राष्ट्रीय युवा दिवस पर युवाओं ने लिया व्यसन मुक्त जीवन जीने का संकल्प
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) युवा उत्साह, ऊर्जा और गतिशीलता का झरना है। यह युवा ही हैं जो हमारे देश की विरासत को आगे बढ़ाने वाले हैं। युवा ही देश को विकास और उपलब्धियों की नई ऊंचाईयों को हांसिल करने में मदद करेंगे। लेकिन, अगर यह युवा दिशाहीन हो जाता है तो उस देश का भाग्य अंधेरे में ही होगा। ऐसा राष्ट्र प्रगति नहीं कर सकता है। इसलिए हमारे युवाओं को सही दिशा देना बहुत महत्वपूर्ण है। आज समय की आवश्यकता है कि, युवा शक्ति का सही व रचनात्मक रूप से दिशा-निर्देशन किया जाये ताकि वे समाज और संसार को बेहतर एवं मूल्यनिष्ठ बनाने के योग्य बन सकें। यह विचार ब्रह्माकुमारी सीता बहन जी ने व्यक्त किये। वे राष्ट्रीय युवा दिवस एवं स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहीं थीं।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, पन्ना में बुधवार 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस एवं स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष्य पर “सकारात्मक जीवन शैली” विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित गया। इस कार्यक्रम में डॉ. देवव्रत सिंह, सुनील श्रीवास्तव, मनोज मिश्रा, अजय राय एवं समस्त शिक्षकगण उपस्थित रहे। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, पन्ना की प्रमुख बीके सीता बहनजी ने कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए युवाओं में छिपी असीम संभावनाओं, उनकी मौजूदा चिंताजनक स्थिति और युवा शक्ति को सकारात्मक दिशा में ले जाने की आवश्यकता पर विशेष जोर देते हुए इससे होने बदलाव के संबंध में विस्तारपूर्वक बताया।
बहन जी ने कहा कि, आज हम बाह्य जगत में तो बहुत आगे होते जा रहे हैं परन्तु आंतरिक जगत में बहुत कमजोर हो गये हैं। युवा वर्ग देश के रीढ़ की हड्डी होते हैं। अगर रीढ़ की हड्डी ही रोगी हो जाये तो फिर हमारा शरीर सीधा जुड़ा नहीं रह सकता और ना ही उसका विकास हो सकता है। युवाओं में मूल्यनिष्ठ, दिव्य संस्कार की आज आवश्यकता है। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय सम्पूर्ण विश्व में शांति स्थापित करने का कार्य कर रहा है। आपने युवाओं से आव्हान करते हुए कहा कि, इस शुभ कार्य में हे युवा जागो, उठो फिर से अपने प्यारे भारत को विश्व गुरू के सिंहासन पर आसीन करो।
बहनजी ने आगे समझाते हुये बताया कि, समाज में युवा का स्थान बहुत ही महत्वपूर्ण है। युवा में अनेक प्रकार की योग्यतायें हैं जैसे शारीरिक शक्ति, बौद्धिक क्षमता और रचनात्मक मन। उनमें चुनौतियों का सामना करने की अत्याधिक हिम्मत व साहस, मुश्किलों को पार करने की दृढ़ता, नई-नई खोज करने की तमन्ना और विशेष कार्य करने का उत्साह होता है।
लेकिन बड़े खेद से कहना पड़ता है कि, वास्तविकता कुछ और है। आज युवा अनेक प्रकार के व्यसनों से ग्रसित है। गलत तथा अनैतिक कार्यों में शामिल होकर, वह अपनी शक्तियों का हृास कर रहा है। वह बुरी आदतों तथा सांसारिक प्रलोभनों का शिकार बनता जा रहा है। इन सब का प्रभाव उस पर इस तरह पड़ रहा है जैसे आंधी और तूफान का दीपक पर। इसी कारण युवा जो आशा का दीपक है, वह चिराग बुझता हुआ नजर आ रहा है। समय की आवश्यकता है कि, युवा शक्ति का सही व रचनात्मक रूप से दिशा-निर्देशन किया जाये ताकि वे समाज और संसार को बेहतर एवं मूल्य निष्ठ बनाने के योग्य बन सकें।
बहनजी ने सभी युवाओं को सात्विक जीवन शैली के बारे में समझाया। युवा वह जो चरित्रवान-गुणवान हो, जिसके आचार-विचार ऊंचे वह श्रेष्ठ एवं शक्तिशाली हो। आध्यात्मिक सशक्तिकरण से हमारे अन्दर नैतिक बल जागृत होता है जिससे हम अपना जीवन एक श्रेष्ठ दिशा की ओर ले जा सकते हैं। अनेक कहानियों के माध्यम से युवाओं को उनके जीवन को सम्पूर्णता की ओर ले जाने के लिए मार्गदर्शन किया गया। अंत में कार्यक्रम में उपस्थित सभी युवाओं ने व्यसन मुक्त जीवन जीने का संकल्प लिया। साथ ही उनके द्वारा कार्यक्रम की सराहना की गई।