कोविड संदिग्ध वार्ड में भर्ती मासूम बच्चे की उपचार के दौरान मौत, जांच के लिए भेजा था सैम्पल लेकिन नहीं आई रिपोर्ट

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अपने जिगर के टुकड़े को हमेशा के लिए खोने के गम में बेसुध होकर विलाप करती हुई माँ। (फाइल फोटो)

* कंटेनमेंट जोन के बफर क्षेत्र अंतर्गत बांधीकला गांव से आया था बच्चा

* कई दिनों से बीमार होने के कारण हो गया था अत्याधिक कमजोर

* बच्चे का पिता कुछ दिन पूर्व छिंदवाड़ा से वापस लौटा था अपने गांव

* जांच रिपोर्ट न आने पर संदिग्ध का शव परिजनों के सुपुर्द करने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं कर पाए सीएमएचओ

* मासूम के अंतिम संस्कार के बाद माता-पिता एवं अन्य परिजनों को पन्ना लाकर किया आइसोलेट

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) जिला चिकित्सालय पन्ना के कोविड संदिग्ध वार्ड में भर्ती रहे एक डेढ़ वर्षीय मासूम बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। मासूम कई दिनों से बीमार होने के कारण अत्याधिक कमजोर हो चुका था। कंटेनमेंट जोन बरबसपुरा के बफर क्षेत्र अंतर्गत आने वाले बांधीकाला गांव के इस बच्चे और उसकी माँ को संदिग्ध मानते हुए दोनों के सैम्पल कोरोना जांच के लिए सागर भेजे गए थे। लेकिन अब तक जांच रिपोर्ट न आने और इस बीच सोमवार की शाम बच्चे की मृत्यु होने की दुखद खबर सोशल मीडिया पर आते ही सुगबुगाहट तेज हो गई । इसकी भनक लगते ही कोरोना संदिग्ध रहे बच्चे के शव को जिला चिकित्सालय प्रबंधन ने शोक संतृप्त परिजनों के सुपुर्द कर एम्बुलेंस से सभी को तुरंत गांव के लिए रवाना कर दिया।
डॉ. एल. के. तिवारी, सीएमएचओ पन्ना।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. एल. के. तिवारी से जब यह पूंछा गया कि कोरोना सैम्पल की जांच रिपोर्ट न आ पाने से पहले ही यदि किसी संदिग्ध मरीज की मृत्यु हो जाती है तो उसके शव को क्या परिजनों को अंतिम संस्कार करने के लिए सौंपा जा सकता है ! या फिर उस शव को सम्मान के साथ सुरक्षित तरीके से रखकर रिपोर्ट आने तक इंतजार किया जाना चाहिए ? इस सम्बंध शासन के दिशा-निर्देश क्या हैं ? डॉ. तिवारी इन सवालों का जबाब न देकर गोलमोल बातें करने लगे।
वहीं जब पन्ना कलेक्टर बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रेस नोट जारी कर वस्तुस्थिति स्पष्ट करेंगे। लेकिन देर रात्रि तक सीएमएचओ की तरफ से कोई बयान नहीं आया। हालाँकि इस प्रकरण को लेकर कई तरह के सवाल उठते देख सोमवार की देर शाम को ही मृत बच्चे का उसके गृह ग्राम बाँधीकला अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान वहां प्रभारी तहसीलदार अमानगंज डॉ. अवंतिका तिवारी, बीएमओ अमानगंज आशीष तिवारी तथा स्वास्थ्य एवं पंचायत विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे। प्रभारी तहसीलदार अमानगंज डॉ. अवंतिका तिवारी ने ‘रडार न्यूज़’ को बताया कि बच्चे के अंतिम संस्कार में शामिल हुए परिजनों एवं माता-पिता समेत 10 लोगों को रात्रि में पन्ना लाकर संस्थागत आइसोलेट किया गया है।

