* पन्ना कोतवाली थाना के समीपी ग्राम कुंजवन की घटना
* अजयगढ़ के युवक की दो दिन पूर्व लखनपुर सेहा में मिली थी लाश
पन्ना। (www.radarnews.in) खेत जाने के लिए सुबह-सुबह घर से निकले एक वृद्ध की धारदार हथियार से नृशंस हत्या कर दी गई। घटना कोतवाली थाना के समीपी ग्राम कुंजवन की है। मृतक की पहचान मोहन गौंड़ पुत्र शंकर गौंड़ 60 वर्ष निवासी ग्राम चीमट के रूप में हुई है। घटना के समय मोहन ग्राम कुंजवन में स्थित खेत की रखवाली करने जा रहा था। सोमवार की सुबह जब कुंजवन के लोग नींद से जागे तो हत्या की खबर का पता चलते ही दहशत में आ गए। पुलिस की प्रारंभिक जाँच में फिलहाल हत्या की वजह और अज्ञात कातिल का सुराग नहीं लग सका। मृतक के परिजनों का कहना है उनकी किसी से कोई बुराई नहीं थी, फिर इतनी बेरहमी वृद्ध मोहन की हत्या क्यों की गई यह रहस्य बरकरार है।
उल्लेखनीय है कि पन्ना कोतवाली थाना अंतर्गत तीन दिन में जघन्य हत्या की यह दूसरी वारदात है। इसके पूर्व शनिवार 7 दिसंबर की शाम अजयगढ़ क़स्बा से लापता युवक संतोष कुशवाहा पुत्र बाबूलाल कुशवाहा 30 वर्ष का शव लखनपुर सेहा में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था। हत्या की दो वारदातों के सामने आने के बाद से कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत सनसनी व्याप्त है। कोतवाली थाना पन्ना के नवागत निरीक्षक हरी सिंह ठाकुर के लिए इन दोनों अंधे हत्याकांड का जल्द से जल्द खुलासा कर वास्तविक कातिलों को पकड़ना किसी चुनौती से कम नहीं है।
तालाब के पास मिली लाश
रामसजीवन गौंड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि उसका परिवार कुंजवन ग्राम में स्थित एक खेत की रखवाली करता है। रविवार 8 दिसंबर को उसकी चाची की मौत हो गई थी। दोपहर में शव का अंतिम संस्कार होने के बाद वह और उसका भाई अपनी पत्नियों को लेकर कुंजवन स्थित खेत चले गए। रामसजीवन के अनुसार शाम के समय पिता मोहन गौंड़ 60 वर्ष को भी खेत पहुँचना था लेकिन देर रात तक जब वह नहीं आए तो दोनों भाई खेत में ही फसल की रखवाली के लिए रुक गए। जबकि उनके माता-पिता चीमट स्थित घर में रहे। सोमवार की अलसुबह रामसजीवन की माँ अघनिया बाई भी खेत पहुँच गई। कुछ ही देर बाद गोलू शर्मा नाम के युवक ने रामसजीवन को कॉल कर बताया कि उसके पिता खून से लथपथ हालत में दुबे ताल के नजदीक पड़े है।
जांच में जुटी पुलिस
आनन-फानन में अघनिया बाई और उसका देवर धरमू गौंड़ जब मौके पर पहुँचे तब तक मोहन गौंड़ की मौत हो चुकी थी। उसकी गर्दन में चाक़ू सरीके किसी धारदार हथियार से प्रहार किए जाने के घाव पाए गए। इसके अलावा सिर के पिछले हिस्से व अण्डकोष में भी गंभीर चोटें होने की जानकारी मिली है। यह कयास लगाया जा रहा है कि मोहन गौंड़ की हत्या खेत जाते समय की गई। हत्याकाण्ड की सूचना मिलने पर कोतवाली थाना निरीक्षक हरी सिंह ठाकुर दलबल के साथ तुरंत मौके पर पहुँच गए। सनसनीखेज अंधे क़त्ल का सुराग लगाने के लिए पुलिस और एफएसएल टीम ने घटनास्थल का गहन निरीक्षण किया। आसपास रहने वालों से भी घटना के संबंध में पूँछतांछ की गई। पुलिस के द्वारा घटना के हर पहलू की बारीकी से जाँच की जार रही है।
गले में बंधा था दुपट्टा
अजयगढ़ का कछियाना मोहल्ला निवासी संतोष कुशवाहा पुत्र बाबूलाल कुशवाहा 30 वर्ष शुक्रवार 6 दिसंबर हरदी जाने की बात कहकर अपने घर से निकला था। लेकिन वह रात्रि में वापिस घर नहीं लौटा। इससे चिंतित परिजनों द्वारा शनिवार सुबह से खोजबीन शुरू की गई। अजयगढ़ थाना पुलिस को भी जानकारी दी गई। इस दौरान लखनपुर सेहा में एक युवक की लाश पड़ी होने की सूचना मिलने पर संतोष के परिजन जब वहाँ पहुँचे तो एक पल के लिए उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। जवान बेटे को मृत अवस्था में पड़ा हुआ देख परिजन बिलख-बिलख कर रोने लगे। संतोष की गर्दन पर एक दुपट्टा बंधा हुआ पाया गया। हालांकि वह उसका नहीं था। मृतक का मोबाइल फोन पुलिस को मौके पर नहीं मिला। संदिग्ध परिस्थितियों में संतोष की लाश जंगल के अंदर 40 फिट गहरी खाई में मिलने से पीड़ित परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है। उनका कहना है कि संतोष की अज्ञात आरोपियों द्वारा सुनियोजित तरीके से हत्या की गई है।
मोबाइल फोन से हो सकता है खुलासा
संतोष के गले व चहरे के आसपास चोट के कई निशान पाए गए थे। अंधे क़त्ल की इस वारदात में किसी करीबी का हाथ होने संभावना जताई जा रही है। संतोष के गले में दुपट्टा मिलने से यह सनसनीखेज वारदात किसी युवती से भी जुड़ी हो सकती है। शव से कुछ ही दूरी पर उसकी बाइक खड़ी मिली थी। घटनास्थल पर तीन-चार अन्य गाड़ियों के भी पहुँचने की जानकारी मिली है। ऐसा माना जा रहा है कि संतोष कुशवाहा की हत्या करने के बाद आरोपी उसका मोबाइल फोन लेकर अन्य गाड़ियों से फरार हुए हैं। जानकारों का मानना है संतोष के मोबाइल फोन की लोकेशन और कॉल डिटेल खंगाल कर बड़ी आसानी से अंधे क़त्ल का खुलासा किया जा सकता है। लेकिन 48 घण्टे बाद भी पन्ना कोतवाली थाना पुलिस अज्ञात कातिलों को पकड़ना तो दूर उनका सुराग तक नहीं लगा पाई है।