वनों और वन्यजीवों की प्रदेश सरकार को नहीं चिंता- दिग्विजय

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वन कर्मचारियों की हड़ताल से लगातार तेजी से बिगड़ रहे है हालात

पूर्व मुख्यमंत्री ने वन कर्मचारी-अधिकारी संघ की मांगों का किया समर्थन

पन्ना। रडार न्यूज कांग्रेस के राष्ट्रीय महा सचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपनी प्रदेश स्तरीय एकता यात्रा के दौरान विभिन्न विभागों के हड़ताली अधिकारियों-कर्मचारियों से लगातार मिल रहे है। उनकी न्यायोचित मांगों को गंभीरता से लेते हुए श्री सिंह उनका पुरजोर समर्थन कर रहे है। साथ ही यह भरोसा भी दिला रहे है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर कर्मचारी हितैषी लंबित मांगों और उनकी समस्याओं का प्राथमिकता के साथ निराकरण किया जायेगा। यह महज संयोग ही है कि कुछ समय पूर्व तक जिन दिग्विजय सिंह को भाजपा के नेता कर्मचारी विरोधी करार देते हुए कोसते थे आज वही दिग्विजय सिंह हड़ताली कर्मचारियों-अधिकारियों से जुड़े मुद्दों पर प्रदेश की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। ओरछा से प्रारंभ हुई पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की बहुचर्चित एकता यात्रा के पन्ना प्रवास के दौरान शनिवार 2 जून को शाम करीब 6 बजे श्री सिंह यहां जगात चौकी चौराहे के समीप चल रहे वन कर्मचारी-अधिकारी संयुक्त मोर्चा के धरना में शामिल हुए।

35 हजार वनकर्मी हड़ताल में शामिल-

इस दौरान वन कर्मचारी संघ अध्यक्ष महीप कुमार रावत एवं रेंजर एसोसियेशन के अध्यक्ष शिशुपाल अहिरवार के नेतृत्व में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को ज्ञापन सौंपा गया। साथ ही उन्हें जानकारी देते हुए बताया गया कि प्रदेश के समस्त वनरक्षक, वनपाल, उप वनक्षेत्रपाल एवं रेंजर 24 मई 2018 से लगातार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। वन कर्मचारियों-अधिकारियों द्वारा पुलिस एवं राजस्व कर्मचारियों की तरह वेतन भत्ते एवं सुविधाओं की मांग की जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा उक्त मांगों को पूर्ण करने का आश्वासन देने के बावजूद कोई कार्यवाही न करने से नाराज प्रदेशभर के 35 हजार से अधिक वन कर्मचारी-अधिकारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये है।

असंवेदनशील है शिवराज सरकार-

सामूहिक हड़ताल के चलते वन और वन्यप्राणियों की सुरक्षा पर लगातार खतरा बढ़ता जा रहा है। पन्ना, छतरपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में वन्यप्राणियों के शिकार की घटनायें सामने आई है। वहीं मौका पाकर वन माफिया भी तेजी से जंगल की अवैध कटाई करने और वन सम्पदा का विनाश करने में जुट गये है। लगातार बिगड़ते हालात के बावजूद अहंकार में डूबी प्रदेश सरकार वनों और वन जीवों की सुरक्षा की लगातार घोर अनदेखी कर रही है। वन कर्मचारी-अधिकारी संयुक्त मोर्चा की हड़ताल के व्यापक असर और वनों तथा वन्यजीवों पर मंडराते खतरे पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गहरी चिंता जाहिर करते हुए प्रदेश सरकार के रवैये की तीखी अलोचना की है। आपने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार कर्मचारी विरोधी है इसकी असंवेदनशीलता सारी सीमायें लांघ चुकी है। प्रदेश कांगेे्रस समन्वय समिति अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने हड़ताली वन कर्मचारियों-अधिकारियों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों कार्य करने वाले वन कर्मचारी सम्मानजनक वेतन और सुविधायें पाने के हकदार है। उन्होंने हड़ताली कर्मचारियों को आष्वासन देते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर उनकी जायज मांगों का तत्परता से निराकरण किया जायेगा।

ये रहे उपस्थित –

इस अवसर पर बीपी परौहा, मुरारीलाल थापक, ओमप्रकाश शर्मा, नंदा प्रसाद अहिरवार, प्र्रेमनारायण वर्मा, बृजेन्द्र पटेल, राजू द्विवेदी, मेघराज सिंह, रम्मू अहिरवार, चंद्रिका प्रसाद तिवारी, रोशनी बागरी, रंजना नागर, सरिता परस्ते, मयंक शर्मा, अखिलेश मिश्रा, काशी अहिरवार, अयूब खान, अरविंद रैकवार, लाल बाबू तिवारी, अमर सिंह, नवी अहमद, राजकुमार अहिरवार, आरएस नर्गेश, मेघराज सिंह, विजय वर्मन, संजय पटेल सहित बड़ी संख्या में वन कर्मचारी-अधिकारी उपस्थित रहे।

मुण्डन कराकर जताया विरोध-

वन कर्मचारी-अधिकारी संयुक्त मोर्चा की अनिश्चितकालीन हड़ताल के 10वें दिन अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन को तेज करते हुए वन कर्मचारियों द्वारा सामूहिक मुण्डन कराकर प्रदेश सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये के खिलाफ विरोध दर्ज कराया गया। मुण्डन कराने वालों में रमाकांत गर्ग, विनोद मांझी, बीआर भगत, राजेश यादव, रामकृपाल अहिरवार, जियालाल चौधरी, रघुवंश शुक्ला, प्रदीप मिश्रा, भान सिंह, राजेश सिंह, मुन्ना कोंदर शामिल है। हड़ताली कर्मचारियों ने ऐलान किया है यदि शीघ्र ही उनकी मांगों पर निर्णय नहीं लिया गया तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

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