छिंदवाड़ा से लौटा था पिता

मृत बच्चे के शव को कपड़े से ढककर अपनी गोद में लिए एम्बुलेंस में बैठी महिला।
जिला चिकित्सालय पन्ना में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार 6 जून को देवेन्द्रनगर सीएचसी की ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर संध्या ने उन्हें फोन पर बताया कि बांधीकाला गांव में एक बच्चा कई दिनों से बीमार है और कुछ खाता-पीता भी नहीं है। बच्चे की हालत काफी खराब होने और उसे तुरंत बेहतर इलाज की आवश्यकता को देखते हुए इसी दिन शाम को एम्बुलेंस से बीमार बच्चे और उसकी माँ को पन्ना जिला चिकित्सालय लाया गया। एम्बुलेंस में बैठकर बच्चे का पिता भी साथ में आया। बीमार बच्चे के सम्बंध में आवश्यक जानकारी जुटाने के दौरान चिकित्सालय स्टॉफ को पता चला कि उसका पिता प्रवासी श्रमिक है, जो कि 4 जून को ही प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से वापस अपने गांव लौटा था।

आइसोलेशन को लेकर अलग-अलग दावे

फाइल फोटो।
सीएमएचओ डॉ. एल. के तिवारी ने बताया कि 6 जून की शाम तक बच्चे का पिता गांव में ही संस्थागत आइसोलेशन में था। जब उसे यह पता चला की उसके बच्चे को इलाज के लिए पन्ना ले जाया जा रहा है तो वह भी एम्बुलेन्स में बैठकर पन्ना आ गया। इस तरह बच्चे और उसकी माँ से पिता का सम्पर्क यात्रा के दौरान महज आधा घण्टे का ही रहा है। मासूम के कई दिनों से बीमार होने, कंटेनमेंट जोन के बफर क्षेत्र के गांव बांधीकाला से आने तथा प्रवासी पिता से सम्पर्क के मद्देनजर उसे कोविड संदिग्ध वार्ड में भर्ती कर माँ-बेटे के सैम्पल लिए गए थे। प्रभारी तहसीलदार अमानगंज डॉ. अवंतिका तिवारी ने चर्चा के दौरान बताया कि बच्चे का पिता छिंदवाड़ा से लौटने के बाद सिर्फ एक दिन पंचायत भवन में आइसोलेट रहा। अगले दिन 5 जून को वह अपने घर चला गया जहां वह होम आइसोलेशन में था। उल्लेखनीय है कि बाहर से लौटने वाले प्रवासियों को संस्थागत आइसोलेशन में रखना जिले में काफी पहले बंद हो चुका है। वहीं प्रवासी श्रमिक के आइसोलेट होने को लेकर सीएमएचओ और प्रभारी तहसीलदार दावे अलग-अलग हैं।

…शायद इस वजह से हुई मौत

बच्चे का शव लेकर अपने गांव रवाना होने के लिए एम्बुलेंस में सवार होते शोक संतृप्त परिजन।
कोविड संदिग्ध वार्ड में भर्ती रहे बीमार बच्चे का इलाज करने वाले योग्य एवं अनुभवी चिकित्सक डॉ. प्रदीप गुप्ता ने बताया कि सोमवार को उनकी ड्यूटी नहीं थी। शाम के समय जब बच्चे की मृत्यु होने की जानकारी मिली तो मुझे काफी दुःख हुआ। इलाज के चलते उसकी सेहत स्थिर रही उसे ऑक्सीजन में रखा गया था। ऐसा पता चला है कि इस दौरान बच्चे की माँ ने उसे कुछ खिलाया-पिलाया जोकि उसकी श्वांस नली में फंस गया जिससे उसकी अचानक मृत्यु हो गई। सीएमएचओ डॉ. एल. के. तिवारी का कहना है कि बच्चा कई दिनों से काफी बीमार होने की वजह से अत्याधिक कमजोर हो गया था और उसे सर्दी-खांसी भी रही जिससे उसकी मृत्यु हुई है। आपने बताया कि प्रथम दृष्टया बच्चे की मौत सामान्य प्रतीत होती है। बच्चे और उसकी माँ का सैम्पल महज संदेह के आधार पर सतर्कता के लिहाज से लिया गया था। लेकिन उनके पास इस बात का कोई जबाव नहीं है कि सैम्पल की जांच रिपोर्ट न आ पाने की स्थिति में क्या मृतक के शव को परिजनों के सुपुर्द किया जाना चाहिए या नहीं। इस दुखद घटनाक्रम के प्रकाश में आने के बाद से लोगों को मृत बच्चे की जांच रिपोर्ट के नतीजे का इंतजार है।