केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी दो दिवसीय हड़ताल का दिखा व्यापक असर

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देशव्यापी हड़ताल के दौरान हीरा खनन परियोजना मझगवां में एमपीआरएचकेएमएस (इंटक) के बैनर तले प्रदर्शन करते कर्मचारी।

*    पन्ना की हीरा खनन परियोजना में दोनों दिन प्रभावित रहा कामकाज

*    दूरसंचार विभाग, बैंकों और एलआईसी में रही बंद जैसी स्थिति से लोग हुए परेशान

*    श्रमिक संघों ने कामगार विरोधी, जनविरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों पर केन्द्र के खिलाफ हल्ला बोला

*    भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल से बनाई दूरी

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों की दो दिन (28 एवं 29 मार्च 2022) की देशव्यापी हड़ताल का देशभर में व्यापक असर देखने को मिला। मध्यप्रदेश का पन्ना जिला भी इस हड़ताल के असर से अछूता नहीं रहा। मंगलवार को हड़ताल का दूसरा दिन रहा और यहां हीरा खनन परियोजना समेत दूरसंचार विभाग, एलआईसी एवं कुछ बैंकों में कामकाज प्रभावित रहा। हड़ताल के पहले दिन सोमवार 28 मार्च को भी लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। दो दिवसीय हड़ताल के दौरान एनएमडीसी लिमिटेड, हीरा खनन परियोजना, मझगवां (पन्ना) के श्रमिक संघ मध्यप्रदेश राष्ट्रीय हीरा खनि मजदूर संघ (इंटक) के महामंत्री समर बहादुर सिंह के नेतृत्व में परियोजना के हड़ताली कर्मचारियों ने केन्द्र सरकार की कामगार (श्रमिक) विरोधी, जनविरोधी, राष्ट्र विरोधी और किसान विरोधी नीतियों पर जमकर हल्ला बोला। साथ ही सार्वजानिक उपक्रमों के निजीकरण/विनिवेश को तत्काल प्रभाव से बंद करने की पुरजोर मांग की गई।
ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के चलते पन्ना में भारत संचार निगम लिमिटेड कार्यालय, भारतीय जीवन बीमा निगम एवं यूनियन बैंक समेत अन्य बैंकों में कामकाज लगभग ठप्प रहा। इन प्रतिष्ठानों के श्रमिक संघों ने भी केन्द्र सरकार की प्राइवेटाइजेशन को लेकर चल रही तैयारियों की कड़ा विरोध किया। और लगातार तेजी से बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर सरकार की नीतियों की तीखी आलोचना की गई। राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) और बैंकों के कुछ यूनियन्स के शामिल न होने के बावजूद पन्ना जिले में दो दिवसीय हड़ताल सफल रही।

मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं को वापस लो

हीरा खनन परियोजना के श्रमिक संघ एमपीआरएचकेएमएस (इंटक) के द्वारा ट्रेड यूनियन की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन करने संबंधी सूचना पत्र संघ के महामंत्री समर बहादुर सिंह की ओर से पूर्व में मुख्य महाप्रबंधक, हीरा खनन परियोजना मझगवां जिला पन्ना को सौंपा था। जिसमें हड़ताल के प्रमुख मुद्दों का उल्लेख किया गया है। एमपीआरएचकेएमएस (इंटक) की मांग है, देश के सार्वजानिक उपक्रमों में विनिवेश व निजीकरण तुरंत बंद किया जाए। 44 श्रम कानूनों को ख़त्म करके बनाई गई मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं (लेबर कोड) का निर्णय वापस लिया जाए। एनआईएसपी नगरनार संयत्र के डीमर्जर विनिवेशीकरण को बंद करो। कृषि विरोधी-किसान विरोधी काले कानूनों को निरस्त करने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा रखीं गई 6 सूत्रीय मांगों को स्वीकार किया जाए। आयकर का भुगतान न करने वाले आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को प्रतिमाह 7500/- रुपए की खाद्य और आय सहायता दी जाए। मनरेगा का आवंटन बढ़ाते हुए शहरी क्षेत्रों में रोजगार की गारंटी वाली इस योजना का विस्तार करें। आंगनवाड़ी, आशा कार्यकर्ता, मध्यान्ह भोजन एवं अन्य योजना की कार्यकर्ताओं सम्मानपूर्वक जीवनयापन के लिए वैधानिक न्यूनतम वेतन एवं सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने सहित कुल 14 मांगें ज्ञापन में शामिल हैं।

एलआईसी कर्मचारी दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे

केन्द्र सरकार के तानाशाही पूर्ण रवैये एवं श्रमिक विरोधी एवं जन विरोधी नीतियों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते पन्ना में एलआईसी के श्रमिक संघ भारतीय बीमा कर्मचारी संघ के आव्हान पर बीमा कर्मचारी 28 एवं 29 मार्च को दोनों ही दिन कामबंद हड़ताल पर रहे। जिसके चलते बीमा धारकों/ग्राहकों को असुविधा का सामना करना पड़ा। अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ पन्ना के अध्यक्ष अरुण कुमार मिश्रा ने कहा कि हड़ताल के कारण हमारे ग्राहकों को होने वाली असुविधा का हमें खेद है लेकिन यह दो दिवसीय हड़ताल व्यापक जनहित और राष्ट्रहित में है। केन्द्र सरकार की गलत नीतियों से देश को बर्बाद होने से बचाने के लिए यह संघर्ष बेहद जरुरी हो गया है। आपने कहा कि, लगातार तेजी से बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, सार्वजनिक उद्योगों के निजीकरण से आज देश का प्रत्येक नागरिक बुरी तरह प्रभावित है। अगर इसे तुरंत रोका नहीं गया तो हम सबको इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

ये रहीं मुख्य मांगें –

भारतीय बीमा कर्मचारी संघ पन्ना ने दो दिवसीय हड़ताल के दौरान प्रदर्शन कर जिन मांगों को प्रमुखता से उठाया है उनमें, लगातार बढ़ती महंगाई से बेहाल देशवासियों को तुरंत राहत देने, राष्ट्रहित में सार्वजनिक उद्योगों के निजीकरण बंद करने, कामगार हित न्यूनतम वेतन 26000/-रुपए करने, संविदा कर्मियों का नियमितीकरण, सार्वजनिक क्षेत्रों में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने, दवाओं और अन्य जरूरी वस्तुओं में टैक्स कम करने, किसानों को फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने और 44 श्रम कानूनों को समाप्त न करना आदि शामिल है। हड़ताल में भारतीय बीमा कर्मचारी संघ पन्ना के अध्यक्ष अरुण कुमार मिश्रा, उपाध्यक्ष पुष्कर शर्मा, सचिव एनसी बाईन, सचिव अमरीश तिवारी, कोषाध्यक्ष दीपेश गुप्ता, ध्यानेश पांडे, मुकेश दुबे, कामरेड मुनीम सिंह, रंजीत मिर्धा, ममता जड़िया। सपना यादव, अंजली सोनी एवं अन्य साथीगण शामिल रहे।