प्राप्त जानकारी के अनुसार अमानगंज के समीप स्थित ग्राम घटारी निवासी रामलखन उर्फ लख्खू कुशवाहा पुत्र रामप्रसाद कुशवाहा 19 वर्ष सागर जिले के गढ़ाकोटा में अपने गांव के चार-पांच अन्य युवकों के साथ मजदूरी करता था। कोरोना संक्रमण के चलते लाॅकडाउन होने पर ये सभी लोग गढ़ाकोटा में ही कई दिनों तक फंसे रहे। किसी तरह वापस घर लौटने के प्रयास के चलते 24 अपै्रल को रामलखन उर्फ लख्खू कुशवाहा अपने साथियों कल्लू साहू, अनिल कुशवाहा, मंजा साहू सभी निवासी ग्राम घटारी एवं सूरज आदिवासी निवासी ग्राम पाठा के साथ अमानगंज पहुंचा था। स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा सभी प्रवासी श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के पश्चात उन्हें अमानगंज के काॅलेज भवन में बने क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिनों का क्वारंटाइन पूरा करने के लिये रखा गया था।
मृतक के पिता ने बताया कि इस बात की जानकारी क्वारंटाइन सेंटर में सफाई करने वाले एक सफाईकर्मी को दी गई थी जिसके बाद उक्त सफाईकर्मी ने कल्लू साहू को डांटा भी था। पिता ने आशंका जताई है कि शायद इसी वजह से उनके बेटे ने फांसी लगाई है। अमानगंज थाना पुलिस ने इस घटना पर मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। इस घटना के सामने आने के बाद यह सवाल प्रमुखता से उठ रहा है कि क्वारंटाइन सेंटर में सुरक्षाकर्मियों से लेकर अन्य कर्मचारी तैनात होने के बावजूद वहां श्रमिक के साथ मारपीट होना और पर इसी वजह से उसके द्वारा कथिततौर आत्महत्या करने के लिये आाखिर कौन जिम्मेदार है। मर्ग जांच के अलावा प्रथम दृष्टया इस अक्ष्मय लापरवाही के लिये क्वारंटाइन सेंटर में तैनात कर्मचारियों की जावबदेही तय कर उनके खिलाफ भी क्या कार्यावाही की जायेगी यह देखना बेहद महत्वपूर्ण होगा।