MP : रिश्वत लेने के मामले में लिपिक व जनपद सदस्य को कठोर कारावास की सजा

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फाइल फोटो।

*    विशेष न्यायाधीश पन्ना ने सुनाया फैसला, अभियुक्तों पर जुर्माना भी लगाया

पन्ना। (www.radarnews.in) विशेष न्यायाधीश पन्ना इंद्रजीत रघुवंशी ने सेवानिवृत्त सहायक विकास विस्तार अधिकारी दंगली प्रसाद कौल का अंतिम वेतन प्रमाण पत्र तैयार करके देने के एवज में रिश्वत लेने के मामले में फैसला सुनाया है। विद्वान न्यायाधीश ने लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज प्रकरण में आरोपी लिपिक सुधीर कुमार श्रीवास्तव, सहायक ग्रेड- 3 जनपद पंचायत अजयगढ़ एवं रामकिशुन सेन जनपद सदस्य, जनपद पंचायत अजयगढ़ जिला पन्ना को दोषसिद्ध मानते हुये दोनों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम अंतर्गत क्रमशः पांच वर्ष तथा चार वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय द्वारा दोनों अभियुक्तों को अर्थदण्ड (जुर्माना) से भी दण्डित किया गया है।
फाइल फोटो।
सहायक लोक अभियोजन अधिकारी ऋषिकांत द्विवेदी ने अभियोजन के मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, दिनांक 13 नवम्बर 2017 को फरियादी दंगली प्रसाद कौल ने लोकायुक्त कार्यालय सागर में उपस्थित होकर लिखित शिकायत आवेदन प्रस्तुत किया था। जिसमें बताया था कि, वह सहायक विकास विस्तार अधिकारी, जनपद पंचायत अजयगढ जिला पन्ना से दिनांक 31 मार्च 2016 को सेवानिवृत्त हुआ है। फरियादी का पुनरीक्षित पेंशन परिलाभों के अंतर्गत भुगतान बाबत् कार्यालय जिला पेंशन अधिकारी पन्ना द्वारा जिला कोषालय कटनी को 1,14,246/- रुपये (एक लाख चौदह हजार दो सौ छियालीस रूपये) के भुगतान हेतु भेजा गया है। जिला कोषालय कटनी द्वारा राशि भुगतान हेतु जनपद पंचायत अजयगढ़ से अंतिम वेतन प्रमाण पत्र दिनांक 31 मार्च 2016 की मांग की गई है। फरियादी दंगली प्रसाद कौल ने अंतिम वेतन प्रमाण पत्र के लिये सुधीर कुमार श्रीवास्तव, सहायक ग्रेड- 3 जनपद पंचायत अजयगढ़ से मिला और अपना अंतिम वेतन प्रमाण पत्र देने के संबंध में बात की गई। जिस पर लिपिक सुधीर कुमार श्रीवास्तव द्वारा अंतिम वेतन प्रमाण पत्र तैयार करके देने के एवज में 20000/- रूपये (बीस हजार रूपये) की मांग कर रहे हैं।
लिखित शिकायत आवेदन पत्र प्राप्त होने पर लोकायुक्त पुलिस सागर द्वारा विधिवत तस्दीक की प्रक्रियांतर्गत फरियादी को रिश्वत की वार्तालाप टेप करने हेतु दिनांक 13 नवम्बर 2017 को ही एक वाइस रिकार्डर दिया गया। फरियादी श्री कौल ने दिनांक 14 नवम्बर 2017 को अनावेदक से संपर्क कर रिश्वत मांग संबंधी बातचीत को रिकार्ड किया गया। मांग वार्ता के दौरान आरोपी लिपिक फरियादी से रिश्वत लेने हेतु सहमत हुआ एवं फरियादी को 10-20 हजार रूपये लेकर बुलाया। शिकायत की तस्दीक के बाद विधिवत प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्रवाई हेतु ट्रैप दल का गठन किया। उक्त दल ने लिपिक सुधीर कुमार श्रीवास्तव सहायक ग्रेड-3 जनपद पंचायत अजयगढ़ एवं रामकिशुन सेन जनपद सदस्य जनपद पंचायत अजयगढ़ जिला पन्ना को फरियादी से 5000/- रूपये (पांच हजार रूपये) की रिश्वत राशि प्राप्त करते हुए पकड़ा गया और इनके कब्जे से रिश्वत राशि बरामद की गई थी। लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में आरोपीगणों के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7, 12, 13(1)डी, 13(2) पी.सी. एक्ट धारा 120 बी भादवि के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया था। प्रकरण की सम्पूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्तगण के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
विशेष न्यायालय पन्ना में शासन की ओर से पैरवी करते हुए संदीप कुमार पाण्डेय जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा दौरान विचारण अभियोजन के साक्ष्य को क्रमबद्ध तरीके से लिपिबद्ध कराकर न्यायालय के समक्ष आरोपीगण के विरूद्ध आरोप को संदेह से परे प्रमाणित किया। साथ ही आरोपीगण का कृत्य गंभीरतम होने के कारण उन्हें कठोर सजा दिये जाने का अनुरोध किया। अभिलेख पर आई साक्ष्य और अभियोजन के तर्को एवं न्यायिक दृष्टांतो से संतुष्ट होते हुए विशेष न्यायाधीश इंद्रजीत रघुवंशी ने निर्णय पारित कर आरोपीगण सुधीर कुमार श्रीवास्तव को क्रमशः धारा- 7, 13(1)डी सहपठित धारा- 13(2) भ्रष्टचार निवारण अधिनियम के आरोप में क्रमशः 4 वर्ष, 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 4000/-रूपये, 5000/-रूपये के अर्थदण्ड तथा रामकिशुन सेन को धारा 12 भ्रष्टचार निवारण अधिनियम के आरोप में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 4000/- रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।