* ब्रह्माकुमारीज़ सेवा केंद्र पर 88वां त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव का हुआ भव्य शुभारंभ
* भाई-बहनों की उपस्थिति में धूमधाम से किया गया शिव ध्वजारोहण
* आध्यात्मिक ज्ञान से प्रेरित होकर बुराइयों को छोड़ने का लिया संकल्प
पन्ना। (www.radarnews.in) प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा इस वर्ष 88वां त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव मनाया जा रहा है। जिसका गरिमामयी शुभारंभ आज ब्रह्माकुमारीज़ सेवा केंद्र पन्ना में हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पन्ना जिले के पुलिस अधीक्षक सांई कृष्णा एस थोटा (IPS) उपस्थित रहे। शिव जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य पर ब्रह्माकुमारीज़ संस्था के द्वारा आध्यात्मिक ज्ञान एवं शिव सन्देश को जन-जन तक पहुँचाने के लिए श्रृंखलाबद्ध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। जिनका समापन संस्था के मुख्यालय माउंट आबू (राजस्थान) में 8 मार्च को 88वीं त्रिमूर्ति शिव जयंती (महाशिवरात्रि) पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में होगा।
जिला मुख्यालय पन्ना में ब्रह्माकुमारीज़ सेवा केंद्र पर आज सर्वप्रथम शिव ध्वजारोहण कर शिव जयंती महोत्सव कार्यक्रम का धूमधाम से शुभारंभ किया गया। तदुपरांत बीके सीता बहनजी ने सभी को शिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा, शिवरात्रि के दिन भक्तगण शिवलिंग पर धतूरा, बेर, बेलपत्र इत्यादि चढ़ाते हैं। शिवरात्रि पर हम जागरण करते हैं एवं अन्न का व्रत रखते हैं परंतु वास्तव में परमात्मा शिव पर यथार्थ रूप में क्या चढ़ाना चाहिए और किस प्रकार से व्रत का पालन करना चाहिए? इसके आध्यात्मिक रहस्य को समझने की आवश्यकता है तभी स्वयं का और संपूर्ण विश्व का कल्याण संभव है। धतूरा विषय विकार, बेर नफरत-घृणा का प्रतीक है। अतः हमें शिव पर विकारों, विषय–वासना एवं बुरी आदतों को चढ़ाना चाहिए अर्थात त्याग करना चाहिए।
बहन जी ने कहा, वास्तव में, शिवरात्रि वर्तमान कलयुग के अंत और सतयुग के प्रारंभ के संगम का नाम है। जब स्वयं निराकार परमात्मा शिव साकार मानव तन, प्रजापिता ब्रह्मा के तन में अवतरित होकर मनुष्य आत्माओं से विकारों और बुराइयों का, ईश्वरीय ज्ञान और राजयोग की शिक्षा देकर त्याग कराते हैं। अतः शिवरात्रि पर विकारों और बुराइयों से व्रत रखें। रात्रि जागरण का आध्यात्मिक रहस्य है कि परमात्मा शिव के वर्तमान समय के अवतरण के काल में हम अपनी आत्मा की ज्योति को जगाएं। अतः शिवरात्रि के महत्व और आध्यात्मिक रहस्य को यथार्थ रीति से समझकर मानने से ही सभी मनुष्य आत्माओं का, संसार का कल्याण हो सकता है।
बहन जी ने बताया, वर्तमान तमोप्रधान धर्म ग्लानी के समय में निराकार परमपिता परमात्मा शिव का इस धरा पर अवतरण हो चुका है। परमात्मा शिव अनेक आध्यात्मिक रहस्य का उद्घाटन करके सत्य धर्म की स्थापना का दिव्य कर्म कर रहे हैं। महाशिवरात्रि के आध्यात्मिक रहस्य को समझकर अपने तमोगुणी स्वभाव और संस्कारों का त्याग करके स्वयं के जीवन में तथा इस सृष्टि में सत्यम, शिवम, सुंदरम के मंगलमय तत्व का संचार करें।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक जिला पन्ना सांई कृष्णा एस थोटा (IPS) ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मेडिटेशन को हमें अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने अपने अनुभव की बात करते हुए बताया कि, हमारे प्रशासनिक जीवन में भी हमें मेडिटेशन से काफी मदद मिलती है और मन शांत रहता है। मेडिटेशन अर्थात ध्यान (राजयोग) से आत्मबल बढ़ता है, जिससे विषम और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में निर्णय को सहजता से लेने में मदद मिलती है। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित भाई-बहनों द्वारा आध्यात्मिक ज्ञान से प्रेरित होकर बुराइयों को छोड़ने का संकल्प लिया गया।