* उत्तर वन मण्डल की पन्ना रेन्ज अंतर्गत बहेरा बीट की घटना
* डीएफओ ने प्रथम दृष्टया आपसी संघर्ष में मौत होने की संभावना जताई
* कथित आपसी संघर्ष में शामिल रहे दूसरे वन्यजीव का नहीं लग सका सुराग
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) टाइगर और लैपर्ड स्टेट मध्य प्रदेश के पन्ना जिले से नए साल के दूसरे दिन वन्यजीव प्रेमियों को दुखी करने वाली खबर आई है। यहां के उत्तर वन मण्डल (सामान्य वन मण्डल) की पन्ना रेन्ज अंतर्गत बहेरा बीट के आबादी क्षेत्र के नजदीक नर तेंदुए का शव संदिग्ध अवस्था में मिला है। जिले में वन्य प्राणियों के शिकार की हालिया घटनाओं के बीच आज सुबह-सुबह तेंदुए का शव मिलने की खबर आने के बाद से उत्तर वन मण्डल में हड़कंप मचा है। मैदानी वन अमले समेत डीएफओ गर्वित गंगवार ने आनन-फानन मौके पर पहुंचकर घटना स्थल का मुआयना किया। डॉग स्कवॉड से आसपास के इलाके की सघन सर्चिंग करवाई गई। समाचार लिखे जाने तक उत्तर वन मण्डल के अधिकारी-कर्मचारियों की मौजूदगी में वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता के द्वारा मृत तेंदुए का पोस्टमार्टम किया जा रहा था।
उत्तर वन मण्डल पन्ना के वन मंडलाधिकारी गर्वित गंगवार ने रडार न्यूज़ को जानकारी देते हुए बताया कि, आज सुबह बहेरा की कुछ महिलायें शौंच के लिए गांव से सटे जंगल में गई थीं। इस दौरान वहां मृत अवस्था में पड़े तेंदुए को देखकर महिलाएं काफी डर गईं। वापस घर लौटकर महिलाओं ने परिजनों को तेंदुए के शव के संबंध बताया। जिसके बाद ग्रामीणों द्वारा संबंधित बीट गार्ड और रेंजर को घटना की सूचना दी गई। डीएफओ गंगवार ने बताया, घटनास्थल की गहन जांच की गई और डॉग स्क्वॉड से भी सर्चिंग करवाने पर किसी तरह की कोई संदिग्ध गतिविधि के संकेत अथवा साक्ष्य नहीं मिले है।
तेंदुए के शव का अवलोकन करने पर उसके सभी अंग पूर्णतः सुरक्षित पाए गए। हालांकि उसके चेहरे और गर्दन पर गहरी खरोंच के निशान होने से प्रांरम्भिक जांच के आधार पर प्रथम दृष्टया तेंदुए की मौत आपसी संघर्ष में होना प्रतीत होता है। उत्तर वन मण्डल डीएफओ के अनुसार संभवतः किसी बाघ अथवा दूसरे तेंदुए से संघर्ष में नर तेंदुए की मौत हुई है, फिर भी इस घटना के सभी पहलुओं की बारीकी से जांच कराई जा रही है। मृत तेंदुए के बिसरा आदि अवयव को जांच हेतु अलग-अलग प्रयोगशालों में भेजा जा रहा है। मृत मिले नर तेंदुए की उम्र लगभग 5 वर्ष होने का अनुमान है।
किस हाल में है दूसरा वन्यजीव ?
विदित हो कि, समाचार लिखे जाने तक तेंदुए के साथ कथित आपसी संघर्ष में शामिल रहे दूसरे वन्यजीव का कोई सुराग नहीं लगा सका। जाहिर है जिस संघर्ष में जंगल के युवराज (तेंदुए) की जान चली गई वह निश्चित ही अत्यंत भीषण रहा होगा, ऐसे में विजेता रहे अज्ञात वन्य जीव को भी निश्चित ही कुछ चोटें तो आई होंगी। इस संभावना के मद्देनजर वन अमले को उस अज्ञात वन्यजीव की खोज-खबर लेने की जरुरत है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह किस हालत में है, उसे उपचार आदि की जरुरत है या फिर नहीं है। डीएफओ गर्वित गंगवार ने भी आपसी संघर्ष में दूसरे वन्यप्राणी के घायल होने की संभावना जताई है। उन्होंने बताया कि दूसरे वन्यजीव की तलाश जारी है, उसके मिलने पर मिलने पर आवश्यकतानुसार उसका उपचार कराया जाएगा।
शिकारियों के फंदे में फंसा मिला था तेंदुआ
बता दें कि सप्ताह भर पूर्व पन्ना जिले के ही दक्षिण वन मण्डल की शाहनगर रेन्ज अंतर्गत अज्ञात शिकारियों के द्वारा शिकार के लिए लगाए गए फंदे में एक तेंदुआ फंसा हुआ मिला था। समय रहते इस घटना की जानकारी मिलने पर तेंदुए की जान बच गई थी। इसी अवधि में पन्ना के धाम मोहल्ला स्थित एक घर पर वन विभाग की टीम ने छापा मारकर अज्ञात वन्यजीव का मांस जब्त किया था। उक्त घर से वन अमले ने दो एयर गन भी बरामद की थी। जिनका उपयोग बेजुबान वन्यजीवों का शिकार करने के लिए किया जाता था।