PTR के विस्थापितों का दर्द : 20 साल बाद भी नहीं मिला भू-अधिकार, योजनाओं के लाभ से वंचित विस्थापित परिवार

0
232
पन्ना कलेक्टर के नाम पर ज्ञापन सौंपने के लिए कांग्रेस नेता शिवजीत सिंह के नेतृत्व में जाते हुए विस्थापित परिवार।

*      कांग्रेस नेता शिवजीत सिंह के नेतृत्व में एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों के संसार को आबाद करने के लिए संरक्षित वन क्षेत्र से वर्ष 2002 में विस्थापित किए गए ग्राम पीपरटोला और सूरजपुरा के 165 परिवार पिछले दो दशक सुशासन वाली सरकार के सिस्टम का सितम झेलने को मजबूर हैं। वन अमले के द्वारा सब्जबाग दिखाकर पुरखों की ज़मीन से हटाए गए परिवारों के लिए विस्थापन बड़ी त्रासदी साबित हो रहा है। पुनर्वास नीति के तहत दोनों ग्रामों के लोगों को पुखरा में जिस भूमि पर बसाया गया था, उसका वैध मालिकाना हक़ (भू-अधिकार) उन्हें आज तक नहीं दिया गया। विस्थापितों की बसाहट के लिए दी गई वन भूमि को राजस्व भूमि में परिवर्तित कर संबंधितों को भू-अधिकार प्रदान करने के निर्देश सरकारी फाइलों में कैद होकर रह गए हैं। इस कारण विस्थापित परिवारों को शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पन्ना के वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवजीत सिंह ने पन्ना टाइगर रिजर्व के विस्थापित परिवारों की समस्या को प्रमुखता से उठाते हुए शासन-प्रशासन का ध्यान इसके समाधान को लेकर आकृष्ट कराया है। शुक्रवार 17 मार्च को कांग्रेस नेता की अगुआई में विस्थापित परिवारों की ओर से पन्ना कलेक्टर के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया है।
पन्ना टाइगर रिजर्व की मड़ला रेन्ज अंतर्गत केन नदी किनारे करीब दो दशक पूर्व पीपरटोला और सूरजपुरा ग्राम स्थित थे। बाघों को मानवीय दखल से रहित सुरक्षित रहवास उपलब्ध कराने के लिए शासन की योजना के अन्तर्गत दोनों वन ग्रामों के रहवासियों को विस्थापित किया गया था। वनवासियों को पुनर्वास नीति के तहत मुआवजा देकर समस्त बुनियादी सुविधाओं के साथ राजस्व पट्टा देने का प्रावधान था। इसके तहत 165 परिवारों का विस्थापन गया था। स्वीकृत विस्थापन पैकेज अनुसार एक लाख रुपये एवं दो हैक्टेयर प्रति परिवार भूमि पुनर्वास स्थल पुखरा में 2007 मे कराया गया। अचल संपत्ति का मुआवजा भुगतान हेतु 03 मार्च 2007 को पारित किया गया था। भारत सरकार की स्वीकृति क्रमांक एफएन 896/2001/दिनांक 21 मई 2002 के अनुक्रम में भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिर्वतन मंत्रालय नई दिल्ली ज्ञापन एफ नम्बर 8-34/2017 दिनांक 20 मई 2019 से वन भूमि को राजस्व भूमि में परिवर्तित करने के निर्देश के पालन में पन्ना टाईगर रिजर्व से विस्थापित उक्त रहवासीयों की वन भूमि का निर्वनीकरण किया जा चुका है।
प्रशासन की उदासीनता के चलते आज दिनांक तक वन भूमि को राजस्व भूमि में परिवर्तित कर पट्टा प्रदाय नहीं किये गए है। फलस्वररूप पुखरा के रहवासीयों को किसी भी प्रकार की शासन की योजना जैसे किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड तथा अन्य प्रकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। इस मुद्दे पर पन्ना विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी शिवजीत सिंह भईया राजा के नेतृत्व में प्रभावित गरीब आदिवासीयों ने पन्ना कलेक्टर के नाम ज्ञापन देकर तत्काल राजस्व भूमि के पट्टे दिलाने की मांग की है। श्री सिंह ने कहा कि यदि जिला प्रशासन द्वारा गरीबों की समस्याओं का जल्द निराकरण नहीं किया गया तो इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी बड़ा आन्दोलन करेगी। ज्ञापन देने वालो में कांग्रेस नेता सौरभ गौतम, सरदार सिंह यादव, रतन सिंह सहित बड़ी संख्या में विस्थापित परिवार शामिल रहे।