बोलती तस्वीरें | बुंदेलखंड के वैभव को बयां कर रहे प्राचीन स्मारकों के छायाचित्र

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"बुन्देलखण्ड के स्मारक" छायाचित्र प्रर्दशनी का अवलोकन करते हुए पत्रकारगण और कांग्रेस नेता दीपचंद्र अग्रवाल।

 जिला पुरातत्व संग्रहालय हिन्दूपत महल पन्ना में लगी छायाचित्र प्रदर्शनी

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) जिला पुरातत्व संग्रहालय हिन्दूपत महल पन्ना में लगी बुंदेलखंड के स्मारकों पर केंद्रित छायाचित्र प्रदर्शनी इतिहास और कला में रूचि रखने वालों के बीच आकर्षण का केन्द्र बनीं है। प्रदर्शनी में मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड अंचल अंतर्गत आने वाले जिलों में स्थित प्राचीन स्मारकों के छायाचित्रों को लगाया गया है। 28 नवंबर तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में बुंदेलखंड के वैभव की झलक दिखाने वाले महत्वपूर्ण स्मारकों के छायाचित्रों को प्रदर्शित किया गया है। अद्भुत पाषण शिल्प, बेजोड़ स्थापत्य के एक से बढ़कर एक भव्य प्राचीन स्मारकों के छायाचित्र स्थापत्य कला के क्षेत्र में बुंदेलखंड के समृद्ध और गौरवशाली अतीत की कहानी को बयां करते हैं। प्रदर्शनी का अवलोकन करने के लिए पहुंचने वाले लोगों की धरोहरों के चित्रों से जल्दी नजर नहीं हटती। स्मारकों की उत्कृष्ट स्थापत्य कला की बारीकियों को लोग अपलक निहारते रहते हैं।

विश्व धरोहर सप्ताह अन्तर्गत हुआ आयोजन

संचालनालय पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय मध्यप्रदेश भोपाल के तत्वाधान में विश्व धरोहर सप्ताह के अन्तर्गत जिला पुरातत्व संग्रहालय हिन्दूपत महल पन्ना द्वारा दिनांक 23 नवंबर 2022 को बुन्देलखण्ड के स्मारक के छायाचित्र प्रर्दशनी का शुभारम्भ दोपहर 11 बजे डॉ. गोविन्द बाथम प्रोफेसर शासकीय महाविद्यालय माड़ा जिला सिंगरौली व कैलाश सोनी पूर्व योजना अधिकारी पन्ना द्वारा दीप प्रज्जवलन एवं फीता काटकर किया गया। छायाचित्र प्रर्दशनी में बुन्देलखण्ड के पन्ना, सागर छतरपुर, दतिया निवाड़ी, दमोह आदि जिलों में स्थित पुरातत्वीय स्मारकों तथा महेन्द्र भवन पन्ना जसो मठ सतना, छत्रसाल का मकबरा, खजुराहो के मंदिर, ओरछा की विभिन्न छत्रियां, किलों व अन्य स्मारकों के छायाचित्रों का प्रर्दशन किया गया है। 

छात्राओं और शिक्षकों ने किया अवलोकन 

प्रदर्शनी में श्रीमती निशा जैन पूर्व प्राचार्य उत्कृष्ट विद्यालय पन्ना, शिवादत्त सिंह शोध छात्र व मनहर कन्या उच्चतर विद्यालय की लगभग 200 छात्रायें व शिक्षक-शिक्षिकायें उपस्थित थीं। डॉ. गोविन्द बाथम द्वारा उपस्थित छात्राओं व नागरिकों को अपनी धरोहरों को संरक्षित करने व पुरावशेषों की जानकारी दी गई। कार्यक्रम का संचालन सुलतान सिंह अनन्त द्वारा किया गया। कार्यक्रम अनूप कुमार ब्रह्मभट्ट, रामप्रकाश वैद्य, रमदमन सिंह, अरूण प्रताप बागरी, राजेन्द्र विश्वकर्मा, धर्मेन्द्र साहू व लक्ष्मण आदि उपस्थित रहे।