* केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट में असहयोग तथा खजाना खोजने वालों के कोर क्षेत्र में अवैध प्रवेश मामले पर राज्य सरकार ने लिया एक्शन
* पीटीआर की नई क्षेत्र संचालक अंजना सुचिता और उप संचालक होंगे मोहित सूद
शादिक खान,पन्ना।(www.radarnews.in) राज्य सरकार ने लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से ठीक पहले गुरुवार 7 मार्च को भारतीय वन सेवा के पांच अधिकारियों को प्रशासकीय आधार पर स्थानांतरित करते हुए नवीन पदस्थापना आदेश जारी किए है। वन विभाग के सचिव अतुल कुमार मिश्रा के हस्ताक्षर से देर शाम जारी स्थानांतरण आदेश अनुसार, पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक बृजेन्द्र झा (IFS-2003 बैच) व संयुक्त संचालक रिपुदमन सिंह (IFS-2010 बैच) को हटाकर तत्काल प्रभाव से भोपाल अटैच किया गया। इस फेरबदल को पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन के दोनों शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ डॉ. मोहन यादव सरकार के सख़्त एक्शन के तौर पर देखा जा रहा है। विभागीय चर्चाओं की मानें तो, जनवरी माह में पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में गड़ा धन (खजाना खोजने) के लिए मेटल डिटेक्टर लेकर आधा दर्जन लोगों के वाहन समेत अवैध प्रवेश करने के मामले में पार्क के दोनों शीर्ष अधिकारियों पर एक साथ स्थानांतरण की गाज गिरी है। पन्ना टाइगर रिजर्व के एफडी और जेडी के स्थानांतरण को लेकर एक चर्चा यह भी है कि केन-बेतवा लिंक परियोजना में आपेक्षित सहयोग न करने पर दोनों अफसरों को हटाया गया है। बहरहाल कारण चाहे जो भी हो पर दोनों सीनियर आईएफएस अफसरों को फील्ड की पोस्टिंग से एक साथ हटाकर राज्य सरकार ने लापरवाह अफसरों को कड़ा संदेश दिया है।
राज्य शासन द्वारा जारी भारतीय वन सेवा अधिकारियों के स्थानांतरण आदेश अनुसार, पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक, बृजेन्द्र झा की नवीन पदस्थापना मुख्य वन संरक्षक, मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम भोपाल में की गई है। श्री झा की सेवायें प्रतिनियुक्ति पर सौंपी गई है। पन्ना टाइगर रिजर्व के संयुक्त संचालक रिपुदमन सिंह को प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख कार्यालय भोपाल में वन संरक्षक के पद पर पदस्थ किया है। इन अधिकारियों के स्थान पर शासन ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय भोपाल में पदस्थ वन संरक्षक श्रीमती अंजना सुचिता तिर्की (IFS-2010 बैच) को पन्ना टाइगर रिजर्व में क्षेत्र संचालक और मोहित सूद (IFS-2017बैच) डीएफओ सामान्य वन मंडल उमरिया की नवीन पदस्थापना उप संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व के पद पर की गई है।
उल्लेखनीय है कि, पीटीआर के वर्तमान क्षेत्र संचालक (एफडी) बृजेन्द्र झा व संयुक्त संचालक संचालक (जेडी) रिपुदमन सिंह की उदासीनतापूर्ण कार्यशैली को लेकर पार्क के मैदानी अमले में भी आंतरिक तौर पर तीव्र असंतोष और गहरी नाराजगी व्याप्त है। कथित तौर पर दोनों शीर्ष अधिकारियों के बीच सामंजस्य का घोर आभाव होने के कारण पन्ना पार्क की सुरक्षा में तैनात मैदानी अमले को मानदेय तथा वेतन सहित विभागीय कार्यों के देयकों का समय पर भुगतान सुनिश्चित नहीं हो पा रहा है। सामान्य विभागीय कार्य भी दोनों अफसरों की खींचतान के कारण बाधित है। इसका खामियाजा मैदानी वन अमले को भुगतना पड़ रहा है। जिसका प्रत्यक्ष-परोक्ष दुष्प्रभाव वन्य जीवों और वनों की सुरक्षा पर पड़ रहा है। गुरूवार की देर शाम दोनों अफसरों को पन्ना से भोपाल स्थानांतरित किये जाने की खबर आने के बाद से ही पन्ना टाइगर रिजर्व के मैदानी अमले में ख़ुशी का माहौल देखा जा रहा है।
कोर एरिया में ईको कैंप संचालन पर किया गुमराह
पन्ना टाइगर रिजर्व से जुड़े एक विश्वसनीय सूत्र ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि, एफडी बृजेन्द्र झा और जेडी रिपुदमन सिंह के बीच आपसी सामंजस्य न होने के कारण विभागीय कार्यों के प्रभावित होने, पार्क की निगरानी एवं सुरक्षा व्यवस्था कमजोर पड़ने से भोपाल में बैठे विभाग के शीर्ष अधिकारी काफी समय से चिंतित थे। इस बीच जनवरी महीने में पार्क के कोर एरिया अंतर्गत मड़ला रेंज की बलैया बीट में खजाना खोजने के लिए मेटल डिटेक्टर लेकर कार से छह लोगों के घुसने का मामला सामने आने पर हर कोई हैरान रह गया। शिकार की बढ़ती घटनाओं के बीच कोर एरिया में दफ़ीनाखोरों के वाहन लेकर काफी अंदर तक घुसने की घटना ने पार्क की सुरक्षा व्यवस्था की बेहद लचर स्थिति को उजागर कर दिया था। खजाना खोजने वाले आरोपियों से बीटगार्ड की सांठ-गांठ के खुलासे ने पन्ना पार्क की अत्यंत ही चिंताजनक स्थिति की ओर जिम्मेदारों का ध्यान आकृष्ट कराने का काम किया। वहीं पन्ना पार्क के कोर एरिया में हिनौता स्थित प्रवेश द्वारा के बगल में अवैधानिक रूप से संचालित ईको कैंप में पर्यटन गतिविधियां को बंद करने के मामले भी कथित तौर एफडी और जेडी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह करते रहे हैं। इसके आलावा केंद्र सरकार की प्राथमिकता वाली केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए चल रहे भूमि अधिग्रहण सहित अन्य कार्यों में पन्ना जिला प्रशासन को पार्क के दोनों अधिकारियों का आपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा था। इन सभी मामलों को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर बृजेन्द्र झा और ज्वाइंट डायरेक्टर रिपुदमन सिंह को स्थानांतरित कर भोपाल अटैच कर दिया है।