* सीमेंट प्लांट में हुए हादसे पर ठेका कंपनी के 3 अधिकारियों पर FIR दर्ज, गिरफ्तार कर भेजा जेल
* भीषण हादसे में दर्दनाक मौत मरने वाले गरीब मजदूरों को ‘मोहन राज’ में क्या मिल पाएगा इंसाफ?
* जेके सीमेंट कंपनी के खिलाफ जल्द ही बड़ा आंदोलन करेगी कांग्रेस पार्टी : विधायक बरैया
शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in) जेके सीमेंट प्लांट पन्ना में हुए दिल दहला देने वाले हादसे पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर जो आशंकाएं जताई जा रही थीं, वे अब सच साबित होती दिख रही हैं! हादसे के पांच दिन बाद पुलिस ने निर्माण कार्य करने वाली ठेका कंपनी स्वास्तिक इंफ्रा लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के 3 अधिकारियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया, लेकिन सीमेंट कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का साहस नहीं जुटा सकी। पुलिस को इस हादसे में सीमेंट कंपनी के अधिकारियों की कोई लापरवाही नजर नहीं आई है। पुलिस की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई को लेकर विपक्षी दलों समेत आम जन में व्यापक असंतोष देखा जा रहा है। लोग पूछ रहे हैं इन परिस्थितियों में क्या जेके सीमेंट कंपनी के लापरवाह अफसरों को न्याय के कठघरे में लाया जा सकेगा? हादसे में बेमौत मरने वाले गरीब मजदूरों को क्या इंसाफ मिल पाएगा? इंसानी मौत को मुआवजे तक सीमित करने वाले अफसर क्या मृतकों के परिजनों के आंसुओं और असहनीय दर्द को समझ पाएंगे? शासन-प्रशासन में ऊंचे पदों पर बैठे जिम्मेदारों के अपने अगर इस हादसे का शिकार बने होते तो क्या तब भी इसी तरह की कार्रवाई होती? ऐसे अनेक अनुत्तरित सवाल हैं जोकि आम जन को बेचैन कर रहे हैं।
जिले की अमानगंज तहसील अंतर्गत हरदुआ केन ग्राम में स्थित जेके सीमेंट प्लांट की दूसरी यूनिट प्रोजेक्ट वर्क में निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत की सेटरिंग (शटरिंग) गिरने से 4 मजदूरों की मौत और 19 घायल हो गए थे। 30 जनवरी को हुए इस हादसे पर पुलिस ने सिमरिया थाना में मर्ग कायम कर प्रकरण को जांच में लिया था। मामले की जांच उपरांत पुलिस ने 3 फरवरी को मुंबई की ठेका कंपनी स्वास्तिक इंफ्रा लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट हेड सोनू कुमार पाण्डेय निवासी उड़ीसा, सिविल इंजीनियर ललित कुमार सिंह शिवहरे बिहार और सेफ्टी इंचार्ज शिवम कुमार पाण्डेय निवासी गोपालगंज बिहार के खिलाफ अपराध क्रमांक 45/25 गैर इरादतन हत्या की धारा 105, 125, 125ए बीएनएस के तहत अपराध दर्ज किया है। पुलिस ने तीनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है। लेकिन निर्माण कार्य की निगरानी करने वाले सीमेंट कंपनी के लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस संबंध में पुलिस के अधिकारी मीडिया के सवालों का जवाब देने को भी तैयार नहीं हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पन्ना आरती सिंह से संपर्क करने पर उन्होंने टेक्स्ट मैसेज भेजने के लिए कहा। मैसेज के माध्यम से जब यह बताया गया कि जेके सीमेंट हादसे पर कार्रवाई को लेकर बात करनी है तो मैडम का फोन रिसीव नहीं हुआ।
निगरानी करने वालों पर कब होगी कार्रवाई
जेके सीमेंट प्लांट में दूसरी यूनिट के निर्माण की निगरानी के लिए कई अधिकारियों को तैनात किया गया है। जिनमें प्रोजेक्ट हेड, सिविल इंजीनियर, मैकेनिकल इंजीनियर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर एवं सेफ्टी इंचार्ज शामिल बताए जाते हैं। ठेका कंपनियां इन्हीं अधिकारियों की देखरेख में कार्य कर रही हैं। इनका दायित्व कार्य की गुणवत्ता के साथ सुरक्षा के मानकों की निगरानी करना है। ठेका कंपनियां अगर कार्य की गुणवत्ता या सुरक्षा मानकों की उपेक्षा कर रही थीं तो प्रबंधन को जानकारी देकर तुरंत काम रुकवाना था। लेकिन 30 जनवरी को निर्माणधीन बहुमंजिला इमारत में भीषण हादसा होने पर जो तथ्य सामने आए वह ठेकेदार के साथ निर्माण की निगरानी करने वालों द्वारा बरती गई आपराधिक लापरवाही को उजागर करते हैं।
