
वनाधिकार पट्टों को लेकर मोहन सरकार के उदासीन रवैये से आदिवासी समुदाय नाराज


अतिथियों ने अपने उद्बोधन आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर गहरा रोष प्रकट किया है। जयस नेताओं ने राज्य सरकार पर आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा को लेकर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वनाधिकार के व्यक्तिगत एवं सामुदायिक दावों को मान्यता न मिलने के कारण बड़ी संख्या में आदिवासी परिवार सम्मानपूर्वक जीवन यापन नहीं कर पा रहे हैं। वन विभाग के अफसर जंगल का कानून चलाते हुए उनके हक़-अधिकार को कुचल रहे हैं। परिणामस्वरूप वन क्षेत्र में जनजाति समुदाय के लोग न तो चैन से रह पा रहे और ना ही वे वनोपज संग्रहण तथा वन भूमि का उपयोग और प्रबंधन कर पा रहे हैं। जिससे जनजातीय समुदाय का पारम्परिक जीवन और संस्कृति पर संकट में है। जयस ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौंपकर आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए तत्परता से वंचित परिवारों को वनाधिकार पट्टा प्रदान करने की पुरजोर मांग की है। इस संबंध में शीघ्रता से कार्रवाई न होने पर जयस ने भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी है। कार्यक्रम में प्रकाश गौंड़ जनपद सदस्य, मनसुख गौंड़ समाना सरपंच, भीम आर्मी जिला अध्यक्ष सुनील टाइगर, रामू गौंड़ पूर्व सरपंच डोभा, एडवोकेट सोनेलाल प्रजापति, सुरेश कुमार गौंड़, रामशरण गौंड़, बीरन सिंह गौंड़, दुर्गेश अरविंद, जोगेंदर, रिंकू, बबलू गौंड़ सहित बड़ी संख्या जनजाति समुदाय के लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम सफल संचालन समाजसेवी रामविशाल गौंड़ एवं उपस्थितों का आभार प्रकट अरविंद कुमार गौंड़ ने किया।