* फाइलेरिया दिवस पर 27 फरवरी को होगा 15 वां एमडीए कार्यक्रम का शुभारंभ
* कार्यक्रम के आयोजन हेतु जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक संपन्न
* जिले में दवा वितरण-सेवन की निगरानी करेंगे 383 सुपरवाइजर
* 17 हाईरिस्क ग्रामों में जिला स्तरीय अधिकारी करेंगे निरीक्षण
* गर्भवती माताओं, अतिवृद्ध और बीमार व्यक्तियों को नहीं खिलाई जाएगी दवा
पन्ना। रडार न्यूज मध्यप्रदेश का पन्ना जिला फाइलेरिया बीमारी के प्रकोप वाले जिलों में शामिल है। यहाँ साल दर साल नये फाइलेरिया रोगी चिंताजनक रूप से सामने आ रहे है। इसे दृष्टिगत रखते हुए फाइलेरिया उन्नमूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पन्ना जिले में विगत वर्ष की तरह इस वर्ष भी राष्ट्रीय फाइलेरिया दिवस के उपलक्ष्य पर 27 फरवरी 2019 को (15 वां एम.डी.ए.) कार्यक्रम आयोजित किया जाना है। जिसमें दो वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को सामूहिक रूप से फाइलेरिया रोधी दवा (डी.ई.सी एवं एलवेन्डाजोल) का सेवन कराया जायेगा। इसके पश्चात दिनांक 28. फरवरी एवं 01 मार्च 2019 को पन्ना जिले में कार्यक्रम का मॉप अप राउंड आयोजित होगा जिसमें दवा सेवन से छूटे हुये लोगों को पुनः घर-घर जाकर दवा वितरकों द्वारा दवा सेवन कराया जायेगा। इस कार्य हेतु जिले में तीन हजार आठ सौ पैंतालीस दवा वितरक एवं तीन सौ तैरासी सुपरवाइजर की ड्यूटी लगाई गयी है।
जनमानस को करें जागरूक
एम.डी.ए. (मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) कार्यक्रम के सफल आयोजन के उद्देश्य से सोमवार 18 फरवरी 19 को कलेक्टर सभागार पन्ना में कलेक्टर मनोज खत्री की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में सभी विभाग प्रमुख एवं कार्यालय प्रमुख उपस्थित थे। कलेक्टर श्री खत्री ने निर्देशानुसार फाइलेरिया से प्रभावित जिले के सत्रह हाईरिस्क ग्राम-नगर में जिले स्तरीय अधिकारियों द्वारा स्वंय सामूहिक दवा सेवन का निरीक्षण किया जायेगा। इसके अलावा ग्रामों एवं नगरों में संबंधित निकाय द्वारा विशेष रूप से स्वच्छता अभियान संचालित करेंगे जिससे कि गंदे पानी में-नालियों में पनपने वाले क्यूलेक्स मच्छर से होने वाली हाथी पांव एवं हाइड्रोसिल जैसी बीमारियों को नियंत्रित किया जा सके। कलेक्टर मनोज खत्री ने फाइलेरिया रोग के प्रति जान जागरूकता को बढ़ाने के उद्देश्य से सभी विभाग प्रमुखों को अपने कार्यालयों में फाइलेरिया से संबंधित आइ.ई.सी. (प्रचार-प्रसार) सामग्री का प्रदर्शन करने एवं दवा सेवन के लिए कर्मचारियों एवं नागरिकों को प्रेरित करने के निर्देश दिए हैं।
5 से 8 वर्ष तक करना पड़ता है दवा का सेवन
बैठक में कार्यक्रम की जटिलता को स्पष्ट करते हुये मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पन्ना डॉ. एल.के. तिवारी द्वारा मनुष्य और मच्छर के बीच फाइलेरिया के कृमि का संचार रोकने के लिए सामूहिक दवा सेवन (एम.डी.ए.) को आवश्यक बताया गया और स्पष्ट किया गया कि यदि पांच से आठ वर्ष तक सभी लोग फाइलेरिया की दवा का लगातार वर्ष में एकबार सेवन करें तो जिले से अथवा किसी समुदाय से फाइलेरिया बीमारी के नये प्रकरणो को प्रकट होने से रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि गर्भवती माताओं, अतिवृद्ध और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियो को छोड़कर दो वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति को फाइलेरिया रोधी दवा सामूहिक रूप से खिलाई जाएगी। बैठक में जिला मलेरिया अधिकारी हरिमोहन रावत सहित सभी विभाग प्रमुख उपस्थित रहे।