इमारत की 7वीं मंजिल की छत की ढलाई के समय अत्यधिक ऊंचाई पर मजदूरों के काम करने के दौरान सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित कराने में जिम्मेदारों की ओर से घोर अनदेखी की गई। हादसे के दूसरे दिन जेके सीमेंट प्लांट पहुंची प्रभारी संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा इंदौर की प्रारंभिक जांच में इसका खुलासा हुआ था। लेकिन पुलिस महकमे को जेके सीमेंट कंपनी के जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही अब तक नजर नहीं आई। पुलिस ने ठेका कंपनी के 3 अधिकारियों पर तो अपराध दर्ज कर लिया, मगर जेके सीमेंट के अफसरों को कथित तौर पर जानबूझकर छोड़ दिया। आधी-अधूरी कार्रवाई को लेकर लोग पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े करने के साथ संदेह की नजर से देख रहे हैं।
मृतकों की वास्तविक संख्या का हो खुलासा : बरैया
सर्किट हाउस पन्ना में पत्रकारों से चर्चा करते कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया।
कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने जेके सीमेंट फैक्ट्री पन्ना में हुए भीषण हादसे में मरने वाले मजदूरों व घायलों की वास्तविक संख्या को छिपाने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पन्ना जिला प्रशासन के संरक्षण में सीमेंट प्लांट प्रबंधन ने हादसे की भयावहता को दबा दिया ताकि सच सामने न सके। मृतकों तथा घायलों की संख्या प्रशासन द्वारा बताए गए आंकड़े से कहीं अधिक है। हताहतों की वास्तविक संख्या के खुलासे सहित जेके सीमेंट प्रबंधन के जुल्म के खिलाफ कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर सदन तक क्षेत्रवासियों, मजदूरों की आवाज को बुलंद करेगी। गुरुवार 6 जनवरी को अल्प प्रवास पर पन्ना पहुंचे कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से चर्चा में बताया कि जेके सीमेंट कंपनी में मजदूरों के शोषण, सुरक्षा से समझौते, स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता, जबरन भूमि अधिग्रहण और सड़क हादसों में लगातार हो रहीं मौतों के ज्वलंत मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी जल्द ही जिला स्तर एवं प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन करेगी। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार से हादसे की निष्पक्ष जांच के लिए विधायकों का दल गठित कराया जाएगा। विधायकों की टीम अपनी जांच में हादसे के सच को तथ्यों के साथ उजागर करेगी।
विधायक बरैया ने हादसे पर सीमेंट कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध न होने पर गहरी नाराजगी जाहिर की है। प्रदेश की मोहन यादव सरकार को उद्योगपतियों एवं माफियाओं के हितों का संरक्षण करने वाली सरकार बताते हुए उन्होंने कहा कि इस सरकार को आम जन से कोई सरोकार नहीं है। प्रेस वार्ता के दौरान जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शिवजीत सिंह भइया राजा, राजेश तिवारी एडवोकेट, प्रभारी भूपेन्द्र राहुल, वरिष्ठ नेता सेवालाल पटेल, पुरुषोत्तम जड़िया, वैभव थापक, जीवन लाल, कदीर खान, राज बहादुर पटेल, संजय पटेल, सरदार यादव सहित अन्य कांग्रेस नेता उपस्थित रहे।
18 लाख की सहायता राशि का चेक सौंपा
पन्ना जिले हरदुआ केन ग्राम में स्थित जेके सीमेंट प्लांट। (फाइल फोटो)
जेके सीमेंट कंपनी प्रबंधन द्वारा गत 30 जनवरी को सीमेंट प्लांट की निर्माणाधीन सेटरिंग गिरने से सिमरिया निवासी रोहित खरे की मृत्यु पर परिजनों को 18 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि का चेक सौंपा गया है। कंपनी ने अंत्येष्टि के लिए 50 हजार की सहायता राशि भी पृथक से प्रदान की। गत गुरूवार को अमानगंज तहसील स्थित जेके सीमेंट प्लांट कंपनी में निर्माणाधीन सेटरिंग गिरने से चार मजदूरों की मृत्यु हुई थी एवं 19 मजदूर घायल हो गए थे। घायल मजदूरों को तुरंत इलाज के लिए कटनी एवं एक मजदूर को जबलपुर रेफर किया गया था। कटनी में भर्ती 13 मजदूर क्रमशः चंद्रपाल सिंह 27 वर्ष, प्रेमचंद 30 वर्ष, मिंटू शाह 40 वर्ष, जहरुल 32 वर्ष, मोहम्मद सालम 31 वर्ष, रूपेश कुमार 21 वर्ष, कंछेदी कुशवाहा 29 वर्ष, मोहम्मद इशाक 28 वर्ष, तौकीर 18 वर्ष, रामबृज महतो 45 वर्ष, तहमीर 28 वर्ष, एमडी नूरशिद 29 वर्ष एवं शेख शकूर 40 वर्ष को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। जेके सीमेंट प्लांट में प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में निर्णय अनुसार मृतकों को 18 लाख रुपए की मुआवजा राशि एवं घायलों को एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाना थी। साथ में मृतकों को अंत्येष्टि के लिए 50 हजार की आर्थिक सहायता राशि देने का निर्णय भी लिया गया था।