
* एनएमडीसी हीरा खनन परियोजना, बीएसएनएल और एलआईसी के कर्मचारियों ने किया धरना-प्रदर्शन
* हड़ताल के चलते केन्द्र सरकार से संबंधित कार्यालयों में ठप्प रहा कामकाज
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) केन्द्र सरकार की जनविरोधी एवं श्रमिक विरोधी नीतियों खिलाफ देश के विभिन्न श्रम संगठनों के आव्हान पर गुरुवार 26 नवम्बर को आयोजित एक दिवसीय हड़ताल का मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में व्यापक असर देखा गया। हड़ताली कर्मचारियों-अधिकारियों ने केन्द्र सरकार की नीतियों की तीखी आलोचना करते जमकर हल्ला-बोला। राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते एनएमडीसी लिमिटेड की हीरा खनन परियोजना मझगवाँ, भारत संचार निगम लिमिटेड, भारतीय जीवन बीमा निगम समेत केन्द्र सरकार से संबंधित अन्य कार्यालयों में कामकाज लगभग ठप्प रहा। हड़ताल का सबसे ज्यादा असर एनएमडीसी लिमिटेड, हीरा खनन परियोजना, मझगवाँ में देखने को मिला।

परियोजना का प्लांट तो पूर्णतः बंद ही रहा इसके आलावा कार्यालयीन कार्य भी नहीं हो सका। गुरुवार को मझगवां टाउनशिप का नजारा दिनभर मुक़म्मल बंद जैसा रहा। हीरा खनन परियोजना से अनुबंधित यात्री बसों के पहिये 12-13 घण्टे तक थमे रहने से मझगवां क्षेत्र से सटे ग्रामों का सामान्य जनजीवन भी हड़ताल से प्रभावित हुआ। क्योंकि, मझगवां और आसपास के आधा दर्जन ग्रामों से जिला मुख्यालय पन्ना आने-जाने के लिए सार्वजानिक परिवहन के साधन के रूप में सिर्फ एनएमडीसी लिमिटेड से अनुबंधित निःशुल्क बसें ही इस रुट पर चलतीं हैं।
उल्लेखनीय है कि, केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों एवं अखिल भारतीय एनएमडीसी कामगार महासंघ के के एकजुट आव्हान पर हीरा खनन परियोजना मझगवाँ के दोनों प्रमुख श्रमिक संघ एमपीआरएचकेएमएस (समबद्ध इंटक) एवं पीएचकेएमएस (सम्बद्ध बीएमएस) से जुड़े शत-प्रतिशत कर्मचारी हड़ताल में शामिल रहे। परियोजना के टीओ गेट के सामने दोनों श्रमिक संगठनों ने कोरोना की गाइडलाइन्स का पालन करते हुए संयुक्त रूप से अपनी 20 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया। मझगवाँ में गलन भरी सर्दी के बीच सुबह 6 बजे से शुरू हुआ धरना-प्रदर्शन शाम को 6-7 बजे तक चला। इस दौरान हड़ताली कर्मचारियों ने केन्द्र सरकार की नीतियों को श्रमिक विरोधी, कर्मचारी-अधिकारी विरोधी, किसान विरोधी करार देते हुए जमकर नारेबाजी की।
सरकारी कंपनियों की बिक्री बंद करो : समर बहादुर
