
* अवकाश का समायोजन कर वेतन जारी करने के एवज में मांगी थी रिश्वत
* भृत्य का आरोप, तहसील कार्यालय अमानगंज में घूस दिए बगैर नहीं होता कोई काम
पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में सरकारी कार्यालयों में ‘दाम कराए काम’ की नीति अघोषित तौर पर लागू होने के कारण यहां आए दिन लोकायुक्त की ट्रैप कार्रवाई के मामले सामने आ रहे हैं। जिले में इस वर्ष अब तक कई अधिकारी-कर्मचारियों के रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद भी सरकारी अमला सुधरने को तैयार नहीं है। यहां रिश्वत की डिमांड से सिर्फ आम आदमी ही नहीं बल्कि छोटे कर्मचारी भी काफी परेशान हैं। अपने जायज काम करवाने के लिए कर्मचारियों को भी घूस (रिश्वत) देनी पड़ रही है। ऐसा ही एक मामला जिले की अमानगंज तहसील कार्यालय में सामने आया है। जहां गुरुवार 24 जुलाई 2025 को लोकायुक्त की टीम ने भृत्य से दो हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए लिपिक इकबाल खान को रंगे हाथ पकड़ा है। रिश्वत की डिमांड लंबित वेतन और जीपीएफ की राशि निकालने के एवज में की गई थी।

पुलिस अधीक्षक कार्यालय लोकयुक्त सागर के निरीक्षक एवं ट्रैप दल प्रभारी कमल सिंह उइके ने जानकारी देते हुए बताया कि अमानगंज तहसील में नाजिर के पद पर तैनात लिपिक इकबाल खान अपने ही कार्यालय के भृत्य सुदामा प्रसाद दुबे के चिकित्सीय अवकाश को अर्जित अवकाश में समायोजित कर वेतन बनाने एवं जीपीएफ की राशि निकालने के एवज 5,000 (पांच हजार रुपए) मांग रहा था। लेकिन सुदामा अपनी मेहनत की कमाई का कुछ हिस्सा रिश्वत में देने के सख्त खिलाफ थे। रिश्वत की डिमांड के चलते वेतन अटकने से परेशान भृत्य ने लिपिक को सबक सिखाने पुलिस अधीक्षक लोकयुक्त सागर के कार्यालय में संपर्क किया। भृत्य द्वारा दिए गए शिकायती आवेदन पत्र की तस्दीक होने पर भ्रष्ट लिपिक को ट्रैप करने दल गठित किया गया।

