* पन्ना में पत्रकार के साथ अभद्रता मामले पर चरणबद्ध आंदोलन जारी
* जिला जनसम्पर्क कार्यालय प्रभारी की भूमिका को लेकर भी जबरदस्त आक्रोश व्याप्त
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) सरेआम वर्दी का रौब दिखाकर आंचलिक पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार करने वाले पुलिस उप निरीक्षक भानु प्रताप सिंह के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध न होने से पन्ना जिले के पत्रकारों के साथ आमजन में भी रोष व्याप्त है। बदमिजाज़ उप निरीक्षक के खिलाफ नियमानुसार क़ानूनी कार्यवाही की जायज़ मांग को लेकर जिले के पत्रकार सप्ताह भर से चरणबद्ध आंदोलन कर रहे है। इसी क्रम में शुक्रवार 25 अक्टूबर को समस्त पत्रकार अपनी गिरफ़्तारी देकर पुलिस और प्रसाशन के हठधर्मी रवैये के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज करवाएंगे। जिले के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार होगा जब व्यवस्था के अन्यायपूर्ण रवैये से क्षुब्ध कलमकार (पत्रकार) सांकेतिक जेल भरो आंदोलन के तहत अपनी गिरफ्तरी देंगे।
पत्रकार शिवकिशोर पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया कि, शुक्रवार 25 अक्टूबर को जिले भर के पत्रकार साथी दोपहर 1 बजे श्री जुगुल किशोर जी मंदिर के बाहर एकत्र होंगें। इसके पश्चात दोपहर 2 बजे पैदल मार्च करते हुए कोतवाली थाना पहुंचकर सभी पत्रकार साथी अपनी गिरफ़्तारी देंगे। विदित हो कि, कुछ दिन पूर्व एसआई एवं बृजपुर थाना प्रभारी भानु प्रताप सिंह ने टिकरिया ग्राम में स्थानीय पत्रकार सतीश विश्वकर्मा के साथ सरेआम मारपीट, गाली-गलौंज और अभद्रता करते हुए मोबाइल फोन जबरन छुड़ा लिया था। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम उस समय हुआ जब टिकरिया ग्राम के एक दुकानदार को कथित तौर पर एसआई और एक पुलिसकर्मी के द्वारा नियम-प्रक्रिया का पालन न करते हुए गिरफ्तार कर अपने साथ ले जाने रहे थे। मौके पर भीड़ जुटने पर दुकानदार को ले जा रही पुलिस के नकली होने की अफवाह फ़ैल गई।
स्थानीय पत्रकार सतीश विश्वकर्मा ने वहां पहुंचकर पुलिसकर्मियों से उनका परिचय और दुकानदार को गिरफ्तार करने का सबब पूंछा। लेकिन एसआई भानु प्रताप ने स्पष्टता के साथ संतोषजनक उत्तर न देकर पत्रकार से बाहर जाने के लिए कहा गया। बिना किसी देरी के सतीश बाहर निकलकर पुलिस की कार्यवाही का वीडियो बनाने लगे तो यह देखकर एसआई भानु प्रताप अचानक भड़क उठे। उन्होंने सरेआम वर्दी का रौब दिखाते हुए ‘पुलिसवाला गुंडा’ की तरह पत्रकार के साथ मारपीट, गाली-गलौज कर मोबाइल फोन छुड़ा लिया। पत्रकार के साथ अभद्रता करने में एक पुलिसकर्मी भी शामिल था।
लोकतंत्र के अघोषित चौथे स्तंभ के साथ अपराधियों जैसा सुलूक करने के बेहद अफ़सोसनाक घटनाक्रम का सर्वाधिक विचलित और चिंतित करने वाला पहलू यह है कि, निरपराध पत्रकार को सरेआम बेइज्जत करने के बाद एसआई ने उल्टा उसी पर शासकीय कार्य में बाधा डालने सहित अन्य आरोप लगाकर शाहनगर थाना में आनन-फानन में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करवा दिया। लेकिन पुलिस ने वास्तविक पीड़ित पत्रकार की शिकायत पर अब तक एसआई व पुलिसकर्मी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया। घटना का वीडियो वायरल होने से लेकर सच्चाई सामने आने के बाद भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की ओर से एसआई के खिलाफ प्रथम दृष्टया सख्त एक्शन भी नहीं लिया गया। जिससे यह मामला लगातार तूल पकड़ रहा है।
अपने साथी को न्याय दिलाने के लिए पन्ना जिले के पत्रकार सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर है। बता दें कि, एसआई भानु प्रताप सिंह पत्रकारों के साथ पूर्व में पन्ना जिला चिकित्सालय में एक मामले का कवरेज करने के दौरान अभद्रता कर चुके हैं। पत्रकार सतीश विश्वकर्मा प्रकरण में जिले के पत्रकारों में जनसम्पर्क कार्यालय पन्ना प्रभारी देवेन्द्र सिंह की भूमिका को लेकर भी जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। जनसम्पर्क कार्यालय प्रभारी पन्ना में अपनी पदस्थापना के बाद से ही अंग्रेजों की नीति पर चलते हुए पत्रकारों के बीच फूट डालने और प्रशासन को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।