* संयुक्त मोर्चा के आव्हान पर प्रथम चरण में ब्लॉक स्तर पर सौंपे ज्ञापन
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव लगभग डेढ़ वर्ष बाद होने जिसे दृष्टिगत रखते हुए विभिन्न कर्मचारी संगठन अपनी मांगों के निराकरण को लेकर आवशयक दवाब बनाने की रणनीति के तहत अभी से हुंकार भरने लगे हैं। प्रदेश भर में महिला एवं बाल विकास विभाग के सीडीपीओ-पर्यवेक्षक से लेकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका अपनी मांगों को लेकर जहां हड़ताल पर हैं, वहीं अब अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा व NMOPS ने प्रांतीय निर्णय के अनुसार कर्मचारियों की सबसे महत्वपूर्ण एक सूत्रीय मॉग पुरानी पेंशन बहाली को लेकर त्रिस्तरीय चरणबद्ध आंदोलन का आगाज कर दिया है।
आंदोलन के प्रथम 23 मार्च को चरण में ब्लॉक स्तर पर ज्ञापन सौंपे गए। उधर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने भी अंगड़ाई ली है। प्रदेश के 24 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने प्रांतीय आव्हान पर गुरुवार 24 मार्च को मुख्यमंत्री के नाम सभी जिलों में ज्ञापन सौंपकर 5 जून 2018 की नीति अनुसार नियमित कर्मचारियों के वेतनमान का 90 प्रतिशत वेतन तत्काल प्रभाव से स्वीकृत कर आदेश जारी करने की मांग की गई।
कुल मिलाकर विधानसभा चुनाव तक अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए अनुकूल माहौल बनाने के उद्देश्य से विभिन्न कर्मचारी संगठन निरंतर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन की राह पकड़ रहे हैं। जिससे एक बात तय है कि, आने वाले कुछ महीनों पर कर्मचारी संगठनों के आंदोलन तेज होने से प्रदेश सरकार की टेंशन बढ़ने वाली है। इसमें भी तमाम मांगों के बीच पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे की गूँज सबसे तेज़ रहने के आसार हैं। दरअसल, इस मांग को लेकर देश के अन्य राज्यों से मिल रहीं सकरात्मक ख़बरों से मध्यप्रदेश के अधिकारी-कर्मचारी पूरे जोश में हैं। साथ ही इस एक सूत्रीय मांग को लेकर कर्मचारी संगठन गजब की एकजुटता दिखा रहे हैं।