय को पद से पृथक करने की कार्यवाही की खबर आने के बाद से ही जिले का सियासी पारा चढ़ गया है। इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा है। भरत मिलन ने इस पर अपना पक्ष रखते हुए बताया जिस प्रकरण में न्यायालय ने उन्हें बरी कर दिया, उस मामले को आधार बनाकर पद से पृथक करने और चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की कार्यवाही करना क्या उचित है।
करोड़ों रुपए के रेत खनन घोटाले को लेकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के द्वारा पन्ना के जनप्रतिनिधियों क्षेत्रीय सांसद विष्णु दत्त शर्मा, पन्ना विधायक एवं प्रदेश के खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह और प्रशासनिक अधिकारियों को घेरते हुए उनकी भूमिका पर सवाल उठाने तथा रेत माफिया को संरक्षण देने के आरोप लगाने से मचे हड़कंप के बीच तत्कालीन अजयगढ़ जनपद पंचायत अध्यक्ष भरत मिलन पाण्डेय को के पद से पृथक करने का फैसला आया है। पन्ना में पिछले कुछ समय से विपक्ष के खिलाफ जिस तरह बदलापुर की सियासत चल रही उसे देखते हुए भरत मिलन पाण्डेय के खिलाफ कोई न कोई कार्रवाई होना राजनैतिक हल्कों में लगभग तय माना जा रहा था।
