* दलालों को जूते मारने और भ्रष्ट तहसीलदार मुर्दाबाद के लगाए नारे
* अधिवक्ता संघ अजयगढ़ ने पन्ना कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन
पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में विकासखण्ड मुख्यालय अजयगढ़ में स्थित राजस्व न्यायालय निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी तरीके से काम नहीं कर रहे है। इनमें विचाराधीन प्रकरणों की गोपनीयता को भी जानबूझकर भंग किया जा रहा है। अराजकता का आलम यह है कि अजयगढ़ के तीनों राजस्व न्यायालयों में सक्रिय दलाल बाकायदा लिपिकों के बगल में बैठकर नोटशीट लिखने, कार्यवाही विवरण दर्ज करने सहित सभी तरह के न्यायालीन-कार्यालयीन कार्य कर रहे है। अनाधिकृत व्यक्तियों की इस हद तक दखलंदाज़ी के परिणामस्वरूप क्षेत्र के आम लोगों को सस्ता-सुलभ न्याय मिलना मुश्किल हो रहा है। यह गंभीर आरोप अजयगढ़ के अधिवक्ता संघ ने लगाए है। स्थानीय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के कार्यालय-न्यायालय में दलालों के दखल पर अधिवक्ताओं ने सामूहिक रूप से कड़ी आपत्ती दर्ज कराते हुए गुरुवार 26 सितम्बर से इन तीनों ही न्यायालयों का अनिश्चितकाल तक के लिए बहिष्कार कर दिया है। इस सम्बंध पन्ना कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपते हुए अधिवक्ता संघ ने ऐलान किया है कि व्यवस्था में सुधार होने तक अजयगढ़ के तीनों राजस्व न्यायालयों का बहिष्कार जारी रहेगा।
समय रहते नहीं की कार्यवाही
गौरतलब हो कि अधिवक्ता संघ अजयगढ़ ने एसडीम एस.के. गुप्ता को 19 सितम्बर को एक ज्ञापन सौंपा था। जिसमें यह माँग की गई थी कि स्थानीय राजस्व न्यायालयों में रीडरों के बगल से प्रायवेट व्यक्ति बैठकर न्यायालीन कार्यवाही में सीधे तौर पर दखल दे रहे है। इन कथित दलालों के द्वारा बाकायदा न्यायालय की आर्डरशीट, नोटशीट लेखन सहित अन्य कार्य किए जा रहे है। अनाधिकृत व्यक्तियों के हस्तक्षेप को रोकने के लिए अधिवक्ता संघ ने राजस्व न्यायालयों से उन्हें तत्काल हटाए जाने की मांग की गई। वकीलों के बैठने के लिए उचित व्यवस्था बनाने इसके अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश गर्ग के विरुद्ध पटवारी नलिनी रैकवार द्वारा की गई झूठी शिकायत को वापिस लेने की मांग शामिल थी।
एसडीएम अजयगढ़ द्वारा समय रहते ज्ञापन के बिंदुओं पर कार्यवाही नहीं की गई। जबकि अधिवक्ता संघ अजयगढ़ ने मांगें पूरी न होने की सूरत में स्थानीय राजस्व न्यायालयों के बहिष्कार की चेतावनी दी थी। जिम्मेदारों की ओर इस गतिरोध को रोकने के लिए समय रहते कोई ठोस पहल नहीं की गई। इस उदासीनता बरतने का नतीजा अधिवक्ताओं द्वारा अजयगढ़ के राजस्व न्यायालयों का बहिष्कार करने के रूप में सामने आया है। जिसका खामियाजा अब निर्दोष पक्षकारों को भुगतना पड़ेगा।
जमकर की गई नारेबाजी
दो दिन पूर्व कलेक्टर पन्ना के नाम पर अधिवक्ता संघ अजयगढ़ की ओर से एसडीम एस. के. गुप्ता को एक ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें उल्लेख किया गया है कि अधिवक्ताओं ने स्थानीय राजस्व न्यायालयों- एसडीएम अजयगढ़, तहसीलदार और नायब तहसीलदार के कोर्ट के कार्य से स्वयं को अनिश्चितकाल तक के लिए विरत रखने का निर्णय लिया है। पूर्व में दिए गए ज्ञापन का जब तक निराकरण नहीं हो जाता तब तक हमारा बहिष्कार जारी रहेगा। ज्ञापन सौंपने वालों में अधिवक्ता संघ अजयगढ़ के अध्यक्ष रामपाल यादव, उपाध्यक्ष अरुण कुमार शुक्ला, सचिव संजय शर्मा, प्रेम कुमार पांडेय, बाबूराम तिवारी, चतुरेश सेन, राजेश पुष्पक, सतीश खरे, अरविंद कश्यप सहित अन्य अधिवक्ता शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि एसडीम को ज्ञापन सौंपने के दौरान अधिवक्ताओं ने उन्हें जमकर खरी-खोटी सुनाई। साथ ही भ्रष्ट प्रशासन मुर्दाबाद, भ्रष्ट तहसीलदार मुर्दाबाद और राजस्व के दलालों को जूते मारने सरीकी तीखी नारेबाजी की गई। इससे अजयगढ़ के राजस्व न्यायालयों में दलालों के दखल को लेकर अधिवक्ताओं में व्याप्त आक्रोश व असंतोष का सहज अनुमान लगाया जा सकता है। स्थिति इस हद ख़राब हो चुकी है कि राजस्व न्यायालयों की कार्यवाही में दलालों के हस्तक्षेप को रोकने के लिए अधिवक्ताओं को न्यायालयों का बहिष्कार करने के लिए विवश होना पड़ा है।
लेकिन, इतना सबकुछ होने के बाद भी अजयगढ़ के राजस्व कार्यालयों को दलालों के चंगुल से आजाद कराने के लिए जिम्मेदारों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। विचारणीय प्रश्न यह है कि अजयगढ़ के राजस्व न्यायालयों को अनाधिकृत व्यक्ति कथित दलाल यदि चलाएंगे तो जनसामान्य को वहाँ न्याय कैसे मिलेगा। इन दलालों को किसी तरह की वेतन अथवा मानदेय भुगतान का सरकारी प्रावधान तो है नहीं है और बिना किसी आर्थिक लाभ के कोई नियमित रूप से कार्य करेगा नहीं ! इससे साफ़ जाहिर है कि अंदरख़ाने कहीं कुछ बहुत गड़बड़ है।
इनका कहना –
“अधिवक्ताओं ने अजयगढ़ के राजस्व न्यायालयों में बाहरी व्यक्तियों के बैठने पर रोक लगाने, महिला पटवारी द्वारा की गई शिकायत एवं अपनी बैठक व्यवस्था के संबंध में ज्ञापन सौंपा है। आपस मे विचार-विमर्श कर इन समस्याओं का निराकरण कर लिया जाएगा। राजस्व न्यायालयों में मेरे द्वारा देखा गया कोई बाहरी व्यक्ति मुझे बैठा नहीं मिला।”
– एस. के. गुप्ता, एडीएम अजयगढ़।
“अभी मुझे अधिवक्ताओं का ज्ञापन नहीं मिला है, अधिवक्ताओं की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। लोगों को सस्ता व सुलभ न्याय दिलाने के लिए शासन-प्रशासन प्रतिबद्ध है।”