एमपी : PTR के कोर क्षेत्र में स्टेट हाइवे किनारे संदिग्ध हालत में मृत मिला टाइगर !

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पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में मृत मिला नर बाघ पी-111 बाघिन टी-1 के पहले लिटर का बच्चा था।

*     क्षेत्र संचालक बोले- बाघ की मौत प्राकृतिक, शरीर पर नहीं मिले चोट के निशान

*     पन्ना टाइगर रिजर्व के परिक्षेत्र पन्ना कोर में अकोला गेट के समीप मिला शव

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संदिग्ध मौत होने का सिलसिला जारी है। पार्क की पन्ना कोर रेन्ज अंतर्गत अकोला पर्यटन गेट के समीप आज सुबह नर बाघ पी-111 कटनी-कानपुर स्टेट हाइवे किनारे संदिग्ध हालत में मृत पाया गया। पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक डॉ. उत्तम कुमार शर्मा का कहना है, प्रथम दृष्टया बाघ की मौत प्राकृतिक प्रतीत होती है, मृत पाए गए बाघ के शरीर पर कहीं भी चोट के निशान नहीं थे। उसकी उम्र लगभग 13 वर्ष थी, आयु अधिक होने और बीमारियों के चलते शायद बाघ की मौत हुई है। कुछ माह पूर्व बाँधीकाल ग्राम के नजदीक जंगल से सटे इलाके में बाघ का कंकाल मिला था। जिसकी मौत के कारणों का अब तक खुलासा नहीं हो सका। इस बीच नर बाघ पी-111 का शव मिलने से पन्ना पार्क प्रबंधन में आंतरिक हड़कंप मचा है।
पन्ना टाइगर रिजर्व के अंदर के हालात एक बार फिर से असमान्य होने की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं। बाघों की संदिग्ध मौत होने से इन चर्चाओं को लगातार बल मिल रहा है। जिले के वन क्षेत्रों में शिकारियों और वन्यजीवों के अंगों की तस्करी करने वाले गिरोह सक्रिय होने के मद्देनजर बाघों की संदिग्ध मौत की घटनाएं सामने आना चिंताजनक है। प्राप्त जानकारी अनुसार गुरुवार 9 जून को पन्ना टाइगर रिजर्व के पन्ना कोर परिक्षेत्र की बीट राजाबरिया अंतर्गत कक्ष क्रमांक पी-394 में स्टाफ द्वारा नियमित गश्ती के दौरान सुबह करीब 5 बजे पन्ना-कटनी अन्तर्राज्जीय राजमार्ग 49 के किनारे बाघ पी-111 का शव पाया गया। जिसकी उम्र लगभग 13 वर्ष थी। यह बाघ, बाघिन टी-1 के पहले लिटर का बच्चा था।
नर बाघ मृत अवस्था में मिलने की सूचना प्राप्त होते ही पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारियों द्वारा मौके पर पहुंचकर स्थल का निरीक्षण किया गया। पार्क प्रबंधन का दावा है, मौके पर अवैध गतिविधि के कोई चिन्ह नहीं पाये गये। मृत बाघ का पोस्टमार्टम पार्क के वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता द्वारा किया गया तथा सेम्पल एकत्रित किये गए। मृत बाघ के पोस्टमार्टम उपरान्त क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व, उप संचालक, पन्ना टाइगर रिजर्व, वन्यप्राणी चिकित्सक, इन्द्रमान सिंह बुन्देला प्रतिनिधि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एवं अन्य अधिकारी व स्टाफ की उपस्थिति में बाघ शावक का दाह संस्कार किया गया।
पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक डॉ. उत्तम कुमार शर्मा के अनुसार प्रारंभिक रूप से बाघ की मृत्यु का कारण प्राकृतिक होना प्रतीत होता है। नर बाघ की आयु अधिक होने से शायद बीमारियों के चलते उसकी मौत हुई है। बाघ के पोस्टमार्टम में भी किसी तरह की चोट नहीं पाई गई। किन्तु वायरोलॉजी एवं टैक्सिकोलॉजी हेतु सैम्पल भेजे जा रहे हैं। सैम्पल की जांच रिपोर्ट पश्चात और स्थिति स्पष्ट होगी।

DNA रिपोर्ट अटकने से ठण्डे बस्ते में गया कंकाल मामला

बताते चलें कि कुछ माह पूर्व बाँधीकला ग्राम के नजदीक मिले बाघ के कंकाल मामले से अब तक पर्दा नहीं उठ पाया है। क्षेत्र संचालक डॉ. उत्तम कुमार शर्मा उक्त कंकाल को सीधे तौर पर बाघ का कंकाल घोषित किए जाने संबंधी मीडिया रिपोर्ट्स को लेकर अपनी कड़ी आपत्ति जताते रहे हैं। हालांकि उन्होंने इस मामले की आंशिक सच्चाई को स्वीकार करते हुए माना था कि, उक्त कंकाल बिग कैट प्रजाति का है। कंकाल की डीएनए रिपोर्ट आने पर उसकी पहचान स्पष्ट होने और मामले की जांच तथा डीएनए रिपोर्ट से मौत का खुलासा होने की बात कही गई थी। लेकिन कई महीनों तक डीएनए रिपोर्ट लैब में ही अटकी रही। नतीजतन कथित तौर पर बाघ का कंकाल मिलने का मामला सरकारी फाइलों में दफ़न होकर रह गया। अब देखना यह है, बाघ पी-111 के सैम्पल की जांच रिपोर्ट लैब से कब आती है।